आठवीं बार RBI Monetary Policy रेट में नहीं हुआ कोई बदलाव, रेपो रेट चार परसेंट पर बरकरार  

आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने इसे पहले की तरह स्थिर रखा है।  रेपो रेट चार परसेंट तक बरकरार है। वहीं रिवर्स रेपो रेट भी पहले की तरह 3.35 परसेंट पर बना हुआ है।आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी की कमेटी ने यह आठवीं बार है जब इसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है।

आठवीं बार RBI Monetary Policy रेट में नहीं हुआ कोई बदलाव, रेपो रेट चार परसेंट पर बरकरार  
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास (फाइल फोट)।
  • IMPS के जरिये भेजी जाने वाली रकम की सीमा बढ़ाई
  • अब दो लाख के बजाय पांच लाख रुपये कर सकेंगे ट्रांसफर

नई दिल्ली। आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने इसे पहले की तरह स्थिर रखा है। रेपो रेट चार परसेंट तक बरकरार है। वहीं रिवर्स रेपो रेट भी पहले की तरह 3.35 परसेंट पर बना हुआ है।आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी की कमेटी ने यह आठवीं बार है जब इसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है।

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को Immediate Payment Service (IMPS) ट्रांजैक्शन की लिमिट दो लाख से बढाकर पांच लाख कर दिया है। National Payments Corp of India (NPCI) का IMPS सिस्टम कस्टमर्स को 24 घंटे पैसा ट्रांसफर करने की सुविधा देता है। इसमें internet banking, mobile banking apps, bank branches, ATMs, SMS और IVRS सर्विस शामिल है। इस सर्विस को 2014 में शामिल किया गया था। 

अर्थव्यस्था को लेकर अकोमडेटिव रूख बनाये रखा गया

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बाद की स्थिति को देखते हुए अब भी अर्थव्यस्था को लेकर अकोमडेटिव रूख बनाये रखा गया है। उन्होंने बताया कि इस पर हुई बैठक में MPC के सभी छह मेंबर्स ने एकमत से पॉलिसी रेट में बदलाव ना करने का फैसला लिया है।अकोमडेटिव रूख को लेकर 5:1 के मतों से फैसला लिया गया है। कमेटी में सिर्फ एक सदस्य थे जो अकोमडेटिव रुख के पक्ष में नहीं थे।RBI गवर्नर ने कहा कि रिजर्व बैंक लगातर ये कोशिशें करेगा कि महंगाई दर टारगेट के भीतर रहे। 

IMPS लिमिट बढ़ने से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा
IMPS सिस्टम सर्विस को 2014 में शामिल किया गया था। तब इसमें कोई ट्रांजैक्शन दो लाख से ऊपर का नहीं हो सकता था।वहीं SMS और IVRS चैनल के लिए प्रति ट्रांजैक्शन लिमिट 5000 है। अब RTGS भी राउंड द क्लॉंक हो रहा है। RBI ने कहा कि RTGS के बाद अब IMPS के सेटलमेंट साइकिल को बढ़ाने के लिए ऐसा किया गया है। RBI ने बयान में कहा कि IMPS लिमिट बढ़ने से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा। अब कस्टमर्स दो लाख रुपये से अधिक के डिजिटल पेमेंट कर पायेंगे।

प्रमुख ब्याज दरों में एक बार फिर से कोई बदलाव नहीं करने का फैसला

RBI ने प्रमुख ब्याज दरों में एक बार फिर से कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक के बाद बताया कि रेपो रेट को चार परसेंट पर बरकरार रखा है। रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) को 3.35 परसेंटपर बनाये रखा है।रिजर्व बैंक ने 2021-22 के लिए GDP Growth के अनुमान को भी 9.5 परसेंटपर यथावत कायम रखा है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक तीन दिन की बैठक छह6 अक्टूनबर को शुरू हुई थी और आठ अक्टूसबर तक चली है।