गोवा में 1869 से लागू यूनिफॉर्म सिविल कोड जैसे कानून में हिंदुओं को बहुविवाह की छूट

डेढ़ सौ साल से भी पुराने गोवा के कानून में कई ऐसी बातें हैं जो कि आज के कानून के उलट हैं। इस यूनिफॉर्म सिविल कोड में हिंदुओं को बहुविवाह की छूट दी गई है लेकिन मुस्लिमों को इजाजत नहीं है।यूनीफॉर्म सिविल कोड का मतलब होता है कि डाईवोर्स, विवाह, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे मामलों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसा कानूनन होना। संविधान के आर्टिकल 44 में भी इस बात की उम्मीद जताई गई थी कि भविष्य में समान नागरिक संहिता की जरूरत होगी।  

गोवा में 1869 से लागू यूनिफॉर्म सिविल कोड जैसे कानून में हिंदुओं को बहुविवाह की छूट

नई दिल्ली। डेढ़ सौ साल से भी पुराने गोवा के कानून में कई ऐसी बातें हैं जो कि आज के कानून के उलट हैं। इस यूनिफॉर्म सिविल कोड में हिंदुओं को बहुविवाह की छूट दी गई है लेकिन मुस्लिमों को इजाजत नहीं है।यूनीफॉर्म सिविल कोड का मतलब होता है कि डाईवोर्स, विवाह, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे मामलों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसा कानूनन होना। संविधान के आर्टिकल 44 में भी इस बात की उम्मीद जताई गई थी कि भविष्य में समान नागरिक संहिता की जरूरत होगी।  

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गोवा में 1869 से ही यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है। यह पुर्तगाली कानून है। 1867 में पुर्तगालियों ने यूनिफॉर्म सिविल कोड बनाया था।और इसके बाद इसे अपने उपनिवेशों में भी लागू कर दिया। गोवा में भी 1869 में इस कानून को लागू कर दिया गया। इस कानून के तहत शादी का रजिस्ट्रेशन सिविल अथॉरिटी के पास कराना जरूरी है। इसके तहत अगर डाईवोर्स होता है तो महिला भी हसबैंड कि हर संपत्ति में आधी की हकदार है। पैरंट्स को अपनी कम से कम आधी संपत्ति का मालिक अपने बच्चों को बनाना होगा जिसमें बेटियां भी शामिल होंगी।
गोवा लॉ कमिशन की पूर्व सदस्य ऐडवोकेट क्लियोफाटो अलमेदा के अनुसार गोद लेने और शादी को लेकर इसमें पूरी तरह से एकरूपता नहीं है। पुर्तगाली सिविल कोड गोवा और दमन दीव में लागू है। समझौते के अनुसार गोवा की आजादी के समय कहा गया था कि जब तक किसी कंपीटेंट अथॉरिटी द्वारा इस कानून को रीप्लेस नहीं किया जाता, यह लागू रहेगा। अब हाल यह है कि पुर्तगाल में यह कानून हट गया है लेकिन गोवा में लागू है। पुर्तगाल में साल 1966 में ही नया सिविल कोड लागू कर दिया गया था।

हिंदुओं को बहुविवाह की छूट
इस यूनिफॉर्म सिविल कोड में मुस्लमों को बहुविवाह की इजाजत नहीं दी गई है। लेकिन हिंदुओं को विशेष परिस्थिति में इसकी छूट दी गई है। अगर किसी हिंदू की पत्नी 21 साल की उम्र तक किसी बच्चे को जन्म नहीं देती है या फिर 30 की उम्र तक लड़के को जन्म नहीं देती है तो वह दूसरा विवाह कर सकता है। इस मुद्दे को असदुद्दीन ओवैसी ने भी उठाया था। कहा था कि गोवा में हिंदुओं को भी कई शादियां करने की छूट है।