गुजरात में पहली सी-प्लेन सर्विस शुरु, पीएम मोदी ने केवड़िया से साबरमती तक भरी उड़ान

गुजरात में शनिवार को पहली सी-प्लेन सर्विस शुरु हो गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने केवड़िया में पहली सी-प्लेन सेवा का उद्घाटन किया। इससे पहले पीएम ने एकता दिवस परेड में हिस्सा लिया।पीएम मोदी ने इसके साथ ही सिविल सर्विसेज प्रोबेशनर्स को वर्चुअली संबोधित किया।

गुजरात में पहली सी-प्लेन सर्विस शुरु, पीएम मोदी ने केवड़िया से साबरमती तक भरी उड़ान
  • पीएम मोदी ने गुजरात के केवड़िया से पहली सी-प्लेन सर्विस का किया शुभारंभ किया 

अहमदाबाद। गुजरात में शनिवार को पहली सी-प्लेन सर्विस शुरु हो गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने केवड़िया में पहली सी-प्लेन सेवा का उद्घाटन किया। इससे पहले पीएम ने एकता दिवस परेड में हिस्सा लिया।पीएम मोदी ने इसके साथ ही सिविल सर्विसेज प्रोबेशनर्स को वर्चुअली संबोधित किया।

पीएम नरेंद्र मोदी केवड़िया से पहली सीप्लेन फ्लाइट से साबरमती रिवरफ्रंट पहुंचे। सी-प्लेन से उन्होंने अपनी यात्रा पूरी की। पीएम ने केवड़िया से साबरमती तक पहली सी-प्लेन में उड़ान भरी।पीएम मोदी ने केवड़िया से सी-प्लेन सेवा का उद्घाटन कर केवड़िया से साबरमती तक पहली सी-प्लेन में उड़ान भरी। वह फिलहाल सी-प्लेन में उड़ान भरी। ये सी- फ्लाइट अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट को केवड़िया, नर्मदा डिस्ट्रिक में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से जोड़ती है। इस प्रकार के विमान छोटे जल निकायों व छोटी हवाईपट्टी से उड़ान भरने व लैडिंग में सक्षम होते हैं। सी-प्लेन की उड़ानें स्पाइसजेट संचालित कर रही है। सी-प्लेन रोजाना दो उड़ान भरेगा।'स्टै च्यूं ऑफ यूनिटी' के पास से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली फ्लाइट में सफर किया। सीप्लेान सेवा से राज्य के टूरिज्म के अलावा 'उड़ान' योजना को भी खासा फायदा पहुंचने की उम्मी द है। शुक्रवार रात से टिकटों की बुकिंग शुरू हो गई थी। औपचारिक रूप से सेवा 1 नवंबर से शुरू होगी। केवड़िया और अहमदाबाद में वाटरड्रोम पर भी टिकट की व्यूवस्थाक की गई है। फिलहाल एक व्यंक्ति के लिए मिनिमम 1,500 रुपये किराया देना होगा। किराया तय सीटों के कोटा के हिसाब से होगा। मैक्सिमम किराया 4,800 रुपये प्रति व्यक्ति रखा गया है।सीप्लेटन सेवा के अफसर ने पीएम नरेंद्र मोदी को सुरक्षा संबंधी सभी सावधानियों के बारे में बताया। मोदी हाथ बांधे, बड़े ध्याधन से हर एक बात सुनते रहे।

पाकिस्तान का नाम लिए बिना बोला हमला

पीएम मोदी ने इससे पहले स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से एकता दिवस परेड के बाद अपने संबोधन में कहा कि पिछले दिनों पड़ोसी देश से जो खबरें आईं हैं, जिस प्रकार वहां की संसद में सत्य स्वीकारा गया है। उसने इन लोगों के असली चेहरों को देश के सामने ला दिया है। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए, ये लोग किस हद तक जा सकते हैं। पुलवामा हमले के बाद की गई राजनीति, इसका बड़ा उदाहरण है।उन्होंने कहा कि देश यह कभी नहीं भूल सकता कि पुलवामा हमले के दौरान कुछ लोग सुरक्षाकर्मियों के बलिदान पर दुखी नहीं थे। उस समय, ये लोग केवल राजनीति कर रहे थे। मैं उनसे राष्ट्र के हित में ऐसी राजनीति नहीं करने का अनुरोध करता हूं।

