Jharkhand : हेमंत गवर्नमेंट के जवाब को सेंट्रल ने किया खारिज, अनुराग गुप्ता को DGP बनाये रखना गलत  

सेंट्रल गवर्नमेंट ने आईपीएस अफसर अनुराग गुप्ता को झारखंड का डीजीपी बनाये रखने के हेमंत सोरेन गवर्नमेंट के निर्णय को एक बार फिर गलत बताया है। स्टेट गवर्नमेंट के जवाब पर सेंट्रल ने एक बार फिर दोहराया है कि अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाये रखना गलत है।

Jharkhand : हेमंत गवर्नमेंट के जवाब को सेंट्रल ने किया खारिज, अनुराग गुप्ता को DGP बनाये रखना गलत   
अनुराग गुप्ता (फाइल फोटो)।
  • जिस नियम के तहत डीजीपी बनाया गया है वह अवैध
  • सेवा अधिनियम और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन
  • सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना

रांची। सेंट्रल गवर्नमेंट ने आईपीएस अफसर अनुराग गुप्ता को झारखंड का डीजीपी बनाये रखने के हेमंत सोरेन गवर्नमेंट के निर्णय को एक बार फिर गलत बताया है। स्टेट गवर्नमेंट के जवाब पर सेंट्रल ने एक बार फिर दोहराया है कि अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाये रखना गलत है।

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सेंट्रल गवर्नमेंट ने कहा है कि अनुराग गुप्ता 30 अप्रैल 2025 को रिटायर हो चुके हैं। उन्हें राज्य सरकार ने जिस नियमावली के आधार पर डीजीपी बनाया है, उस नियमावली को भी गलत बताया जा रहा है। इस प्रकार वे रिटायरत्त होने के बावजूद अपने पद पर बने हैं, जो अवैध है और सरकार सेवा अधिनियम के विपरीत है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है।
यह है मामला
पूर्व में भी सेंट्रल गवर्नमेंट ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर यह निर्देश दिया था कि अनुराग गुप्ता को उनके निर्धारित सेवानिवृत्ति तिथि 30 अप्रैल 2025 को सेवानिवृत्त करें।उन्हें जिस नियमावली के आधार पर डीजीपी के पद पर दो साल के लिए पदस्थापित किया गया है, वह नियमावली अवैध है।हालांकि, राज्य सरकार ने केंद्र के इस निर्देश का जवाब दिया था कि राज्य सरकार की नियमावली विधि सम्मत है और इसके आधार पर ही अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाया गया है। राज्य सरकार के इसी जवाब पर सेंट्रल ने फिर पत्र भेजा है।


झारखंड सरकार ने डीजीपी अनुराग गुप्ता को 30 अप्रैल 2025 को रिटायर्ड करने के सेंट्रल गवर्नमेंट के निर्देश पर असहमति जताई है। इसको लेकर सेंट्रल गवर्नमेंट ने स्टेट को जवाब भेज दिया है। 30 अप्रैल की रात को भेजे गये जवाब में राज्य सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए बनाये गये नियम को सही करार दिया था। पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार ने पुलिस एक्ट में निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए डीजीपी की नियुक्ति नियमावली बनायी है। सरकार द्वारा बनाया गया नियम सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के अनुकूल है। पत्र में यह भी कहा गया है कि डीजीपी की नियुक्ति के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में भी एक मामला विचाराधीन है। कोर्ट द्वारा अभी यह फैसला किया जाना बाकी है कि अनुराग गुप्ता की नियुक्ति नियमानुसार है या नहीं। इसलिए इस मुद्दे पर कोर्ट के फैसले के पहले भी पद से हटाना सही नहीं है।