झारखंड: लालू यादव की बेल पर अब छह सप्ताह बाद होगी सुनवाई,CBI ने कोर्ट से कहा- जेल भेजें

चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के एक्स सीएम व आरजेडी सुप्रीमो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेल पिटीशन पर छह सप्ताह के लिए सुनवाई टल गई है।

झारखंड: लालू यादव की बेल पर अब छह सप्ताह बाद होगी सुनवाई,CBI ने कोर्ट से कहा- जेल भेजें
  • सीबीआइ की ओर से कहा गया है कि लालू प्रसाद की तबीयत स्थिर है
  • फोन प्रकरण में उनके खिलाफ पटना में एफआइआर हो गयी है दर्ज 
  • लालू ने जेल मैन्युअल का उल्लंघन किया 

रांची। चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के एक्स सीएम व आरजेडी सुप्रीमो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेल पिटीशन पर छह सप्ताह के लिए सुनवाई टल गई है। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआइ के एडवोकेट ने कहा कि इस मामले में समय दिया जाए, क्योंकि सीनीयर एडवोकेट उपलब्ध नहीं है। 
लालू प्रसाद की ओर से इस मामले समय दिए जाने की बात कही गई है, जिसपर सीबीआइ ने कंसेंट दे दिया है। इस पर लालू के एडवोकेट देवर्षि मंडल में अदालत से लालू प्रसाद की कस्टडी सत्यापन और सीबीआइ के शपथ पत्र पर जवाब दाखिल करने के लिए छह सप्ताह का समय मांगा।उनकी ओर से इस मामले में सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तिथि निर्धारित करने की मांग की गई है, लेकिन कोर्ट ने कहा कि यह मामला छह सप्ताह बाद सुनवाई के लिए निर्धारित किया जायेगा। उल्लेखनीय कि सीबीआइ ने शपथ पत्र दाखिल कर कहा है कि लालू की तबीयत ठीक है और स्थिर है। इसलिए उन्हें रिम्स से हटाकर जेल भेजा जाए। इसके पीछे फोन प्रकरण और जेल मैन्युअल उल्लंघन का हवाला दिया गया है।

लालू प्रसाद की ओर से इस पर कोर्ट में जवाब दाखिल किया जायेगा। साथ ही लालू प्रसाद के दुमका मामले में सीबीआइ की ओर से 34 माह कस्टडी में रहने के दावे पर भी जवाब दाखिल किया जायेगा। विदित हो कि लालू प्रसाद ने दुमका कोषागार मामले में सजा की आधी अवधि पूरी करने पर बेल देने की गुहार लगाई है। इस मामले में सीबीआइ कोर्ट ने लालू प्रसाद को सात साल की सजा सुनाई है। लालू प्रसाद का दावा है कि उन्होंने इस मामले में 42 माह 19 दिन जेल में बिताए हैं, जो आधी सजा से ज्यादा है।लालू प्रसाद को अगर बेल मिलती तो वह जेल से बाहर निकल जाते। क्योंकि इससे पहले उन्हें तीन मामलों में बेल मिल चुकी है। 
फ्लैश बैक
लालू प्रसाद यादव को दुमका कोषागार मामले में सीबीआई कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है। उनका दावा है कि उन्होंने 42 माह से ज्यादा दिन जेल में बिताए हैं। जबकि सीबीआई का कहना है कि लालू यादव इस मामले में सिर्फ 34 माह ही जेल में रहे हैं। लालू प्रसाद ने दुमका कोषागार मामले में सजा की आधी अवधि जेल में काटने, बढ़ती उम्र व बीमारियों का हवाला देते हुए बेल की गुहार लगाई है। लालू प्रसाद को कुल चार मामलों में सजा मिली है। इसमें से चाईबासा के दो और देवघर से जुड़े  मामले में बेल मिल चुकी है। अगर दुमका कोषागार वाले मामले में लालू प्रसाद को बेल मिलती है तो वे जेल से बाहर निकल जायेंगे।