झारखंड: जेएमएम ने गवर्नर को भेजा पत्र... कहा- चुनाव आयोग को भेज दिया जाए

जेएमएम ने झारखंड के गवर्नर रमेश बैस को माइनिंग लीज नोटिस से संबंधित मामले में एक पत्र भेजा है। पत्र में बीजेपी के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया गया है। जेएमएम ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि उसके पत्र को भारत निर्वाचन आयोग को अग्रसारित कर दिया जाए। इसमें जवाब उल्लेखित है।

झारखंड: जेएमएम ने गवर्नर को भेजा पत्र... कहा- चुनाव आयोग को भेज दिया जाए

रांची। जेएमएम ने झारखंड के गवर्नर रमेश बैस को माइनिंग लीज नोटिस से संबंधित मामले में एक पत्र भेजा है। पत्र में बीजेपी के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया गया है। जेएमएम ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि उसके पत्र को भारत निर्वाचन आयोग को अग्रसारित कर दिया जाए। इसमें जवाब उल्लेखित है।

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उल्लेखनीय है कि माइनिंग लीज आवंटन मामले में बीजेपी के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे सीएम हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग ने 31 मई को उपस्थित रहने के लिए कहा है। चुनाव आयोग उस दिन इस मामले की सुनवाई करने वाला है।  झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य विनोद पांडेय के हस्ताक्षर से राज्यपाल रमेश बैस को भेजे गए इस पत्र में झामुमो ने तर्क दिया है कि भाजपा द्वारा हेमंत सोरेन को अयोग्य घोषित करने संबंधी की गई शिकायत राज्य में भ्रम पैदा करने की साजिश है। बीजेपी की याचिका मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बेहतर तरीके से चल रही राज्य सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र है। बीजेपी ने पूरी तरह दुर्भावनापूर्ण, गलत और अफसोसजनक आरोप लगाया है। झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि पत्र को निर्वाचन आयोग को भेज दिया जाए।

 बीजेपी ने गवर्नर ने को किया था कंपलेन

उल्लेखनीय है कि झारखंड के एक्स सीएम रघुवर दास ने मीडिया के समक्ष खुलासा किया था कि सीएम हेमंत सोरेन ने विभागीय मंत्री रहते हुए अपने नाम से माइनिंग लीज आवंटित करा लिया है। इस खुलासे के बाद झारखंड की राजनीति गरमा गई। एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया। बीजेपी ने गवर्नर रमेश बैस से मिलकर इस मामले की शिकायत की। राज्यपाल ने इसे गंभीरता से लेते हुए भारत निर्वाचन आयोग तक मामले को पहुंचा दिया। आयोग ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए झारखंड के चीफ सेकरटेरी से रिपोर्ट तलब कर दी। चीफ सेकरटेरी ने आयोग को जवाब भेजा। आयोग ने हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर अपना पक्ष रखने को कहा।

हेमंत सोरेन ने मां की बीमारी का हवाला देते हुए एक महीने का समय मांगा, लेकिन आयोग ने दस दिनों की मोहलत दी। अब आयोग की ओर से इस मामले में 31 मई को सुनवाई होनी है। आयोग ने हेमंत सोरेन को तलब किया है। 31 मई को क्या होगा, सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। भाजपा की मांग है कि हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद की जाए।

झारखंड हाई कोर्ट में भी मामला

इसी मामले को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में भी एक याचिका दाखिल कर दी गई। मामले की भी सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने सीएम को अपना पक्ष रखने को कहा था। सीएम ने कोर्ट में अपना पक्ष भी रख दिया है। सीएम शुरू से कह रहे हैं कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है। झारखंड हाई कोर्ट का अभी तक इस मामले में कोई फैसला नहीं आया है।