झारखंड: सुरक्षाबलों व नक्सलियों के बीच एनकाउंटर, बूढ़ा पहाड़ पर बंकर ध्वस्त, राशन व अन्य सामान बरामद

झारखंड और छत्तीसगढ़ की बोर्डर से सटे बूढ़ा पहाड़ पर सोमवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच लगभग चार घंटे तक एनकाउंटर हुई। दोनों ओर से घंटो हुई गोलीबारी की आवाज बूढ़ा पहाड़ से सटे कुजरूम गांव तक सुनाई पड़ी। फायरिंग के बाद सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों के एक बंकर को ध्वस्त कर दिया। इस बंकर से काफी मात्रा में नक्सलियों के खाने-पीने का सामान बरामद किया गया है।

झारखंड: सुरक्षाबलों व नक्सलियों के बीच एनकाउंटर, बूढ़ा पहाड़ पर बंकर ध्वस्त, राशन व अन्य सामान बरामद

पलामू। झारखंड और छत्तीसगढ़ की बोर्डर से सटे बूढ़ा पहाड़ पर सोमवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच लगभग चार घंटे तक एनकाउंटर हुई। दोनों ओर से घंटो हुई गोलीबारी की आवाज बूढ़ा पहाड़ से सटे कुजरूम गांव तक सुनाई पड़ी। फायरिंग के बाद सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों के एक बंकर को ध्वस्त कर दिया। इस बंकर से काफी मात्रा में नक्सलियों के खाने-पीने का सामान बरामद किया गया है।

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नक्सलियों के बंकर से मिले सामान

नक्सलियों के बंकर से सीरीज लैंड माइंस 30, प्रेशर कूकर लैंड माइंस 01, केन लैंड माइंस 03, सिरिंज लैंड माइंस 05, चावल एक हजार किलो, दाल 50 किलो, आटा 05 किलो, पालीथिन बड़ा साईज 10, नक्सल साहित्य, भारी मात्रा में दवा मिली है।

पुलिस का कहना है कि कि माओवादियों के खिलाफ बूढ़ा पहाड़ को खाली कराने के लिए ऑपरेशन चलाया जा रहा है।इस ऑपरेशन के दौरान सोमवार को पुलिस को कई सफलता मिली है। पुलिस ने बूढ़ा पहाड़ के इलाके में नक्सलियों द्वारा बनाये गये एक बंकर को ध्वस्त किया है। बंकर में काफी मात्रा में सामना रखा हुआ था जिसे पुलिस ने बरामद किया है। सुरक्षा बलों ने बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराने को लेकर लगातार ऑपरेशन चला रही है। इस ऑपरेशन के दौरान सोमवार को पुलिस-नक्सली एनकाउंटर हुई। पुलिस अफसरों का कहना है कि जब तक नक्सलियों के चंगुल से इसे मुक्त नहीं कराया जाता, तब तक ऑपरेशन जारी रहेगा।

मेदिनीनगर में हेलीकाप्टर तैनात
ऑपरेशन के लिए पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में हेलीकाप्टर की तैनाती की गई है। इसके माध्यम से जवानों को रसद पहुंचाई जा रही है। पूरे अभियान पर नजर रखी जा रही है। अभियान के लिए बूढ़ा पहाड़ से सटे हुए इलाके में सुरक्षाबलों ने दर्जनों ट्रैक्टर को रिजर्व में रखा है। ट्रैक्टर के माध्यम से ही जवानों को कई तरह की सामग्री और टेंट पहुंचाई गई है। बूढ़ा पहाड़ के इलाके में अभियान के लिए 20 से अधिक अस्थाई कैंप भी बनाये गये हैं। इन कैंप तक सामग्री को पंहुचाने के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस अभियान में कोबरा, जगुआर, सीआरपीएफ, जैप, आईआरबी और जिला बल और छत्तीसगढ़ के भी सुरक्षाबल शामिल हैं। अभियान को लेकर कोबरा सीआरपीएफ के सीनीयर अफसर पलामू में कैंप कर रहे हैं। पलामू में आपरेशन का वार रूम बनाया गया है।

झारखंड-छत्तीसगढ़ बोर्डर पर है बूढ़ा पहाड़
झारखंड-छत्तीसगढ़ बोर्डर पर स्थित बूढ़ा पहाड़ का क्षेत्र 55 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। बूढ़ा पहाड़ झारखंड के लातेहार और गढ़वा तथा छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से सटा एरिया है जो माओवादियों का सुरक्षित ठिकाना रहा है। बूढ़ा पहाड़ को माओवादियों से मुक्त कराना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती है। माओवादियों ने वर्ष 2013-14 में बूढ़ा पहाड़ को अपना हेडक्वार्टर बनाया था। एक करोड़ के इनामी दिवंगत माओवादी कमांडर अरविंद ने बूढ़ा पहाड़ को अपना मजबूत ठिकाना बनाया था।