Jharkhand: लोकसभा चुनाव से पहले हुई ट्रांसफर पोस्टिंग के तरीके से चुनाव आयोग नाराज, पड़ोसी जिले में भेजे गये ऑफिसर्स हटेंगे

लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने अफसरों को ट्रांसफर पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है। चुनाव आयोग ने चुनाव से पहले जिले से बाहर ट्रांसफर करनेवाले अफसरों को संसदीय क्षेत्र के किसी भी जिले में पोस्टिंग नहीं किये जाने की सलाह दी है। यह पॉलिसी चुनाव प्राधिकरण द्वारा उन मामलों पर 'गंभीरता से ध्यान' लेने के बाद आया है, जिनमें स्टेट गवर्नमेंट्स द्वारा अफसरों को एक ही संसदीय क्षेत्र के निकटवर्ती जिलों में ट्रांसफर किया जा रहा था।

Jharkhand: लोकसभा चुनाव से पहले हुई ट्रांसफर पोस्टिंग के तरीके से चुनाव आयोग नाराज, पड़ोसी जिले में भेजे गये ऑफिसर्स हटेंगे
  • लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने अफसरों को ट्रांसफर पॉलिसी में बड़ा बदलाव
  • एक बार फिर बड़े पैमाने पर हो सकती है ट्रांसफर-पोस्टिंग
  • अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में नहीं हुआ आयोग के निर्देश का पालन

नई दिल्ली/रांची। लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने अफसरों को ट्रांसफर पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है। चुनाव आयोग ने चुनाव से पहले जिले से बाहर ट्रांसफर करनेवाले अफसरों को संसदीय क्षेत्र के किसी भी जिले में पोस्टिंग नहीं किये जाने की सलाह दी है। यह पॉलिसी चुनाव प्राधिकरण द्वारा उन मामलों पर 'गंभीरता से ध्यान' लेने के बाद आया है, जिनमें स्टेट गवर्नमेंट्स द्वारा अफसरों को एक ही संसदीय क्षेत्र के निकटवर्ती जिलों में ट्रांसफर किया जा रहा था।

यह भी पढ़ें:Dhanbad: BCCL की आउटसोर्सिंग में वर्चस्व की जंग : रागिनी व रघुकुल समर्थकों में हिंसक झड़प, फायरिंग, बमबारी

झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी-सह-सचिव के रवि कुमार (ईसीआई) की ओर से सभी स्टेट को जारी लेटर के आलोक में झारखंड सरकार मंत्रिमंडल (निर्वाचन) विभाग ने शनिवार (24 फरवरी) को राज्य के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव को लेटर लिखा है। इसमें कहा है कि आम लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर निर्वाचन आयोग के आदेश पर अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के कंप्लायंस के बारे में जानकारी देंष लेटर के अनुसार, 21 दिसंबर 2023 को लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए आयोग ने राज्य में एक ही जगह पर चार साल या उससे अधिक समय से पोस्टेड अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के बारे में दिशा-निर्देश जारी किया था।

यह भी पढ़ें:गिरिडीह: फेल हो गई सारी सेटिंग-गेटिंग तो अब ढूंढ रहे गांव-जवारी से रिश्ता... पशोपेश में हैं सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर

अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में आयोग के निर्देश का पालन नहीं हुआ

झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा है कि आयोग को पता चला है कि लोकसभा चुनाव की वजह से अफसरों की होने वाली ट्रांसफर-पोस्टिंग में निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया है। अफसरों का ट्रांसफर एक ही संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के सीमावर्ती जिले में कर दिया गया है, जो ट्रासंफर पॉलिसी की मूल भावनाओं के खिलाफ है। इसलिए आयोग की ओर से निर्देश दिया जाता है कि जिन अफसरों का पहले ट्रांसफर किया गया है, लेकिन आयोग के निर्देश का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया है, उनका ट्रांसफर नियम के अनुरूप किया जाए। अब एक बार फिर बड़े पैमाने पर ट्रांसफर-पोस्टिंग हो सकती है।

26 फरवरी को तीन बजे तक भेजा जाना है आयोग को प्रतिवेदन

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से संबंधित अनुपालन प्रतिवेदन मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक के स्तर से 26 फरवरी 2024 को अपराह्न तीन बजे तक आयोग को भेजा जाना है. इसलिए निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप तत्काल समुचित कार्रवाई करें। इसके पहले 23 फरवरी को झारखंड के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने एक लेटर लिखी थी, जिसमें यही बातें कहीं गईं थीं।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी झारखंड ने सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को लेटर लिखकर कहा था कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ट्रांसफर-पोस्टिंग की कार्रवाई पूरी कर लें। उन्होंने कहा था कि जिलों की ओर से जो सूचना आयोग को दी गई है, उसके मुताबिक, विभागों ने ट्रांसफर-पोस्टिंग तो की है, लेकिन जिला स्तर पर कई अफसरों को रिलीज नहीं किया गया है. वहीं, कुछ लोगों का ट्रांसफर हो चुका है, उन्हें रिलीज भी कर दिया गया है, लेकिन उन्होंने नई जगह पर ज्वाइन नहीं किया है. ऐसे मामलों में आयोग का निर्देश है कि जल्द से जल्द अफसरों को रिलीज कर दें और जिन लोगों को रिलीज किया जा चुका है, वे वहां पर ज्वाइन करें, जहां उनका ट्रांसफर हुआ है।

बाधित हो रही लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने यह भी कहा था कि इसकी वजह से लोकसभा चुनाव की तैयारी से जुड़े काम बाधित हो रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा मार्च में कभी भी हो सकती है। अप्रैल-मई में झारखंड की 14 लोकसभा सीटों के साथ-साथ देश की 543 लोकसभा सीट के लिए चुनाव कराए जाने की संभावना है। चुनाव से पहले कई सालों से एक ही जगह पर पोस्टेड अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की जाती है।

चुनाव आयोग की पॉलिसी
चुनाव आयोग (EC) की नीति के अनुसार, वे सभी अफसर जो या तो अपने होम डिस्ट्रिक में पोस्टेड थे या किसी स्थान पर तीन साल पूरे कर चुके हैं, उन्हें लोकसभा या विधानसभा चुनावों से पहले ट्रांसफर कर दिया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे किसी कैंडिडेट या पार्टी के पक्ष में समान अवसर में खलल न डालें। चुनाव आयोग ने शनिवार को एक बयान में कहा, 'आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी मौजूदा स्थानांतरण नीति को मजबूत किया है कि अफसर चुनावों में समान अवसर को परेशान न कर सकें।'

चुनाव आयोग ने दिये निर्देश
मौजूदा निर्देशों में खामियों को दूर करते हुए, चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि, उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़कर, जिनमें दो संसदीय निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं, सभी राज्य यह सुनिश्चित करेंगे कि जिन अफसरों को जिले से बाहर ट्रांसफर किया गया है, उन्हें उसी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में तैनात नहीं किया जाए।मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के तहत चुनाव आयोग ने राज्यों से कहा है कि नीति का अक्षर और भावना दोनों से पालन किया जाना चाहिए, न कि केवल अनुपालन दिखाने के लिए छिपाया जाना चाहिए। चुनावों में समान अवसर में खलल डालने के खिलाफ आयोग की शून्य-सहिष्णुता की नीति रही है।