IIT ISM 41st Convoction : स्टूडेंट्स को राष्ट्र निर्माण के साथ-साथ समाज निर्माण में भी रहना चाहिए तत्पर: गवर्नर

आईआईटी आईएसएम के 41 वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में  शनिवार को पहले दिन सेशन 2020 के 1978 स्टूडेंट्स को डिग्री दी गई। 2020 बैच के 59 स्टूडेंट्स को इंस्टीट्यूट गोल्ड मेडल दिया गया। कार्यक्रम में बौतर चीफ गेस्ठ उपस्थित झारखंड के गवर्नर रमेश बैस ने कहा कि संस्थान से शिक्षा प्राप्त कर छात्रों को राष्ट्र निर्माण के साथ-साथ समाज निर्माण में भी तत्पर रहना चाहिए। 

IIT ISM 41st Convoction : स्टूडेंट्स को राष्ट्र निर्माण के साथ-साथ समाज निर्माण में भी रहना चाहिए तत्पर: गवर्नर
  • रमेश बैस ने बांधे तारीफ के पुल...
  • स्टूडेंट्स को देश के प्रति जिम्मेदारियों  का कराया एहसास

धनबाद। आईआईटी आईएसएम के 41 वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में  शनिवार को पहले दिन सेशन 2020 के 1978 स्टूडेंट्स को डिग्री दी गई। 2020 बैच के 59 स्टूडेंट्स को इंस्टीट्यूट गोल्ड मेडल दिया गया। कार्यक्रम में बौतर चीफ गेस्ठ उपस्थित झारखंड के गवर्नर रमेश बैस ने कहा कि संस्थान से शिक्षा प्राप्त कर छात्रों को राष्ट्र निर्माण के साथ-साथ समाज निर्माण में भी तत्पर रहना चाहिए। 

यह भी पढ़ें:धनबाद: MLA ढुल्लू महतो के तिरंगा यात्रा में उमड़ा जनसैलाब... गांव से शहर से विरोधियों के दिखायी अपनी ताकत

उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स नजदीक के गांव व बस्ती में जाकर समय बिताना चाहिए। ग्रामीणों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का प्रयास करना चाहिए। उनकी समस्याएं जानने का प्रयास कर,अपनी तकनीक, सोच और रिसर्च के माध्यम से उसे दूर करने का प्रयास करना चाहिए.।आईआईटी आईएसएम इस दायित्व को भलीभांति निभा रहा है। संस्थान अपनी वैज्ञानिक सोच और तकनीक का प्रयोग कर आदिवासियों को तकनीकी रूप से दक्ष करने का काम कर रहा है।

रमेश बैस ने कहा कि शिक्षा और शिक्षण दोनों ही धन प्राप्ति का साधन न होकर जिम्मेदार नागरिक बन समाज और देशसेवा के प्रति लोगों को जागरूक करना होना चाहिए। यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आइएसएम जैसा इंजीनियरिंग संस्थान अपनी वैज्ञानिक सोच और तकनीक का प्रयोग कर आदिवासियों को तकनीकी रूप से दक्ष करने का काम कर रहा है। जामताड़ा जिले के अनुसूचित जाति के आदिवासियों पर विशेष ध्यान देकर वैज्ञानिक समझ विकसित करने का काम किया जा रहा है, ताकि उनके जीवन में बदलाव लाया जा सके। यह अच्छी पहल है। सिर्फ आइआइटी आइएसएम ही नहीं अन्य तकनीकी संस्थानों के प्रोफेसर और छात्र ग्रामीण इलाकों, दूर-दराज की आदिवासी बस्तियों में जाकर कुछ समय बिताएं। समस्याएं जानने का प्रयास करें और अपनी तकनीक, सोच और शोध के माध्यम से उसे दूर करने का प्रयास करें। 

इनोवेशन एवं रचानात्मकता को बढ़ावा देना चाहिए 
उन्होंने कहा कि आज होनहारों का दिन है। ऐतिहासिक पल है, स्टूडेंट्स को ड्र्गी मिली है। स्टूडेंट-टीचर सभी बधाई के पात्र हैं। अपने आचरण एवं उपलब्धि से अपने माता-पिता, परिवार, समाज, राज्य, संस्थान एवं देश का नाम रोशन करेंगे। इस संस्थान के दीक्षांत समारोह का साक्षी बनना उनके लिए हर्ष का क्षण है। संस्थान आज सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, अपनी सोच, इनोवेशन और रचानात्मकता के लिए भी जाना जा रहा है। इनोवेशन एवं रचानात्मकता को बढ़ावा देना चाहिए। 
आपकी सफलता देश की सफलता 
गवर्नर ने कहा कि यह भी निर्विवाद सत्य है कि यहां के छात्र विदेशों में भी स्वयं को स्थापित कर झारखंड एवं देश का रोशन कर रहे हैं। शैक्षणिक कार्य ही नहीं व्यावहारिक परियोजनाओं के माध्यम से जनजातीय समुदाय को तकनीक रूप से दक्ष करने के दिशा में प्रयास कर रहा है। शिक्षा के साथ ही समाज के प्रति भी जिम्मेवारी भी निभाएं। राष्ट्रनिर्माण के साथ आत्मनिर्भरता जरूरी है। आजादी का महोत्सव चल रहा है। आप सभी की इसमें सहभागिता सुनिश्चित होनी चाहिए। मेक इन इंडिया पर जोर होना चाहिए। नये भारत के सपने को साकार करें। अपने करियर में सफल हों। आपकी सफलता देश की सफलता है।
दुनिया जीतें

