Jharkhand  : गैंगस्टर सुजीत सिन्हा का फेसबुक पोस्ट, NIA केस के कारण अमन साहू को सौंपी थी कमान

झारखंड के जेल  जेल में बंद गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के नाम से सोशल मीडिया फेसबुक पर एक पोस्ट खूब वायरल हो रहा है। पोस्ट में कई गंभीर दावे किये गये हैं।  हालांकि थ्री सोसाईटीज न्यूज इस पोस्ट की पुष्टि नहीं करता है।

Jharkhand  : गैंगस्टर सुजीत सिन्हा का फेसबुक पोस्ट, NIA केस के कारण अमन साहू को सौंपी थी कमान
सुजीत सिन्हा (फाइल फोटो)।

रांची। झारखंड के जेल  जेल में बंद गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के नाम से सोशल मीडिया फेसबुक पर एक पोस्ट खूब वायरल हो रहा है। पोस्ट में कई गंभीर दावे किये गये हैं।  हालांकि थ्री सोसाईटीज न्यूज इस पोस्ट की पुष्टि नहीं करता है।
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सुजीत सिन्हा ने फेसबुक पोस्ट में दावा किया है कि एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की कार्रवाई के दबाव में उसने कोयलांचल की कमान गैंगस्टर अमन साहू (एनकाउंटर में मारा गया) को सौंपी थी। सुजीत ने कहना है कि तेतरियाखांड कांड के बाद जब एनआईए उनके पीछे लग गयी, तब उन्हें 'पीछे हटना' पड़ा और अमन साहू को संचालन की जिम्मेदारी दी गयी। वायरल पोस्ट के अनुसार, सुजीत सिन्हा के कहने पर अमन साहू ने प्रचार फैलाया कि सुजीत सिन्हा और अमन साहू अलग हो गये हैं। हालांकि हमलोग काम करते रहे, क्योंकि सुजीत सिन्हा के 'पिलर' पर अमन साहू का गिरोह खड़ा था। चूंकि 'छोटका' (अमन साहू) अब उनके बीच नहीं है, इसलिए उन्हें फिर से 'खुले में' आना पड़ रहा है।  सुजीत सिन्हा ने कोयला कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों और डीओ होल्डरों से अपील की है कि वे अगले तीन महीने तक सभी मासिक भुगतान रोक दें। सितंबर 2025 में आगे क्या करना है, इसकी जानकारी सभी को दी जायेगी।
जिसे मैं कुर्सी पर बैठा दूं, वही होता है  मयंक सिंह
पोस्ट के अनुसार, मयंक सिंह किसी व्यक्ति का नाम नहीं, बल्कि एक पद है और अभी यह पद खाली है।पोस्ट में सनसनीखेज दावा करते हुए सुजीत सिन्हा ने कहा कि मेरे द्वारा बनायी गयी कुर्सी पर जिसे बैठा दिया जाए, वही मयंक सिंह होता है। अजरबैजान में मयंक सिंह उर्फ सुनील मीना के पकड़े जाने के बाद जिस व्यक्ति को मयंक सिंह बनाया गया था (जो अभी तक लोगों से संपर्क कर रहा था), उसे अब कुर्सी से हटा दिया गया है। सुजीत सिन्हा ने बताया कि वह व्यक्ति कोयलांचल से हटकर सिविलियन और जमीन कारोबारियों से जबरन वसूली कर रहा था, जो संगठन की नीति के खिलाफ है। 
फेसबुक पोस्ट में लोगों को आगाह किया गया है कि चूंकि वही व्यक्ति अभी तक उनसे संपर्क कर रहा था। उसके पास सभी का पेमेंट लिस्ट या नंबर हो सकता है, इसलिए वह उन्हें भुगतान के लिए कॉल कर सकता है। सुजीत सिन्हा ने चेतावनी दी है कि अगर आप भुगतान करेंगे तो इसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे। तीन महीने बाद वह यह नहीं सुनेंगे कि भुगतान 'मयंक' को दे दिया गया था। पोस्ट में एक महत्वपूर्ण बात यह भी बताई गयी है कि अमन साहू की फेसबुक आईडी से अब कोई भी पोस्ट मान्य नहीं होगा, क्योंकि सुजीत सिन्हा अब 'मुख्य धारा से जुड़ गये हैं।  इन तीन महीनों के भीतर साहू गिरोह के किसी योग्य सदस्य को फिर से नेतृत्व का काम सौंपा जायेगा।
फेसबुक के जरिए यूपी के गुर्गों से संपर्क और रंगदारी की मांग की खबरों ने पुलिस को सतर्क कर दिया है। पलामू पुलिस ने कई फेसबुक प्रोफाइल्स पर निगरानी शुरू की है। सुजीत सिन्हा गैंग पर हत्या, रंगदारी और गोलीबारी के कई मामले दर्ज हैं, और वह जेल से भी कॉरपोरेट स्टाइल में गैंग चला रहा है। उल्लेखनीय है कि अमन साहू गिरोह के नाम से इंटरनेट पर धमकियां व अन्य घोषणाएं मयंक सिंह के नाम से की जाती रही हैं। पुलिस ने मयंक सिंह के नाम से पोस्ट करने वाले एक अपराधी को हाल ही में अरेस्ट किया था।