JNUSU Election Result: जेएनयू में लहराया AISA-DSF गठबंधन का परचम, नीतीश कुमार बने प्रसिडेंट

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनाव 2024-25 में वामपंथी AISA-DSF गठबंधन ने चार में से तीन शीर्ष पदों पर कब्जा करके अपना दबदबा कायम रखा।

JNUSU Election Result: जेएनयू में लहराया AISA-DSF गठबंधन का परचम, नीतीश कुमार बने प्रसिडेंट
जीत के बाद जश्न मनाते गठबंधन के कार्यकर्ता।
  • वामपंथी गठबंधन ने चार में से तीन शीर्ष पदों पर कब्जा किया
  • ABVP ने 10 साल बाद लगायी लेफ्ट के गढ़ में सेंध
  • एबीवीपी ने संयुक्त सचिव पद जीत एक दशक से चले आ रहे सूखे को खत्म किया

नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनाव 2024-25 में वामपंथी AISA-DSF गठबंधन ने चार में से तीन शीर्ष पदों पर कब्जा करके अपना दबदबा कायम रखा। (आइसा) के नीतीश कुमार अध्यक्ष चुने गये। मनीषा (डीएसएफ) ने उपाध्यक्ष पद जीता। मुन्तेहा फातिमा (डीएसएफ) ने महासचिव का पद हासिल किया।

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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने बड़ी बढ़त हासिल की। एबीवीपी ने संयुक्त सचिव पद जीतकर एक दशक से चले आ रहे सूखे को खत्म किया, जिसमें वैभव मीना विजयी हुए।काउटिंग के दौरान अधिकांश दिन एबीवीपी के उम्मीदवार सभी चार केंद्रीय पैनल पदों पर आगे रहे, जो जेएनयू में पारंपरिक वामपंथी प्रभुत्व के लिए एक मजबूत चुनौती को दर्शाता है। हालांकि बाद में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और महासचिव चुनावों में पिछड़ गया, लेकिन हार का अंतर बहुत कम था, जो कैंपस में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है।

पांच हजार छात्रों ने डाले वोट

 जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी कैंपस में हिंसा के कारण देरी के बाद 25 अप्रैल को हुए चुनावों में लगभग 70 प्रतिशत स्टूडेट्स ने उत्साहपूर्वक मतदान किया। लगभग 5,500 छात्रों ने अपने वोट डाले, इस चतुष्कोणीय मुकाबले में आइसा-डीएसएफ, एबीवीपी और एनएसयूआई-फ्रेटरनिटी गठबंधन ने नियंत्रण के लिए होड़ लगायी।

पार्षद चुनावों में एबीवीपी ने 42 में से 23 सीटें जीत रचा इतिहास

पार्षद चुनावों में, एबीवीपी ने 42 में से 23 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया - 1999 के बाद से इसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। संगठन ने स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में जीत हासिल की और स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज, इंटरनेशनल स्टडीज और संस्कृत और इंडिक स्टडीज में उल्लेखनीय बढ़त हासिल की।

आईसा से चुने गये अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि इस कैंपस में लगातार फंड काटा जा रहा है। हम सरकार के खजाने से खींच कर फंड लायेंगे। कैंपस के आधारभूत संरचना को जो बर्बाद किया गया है उसको बेहतर किया जाएगा। जेएनयू प्रवेश परीक्षा के अपने मॉडल को दोबारा शुरू किया जाएगा। इस कैंपस का वामपंथ का आंदोलन खड़ा है।नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष मनीषा ने कहा कि इस जीत पूरे विश्वविद्यालय की जीत है। ये बाबा साहब की जीत है, उनके सपने की जीत है। जेएनयू लाल था और लाल ही रहेगा... हमने हमेशा छात्रों के लिए काम किया और उनकी आवाज उठाई, और हम भविष्य में भी यह काम करते रहेंगे।