आईआईटी आईएसएम के डायरेक्टर प्रोफेसर राजीव शेखर ने कहा कि भारत अब सुपर पावर है. हमें चीन को पीछे छोड़ने का लक्ष्य रखना चाहिए। उन्होंने रतन टाटा व अन्य का उदाहरण देते हुए छात्रों से कहा कि आपको जो मौका मिला है उसे ग्रहण करें। जीवन में कभी शॉर्टकट नहीं अपनाएं। यहां से बाहर निकलकर दुनिया जीतें। देश का नाम रोशन करें।
 दीक्षांत समारोह की शुरुआत संस्थान के छात्रों को संस्कृत में शपथ दिलाकर और राष्ट्रगान से की गई। इसके बाद चीफ गेस्ट गवर्नर, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स आईआईटी आईएसएम प्रो प्रेम व्रत एवं निदेशक प्रोस्टूडेंट्स छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं।2020 सेशन के लिए प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के स्टूडेंटत्र हिमांशु भूषण संधिविग्रह को मिला। हिमांशु को सबसे अधिक 9.73 ओजीपीए मिला है। बीटेक में ओवरआल टापर हैं। हिमांशु को प्रेसिडेंट मेडल समेत विभिन्न श्रेणियों में पांच गोल्ड मेडल मिले। समारोह का सभापित्व बोर्ड आफ गवर्नर्स आइआइटी आइएसएम प्रो.प्रेम व्रत ने किया। सेशन2020 के 1978 छात्रों को डिग्री बांटी गई। इसमें बीटेक, एमटेक, एमएससी टेक, एमबीए एवं पीएचडी स्टूडेंट्स शामिल थे। 2020 बैच के 59 छात्रों को इंस्टीट्यूट गोल्ड मेडल दिया गया। कार्यक्रम का मंच संचालन डीन डा.रजनी सिंह ने किया।

किस ब्रांच में कितने छात्रों को मिलेा मेडल
बीटेक : 2020 सेशन के लिए 790
पांच वर्षीय ड्यूल डिग्री : 2020 के लिए 34
एमटेक-पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड प्रोग्राम : 2020 में 56
एमएससी टेक तीन वर्षीय : 2020 में 106
मास्टर आफ साइंस : 2020 में 107
एमटेक दो वर्षीय : 2020 में 493
एमटेक तीन वर्षीय : 2020 में 143
एमबीए दो वर्षीय : 2020 में 43
एमबीए तीन वर्षीय : 2020 में 22
दीक्षांत समारोह के दूसरे दिन आज 1659 स्टूडेंड्स को मिलेगी डिग्री
आइआइटी आइएसएम के 41वें दीक्षांत समारोह के दूसरे दिन रविवार को 1659 स्टूडेंट्स को डिग्री मिलेगी। दोनों सेशन में 3637 स्टूडेंट्स को डिग्री दी जा रही है। डिग्री पाने वालों में पीएचडी, बीई, बीटेक, ड्यूल डिग्री, एमटेक, एमबीए के छात्र शामिल हैं। दोनों सेशन के एक-एक स्टूडेंट को प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल और 104 छात्रों को इंस्टीट्यूट गोल्ड मेडल दिया जायेगा। इसमें 2021 सत्र के 55 छात्रों को इंस्टीट्यूट गोल्ड मिलेगा। सत्र 2021 के लिए बीटेक कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के अजीत कुमार को प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल मिलेगा। अजीत को 9.7 ओजीपीए मिला है। अजीत बीटेक में ओवरआल टापर बने हैं।
किस ब्रांच में कितने स्टूडेंट्स को मिलेगा मेडल
बीई : 2021 सेशन में 14 स्टूडेंट्
बीटेक : 2021 के लिए 788
पांच वर्षीय ड्यूल डिग्री : 2021 के लिए 20
एमटेक-पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड प्रोग्राम : 2021 में 62
एमएससी टेक तीन वर्षीय : 2021 में 83
मास्टर आफ साइंस : 2021 में 119
एमटेक दो वर्षीय : 2021 में 280
एमटेक तीन वर्षीय : 2021 में 20
एमबीए दो वर्षीय : 2021 में 19
एमबीए तीन वर्षीय : 2021 में 18