Jharkhand Illegal Mining Case: ED के पास हेमंत सोरेन के खिलाफ पुख्ता सबूत, बड़े संकट में फंस गये CM

झारखंड में लगभग 1000 करोड़ के इलिगल माइनिंग मामले में मनी लांड्रिंग के तहत इन्विस्टीगेशन कर रही ED को सीएम हेमनंत सोरेन के खिलाफ पुख्ता सबूत मिला है। इसी आधार पर ईडी ने  पूछताछ के लिए सीएम हेमंत सोरेन को समन किया है। ईडी की समन के बाद सीएमसाहिबगंज के पतना में होने वाले अपने कार्यक्रम को रद कर लौट गये हैं। सूचना यह भी है कि वे गुरुवार को ईडी के सामने उपस्थित नहीं होंगे। ईडी के विरुद्ध वे कोर्ट जा सकते हैं।

Jharkhand  Illegal Mining Case: ED के पास हेमंत सोरेन के खिलाफ पुख्ता सबूत, बड़े संकट में फंस गये CM
  • खतरे में झारखंड 'सरकार'

रांची। झारखंड में लगभग 1000 करोड़ के इलिगल माइनिंग मामले में मनी लांड्रिंग के तहत इन्विस्टीगेशन कर रही ED को सीएम हेमनंत सोरेन के खिलाफ पुख्ता सबूत मिला है। इसी आधार पर ईडी ने  पूछताछ के लिए सीएम हेमंत सोरेन को समन किया है। ईडी की समन के बाद सीएमसाहिबगंज के पतना में होने वाले अपने कार्यक्रम को रद कर लौट गये हैं। सूचना यह भी है कि वे गुरुवार को ईडी के सामने उपस्थित नहीं होंगे। ईडी के विरुद्ध वे कोर्ट जा सकते हैं।

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1000 करोड़ रुपये का इलिगल माइनिंग का मामला

बताया जा रहा है कि ईडी ने सीएम को यह समन 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में पूर्व में गिरफ्तार उनके विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, निलंबित आइएएस अफसर पूजा सिंघल, नेताओं व नौकरशाहों के करीबी प्रेम प्रकाश व अमित अग्रवाल से पूछताछ में मिले तथ्यों के आधार पर किया गया है। ईडी ने पंकज मिश्रा के ठिकाने पर पूर्व में छापेमारी के दौरान पंकज मिश्रा के घर से एक लिफाफा मिला था, इसमें सीएम के बैंक खाते से जुड़ा चेकबुक भी मिला था, जिसमें दो चेकबुक साइन किये हुए थे।

लंबे समय से यह कयास लगाया जा रहा था कि देर सबेर 1000 करोड़ के इस इलिगल स्टोन माइनिंग  हेमंत सोरेन भी बुरी तरह फंस सकते हैं। अंतत: हेमंत सोरेन की भी बारी आ ही गई। यह कहानी झारखंड की भ्रष्ट आइएएस पूजा सिंघल और उसके सीए सुमन कुमार की गिरफ्तारी से शुरू हुई थी। इस कहानी का अंतिम छोर हेमंत सोरेन ही माने जा रहे थे। पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन का क्या होगा? क्या ईडी उन्हें भी अन्य आरोपितों की तरह गिरफ्तार करेगी? सबसे बड़ा सवाल राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

अब तक सभी आरोपित पहुंच चुके हैं जेल

झारखंड के इस Illegal Mining Case के मामले में ईडी ने अबतक जितने भी बड़े दिग्गजों से पूछताछ की है, उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है। इस समय सभी आरोपित रांची होटवार जेल में बंद हैं। कुछ बीमार होकर हॉस्पिटल में इलाजरत भी हैं। ये आरोपित हेमंत सोरेन के इतने करीबी हैं कि कोई भी सहज अनुमान लगा सकता कि हेमंत सोरेन कितनी बड़ी मुसीबत में घिरे हुए हैं। ये आरोपित हेमंत सोरेन को किस मुकाम पर पहुंचा सकते हैं। सभी आरोपितों की करतूतों का कनेक्शन सीधे हेमंत सोरेन से जुड़ता नजर आ रहा है। ईडी को कई साक्ष्य भी मिल चुके हैं। यही वजह है कि ईडी ने पहले ही में यह कह दिया था कि हेमंत सोरेन के खिलाफ उसके पास पुख्ता साक्ष्य है। इन आरोपितों के साथ ईडी ने अबतक जो बर्ताव किया है, उसी से यह कयास लगाया जा रहा कि हेमंत सोरेन पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। क्या होगा, यह भविष्य तय करेगा।
हेमंत सोरेन पर लटक रही है गिरफ्तारी की तलवार!

ईडी द्वारा अरेस्ट कर सभी आरोपित इस समय कोर्ट का चक्कर काट रहे हैं। जमानत के लिए गुहार लगा रहे हैं। अपनी बीमारी के अलावा तरह तरह के कारण बता रहे हैं, लेकिन अभी तक कोर्ट ने किसी को भी बेल नहीं दी है। सभी जेल में ही हैं। निकट भविष्य में इन्हें जमानत मिलने की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है। ऐसे में यदि पूछताछ के बाद ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ भी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दिया तो उन्हें कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। उन्हें भी अन्य आरोपितों की तरह ही जेल जाना होगा। बेल के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। चूंकि मामला गंभीर है, किसी को जमानत नहीं मिल रही है, इसलिए हेमंत सोरेन को भी कोर्ट तत्काल जमानत नहीं दे सकती। एक ही केस में आरोपितों के साथ एक ही तरह का बर्ताव संभव है। इसलिए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि हेमंत सोरेन को भी जेल जाना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में उन्हें इस्तीफा देने की नौबत आ सकती है।
आरोपितों का हेमंत सोरेन का कनेक्शन!
आइएएस पूजा सिंघल से कहानी शुरू हुई, वह माइंस डिपार्टमेंट की संकरटेरी थी।सीएम हेमंत सोरेन खुद माइंस मिनिस्टर हैं। इलिगल माइनिंग से वसूली व मनी लॉड्रिंग के आरोप में पूजा सिंघल जेल में हैं।  ईडी ने पंकज मिश्रा को अरेस्ट कर जेल भेजा है। पंकज सीएम हेमंत सोरेन का विधायक प्रतिनिधि है। ईडी पंकज मिश्रा को अवैध खनन का सबसे बड़ा माफिया मान रही है। पंकज मिश्रा के घर से हेमंत सोरेन के चेकबुक और पासबुक बरामद हो चुके हैं। ईडी ने पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश को अरेस्ट कर झेल भेजा है। उसके घर से एके-47 बरामद हुआ। यह सरकारी आर्म्स सीएम आवास में तैनात सुरक्षा कर्मचारियों के लिए आवंटित थे। प्रेम प्रकाश न तो किसी पार्टी का नेता व वीआइपी पर्सन। उसकी छवि नेताओं और ब्यूरोक्रैट्स के बीच दलाल की रही है। झारखंड की हर सरकार में वह ठेकेदारी करने और ट्रांसफर-पोस्टिंग कराने के धंधे के लिए मशहूर रहा है। पंकज मिश्रा के सहयोगी दाहू यादव व बच्चू यादव तथा सत्ता के करीबी कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को भी ईडी अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है।