झारखंड में अवैध बालू माइनिंग की प्रबल आशंका ! महालेखाकार की रिपोर्ट से खुलासा
झारखंड में महालेखाकार की रिपोर्ट से बड़ा खुलासा हुआ है। बिना खनन के बावजूद 72% बालू गायब हो गया। DSR 2017-22 और 2022-27 की तुलना में बड़े पैमाने पर अवैध बालू खनन की आशंका जताई गई है।
बिना खनन 72% बालू गायब
रांची। झारखंड में बड़े पैमाने पर बालू के अवैध खनन (Illegal Sand Mining) का मामला सामने आया है। राज्य के महालेखाकार (CAG) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में यह गंभीर आशंका जताई है कि बिना आधिकारिक खनन के बावजूद बालू घाटों से भारी मात्रा में बालू गायब हो गया है। यह खुलासा District Sand Report (DSR) 2017-22 और DSR 2022-27 के तुलनात्मक अध्ययन के बाद हुआ है।
महालेखाकार की रिपोर्ट के अनुसार, जिन 14 बालू घाटों को नमूना जांच के लिए चुना गया, उनमें बालू घाटों का कुल क्षेत्रफल बढ़ा, लेकिन इसके बावजूद बालू की कुल मात्रा में 72.23 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है। यह स्थिति सामान्य प्राकृतिक कारणों या बारिश जैसी पर्यावरणीय घटनाओं से संभव नहीं मानी जा रही है, जिससे अवैध खनन की प्रबल संभावना जतायी गयी है।
इन जिलों के बालू घाटों की हुई जांच
महालेखाकार ने जिन 14 बालू घाटों को जांच के लिए चुना, वे तीन जिलों से संबंधित हैं—
धनबाद – 4 घाट
पाकुड़ – 6 घाट
सिमडेगा – 4 घाट
इन सभी घाटों को ऐसे स्थानों से चुना गया, जहां आधिकारिक रूप से किसी तरह का खनन नहीं हुआ था, ताकि वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन किया जा सके।
आंकड़ों ने खोल दी अवैध खनन की पोल
DSR 2017-22 के अनुसार:
कुल क्षेत्रफल: 129.46 हेक्टेयर
कुल बालू रिजर्व: 51.02 लाख मीट्रिक टन (MT)
DSR 2022-27 के अनुसार:
कुल क्षेत्रफल: 172.21 हेक्टेयर
कुल बालू रिजर्व: सिर्फ 14.11 लाख MT
यानी क्षेत्रफल में बढ़ोतरी के बावजूद बालू की मात्रा में 72.23% की गिरावट दर्ज की गई।
महालेखाकार ने रिपोर्ट में स्पष्ट कहा है कि इतनी भारी गिरावट सामान्य पर्यावरणीय कारणों से संभव नहीं है, बल्कि यह बड़े पैमाने पर अवैध बालू खनन का स्पष्ट संकेत है।
बालू घाटों में घटता रिजर्व (हेक्टेयर / लाख MT में)
| बालू घाट | DSR 2017-22 | DSR 2022-27 |
|---|---|---|
| लोधापट्टी | 16.00 - 2.16 | 45.00 - 4.47 |
| भौरा | 12.00 - 1.62 | 12.79 - 0.45 |
| चास नाला | 7.20 - 0.97 | 30.63 - 0.62 |
| जाजलपुर | 3.00 - 0.40 | 9.81 - 0.77 |
| बाबूदहा | 10.49 - 7.18 | 9.21 - 1.91 |
| रोलाग्राम | 14.94 - 7.61 | 8.09 - 0.62 |
| बरसिंघबपुर | 20.01 - 10.57 | 11.60 - 1.28 |
| गणपुरा | 7.08 - 2.46 | 6.00 - 0.58 |
| बेनाकुर | 9.76 - 6.87 | 7.75 - 0.68 |
| घुरानी | 10.96 - 3.85 | 3.60 - 0.56 |
| गोर्रा | 4.43 - 1.79 | 5.80 - 0.48 |
| कोनोरिया | 4.04 - 1.63 | 4.00 - 0.34 |
| रामजल | 4.84 - 1.96 | 5.92 - 0.21 |
| तताकेल | 4.71 - 1.90 | 12.00 - 1.01 |
सरकार पर उठे सवाल
महालेखाकार की इस रिपोर्ट के बाद खनन विभाग, प्रशासन और जिला स्तर के अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यदि आधिकारिक रूप से खनन नहीं हुआ, तो फिर बालू गया कहां? यह सवाल अब सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।सूत्रों के मुताबिक, इस रिपोर्ट के आधार पर उच्चस्तरीय जांच और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।






