जमशेदपुर: गिले-शिकवे भूलाकर मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने एमएलए सरयू राय के पैर छूकर लिया आशीर्वाद

झारखंड के स्वास्थ्य व आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता व एमएलए सरयू राय बराबर एक-दूसरे पर बयानों के जरिए हमलावर होते हैं। लेकिन वैचारिक मतभेद कभी मनभेद के रूप में उजागर नहीं होता। तभी तो शुक्रवार को जमशेदपुर में बंगाल क्लब के शताब्दी समारोह के दौरान दोनों मिले तो बन्ना गुप्ता ने सरयू राय के पांव छू लिए। जवाब में सरयू राय ने भी मुस्कान बिखेरते हुए हाथ जोड़कर उन्हें प्रणाम किया।

जमशेदपुर: गिले-शिकवे भूलाकर मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने एमएलए सरयू राय के पैर छूकर लिया आशीर्वाद

जमशेदपुर। झारखंड के स्वास्थ्य व आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता व एमएलए सरयू राय बराबर एक-दूसरे पर बयानों के जरिए हमलावर होते हैं। लेकिन वैचारिक मतभेद कभी मनभेद के रूप में उजागर नहीं होता। तभी तो शुक्रवार को जमशेदपुर में बंगाल क्लब के शताब्दी समारोह के दौरान दोनों मिले तो बन्ना गुप्ता ने सरयू राय के पांव छू लिए। जवाब में सरयू राय ने भी मुस्कान बिखेरते हुए हाथ जोड़कर उन्हें प्रणाम किया।

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बन्ना गुप्ता ने लिए सरयू राय का आशीर्वाद

बन्ना गुप्ता ने शुक्रवार को सरयू राय के पैर छुए और आशीर्वाद मांगा, तो वहां मौजूद हर कोई भौंचक रह गया। हालांकि बन्ना गुप्ता ने पहली बार सरयू के पैर नहीं छुए हैं, लेकिन हालिया घटनाओं की वजह से यह बड़ी बात है। साकची स्थित बंगाल क्लब में आयोजित बांग्ला नववर्ष पोइला बैसाख के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में बन्ना गुप्ता व सरयू राय बतौर गेस्ट उपस्थित थे। जेएमएम एमएलए मंगल कालिंदी भी आये थे, लेकिन वे अपना भाषण देकर जल्दी निकल गये। कार्यक्रम समाप्त होने तक बन्ना गुप्ता व सरयू राय अगल-बगल के सोफे पर विराजमान रहे। शुरुआती गुफ्तगू के बाद दोनों में विशेष बातचीत नहीं हुई। सरयू चुपचाप दर्शकों को निहार रहे थे, जबकि बन्ना पास में बैठे बंगाल क्लब के अध्यक्ष व सीनीयर एडवोकेट तापस मित्रा से लगातार बातचीत कर रहे थे। बीच-बीच में मुस्कुरा रहे थे। कार्यक्रम समाप्त होने पर सरयू राय बिना भोजन किए निकल गये, जबकि बन्ना ने आयोजकों के साथ लाइन में लगकर दोपहर का भोजन किया।

बन्ना ने बांग्ला में दिया भाषण

हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने पोइला बैसाख के कार्यक्रम में बांग्ला में संबोधन शुरू किया तो दर्शक दीर्घा से तालियां गूंजने लगीं। हालांकि बन्ना बांग्ला बोलने में लड़खड़ाने लगे, तो हिंदी भी बोलने लगे। थोड़ी देर बाद उन्होंने कहा कि भूल-चूक माफ करें, मैं अच्छी तरह बांग्ला नहीं बोल पाता हूं। उन्होंने बंगाल क्लब के सदस्यों को यह आश्वासन देकर खुश कर दिया कि शताब्दी वर्ष में कार्यक्रमों के लिए वह विधायक निधि से भी मदद करेंगे।
एक ने बहुत बोला, दूसरे ने बहुत लिखा
इससे पहले सरयू राय ने कहा कि बंगाल में दो विभूतियों ने जन्म लिया, जिनमें एक ने बहुत बोला, जबकि दूसरे ने बहुत लिखा। सरयू ने कहा कि महर्षि अरविंद ने बहुत लिखा, जबकि स्वामी विवेकानंद ने बहुत बोला। दोनों ने बंगाल ही नहीं, पूरे देश-विदेश के लोगों को बहुत प्रभावित किया। इनके नाम से जुड़ी संस्थाएं भी अच्छा काम कर रही हैं।