पीएम मोदी ने पुलवामा हमले के बाद की गई राजनीति पर कहा कि ऐसे राजनीतिक दलों से आग्रह करूंगा कि देश की सुरक्षा के हित में, हमारे सुरक्षाबलों के मनोबल के लिए, कृपा करके ऐसी राजनीति न करें, ऐसी चीजों से बचें।अपने स्वार्थ के लिए, जाने-अनजाने आप देशविरोधी ताकतों की हाथों में खेलकर, न आप देश का हित कर पाएंगे और न ही अपने दल का।मोदी ने कहा कि आज दुनिया के सभी देशों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है। आतंकवाद और हिंसा से किसी को फायदा नहीं हो सकता। भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद को हमेशा एकजुट होकर करारा जवाब दिया है।कश्मीर विकास की राह पर है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। मोदी ने सरदार पटेल को याद करते हुए कहा कि सरदार होते तो धारा 370 पहले ही खत्म हो गई होती।आज कश्मीर विकास की नई राह पर चल पड़ा है, चाहे वह पूर्वोत्तर में शांति की बहाली हो, या वहां के विकास के लिए उठाए जा रहे कदम, आज देश एकता के नए आयाम स्थापित कर रहा है।

 पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि दी

देश के पहले होम मिनिस्टर सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती देश भर में में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस मौके पर पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि दी। पीएम नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की 145वीं जयंती पर एक बार फिर सर्वहित देशहित का संदेश देते हुए आतंकवाद व नकारात्मक राजनीति पर बरसे।उन्होंने सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद देशवासियों को राष्ट्रीय एकता की शपथ भी दिलाई। इस दौरान 'स्टैदच्यू ऑफ यूनिटी पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी की गई। इस परेड में केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल, सीमा सुरक्षा बल, भारतीय-तिब्बत सीमा पुलिस, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के जवान शामिल हुए। सीआरपीएफ की महिला अधिकारियों द्वारा इस मौके पर राइफल ड्रिल का प्रदर्शन भी किया गया। केवडिया की आदिवासी विरासत को भी एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए लोगों के सामने प्रदर्शित किया गया।गुजरात में नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के सामने सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची लौह प्रतिमा का निर्माण किया गया है। इस प्रतिमा का नाम 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी रखा गया है। 

पीएम मोदी ने सिविल सर्विसेज प्रोबेशनर्स को संबोधित किया, कहा-समाज से कटिए मत, उससे जुड़िए
पीएम मोदी ने सिविल सर्विसेज प्रोबेशनर्स को संबोधित करते हुए कहा कि जनता न केवल सरकारी नीतियों, कार्यक्रमों की लाभार्थी है, बल्कि असली प्रेरक शक्ति है। इसलिए हमें सरकार से शासन की ओर बढ़ने की जरूरत है।मोदी ने सिविल सर्विसेज प्रोबेशनर्स को समाज से जुड़ने की सलाह देते हुए कहा कि वह ऐसा करते हैं तो वही समाज उनकी शक्ति का सहारा बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी जो भी फैसला लें, वह देशहित में होना चाहिए और उससे देश की एकता और संप्रभुता मजबूत होनी चाहिए। पीएम वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मंसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी के भारतीय सिविल सेवा के 428 प्रोबेशनर्स से ''आरंभ 2020 कार्यक्रम के तहत संवाद कर रहे थे। पीएम ने कहा कि किसी सिविल सर्विस के अफसर के लिए सबसे पहले जरूरी है कि वह देश के सामान्य जन से निरंतर जुड़े रहे। जब आप लोगों से जुड़े रहेंगे तो लोकतंत्र में काम करना आसान हो जायेगा।समाज से कटिए मत, उससे जुड़िए। वह आपकी शक्ति का सहरा बनेगा।

उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका सरकार में न्यूनतम और शासन में अधिकतम है। उन्होंने प्रोबेशनर्स से अपील की वे आम लोगों के जीवन में न्यूनतम हस्तक्षेप सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सरकार शीर्ष से नहीं चलती है। नीतियां जिस जनता के लिए हैं, उनका समावेश बहुत जरूरी है। जनता केवल सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों की रिसीवर नहीं है, जनता जनार्दन ही असली ड्राइविंग फोर्स है।प्रशासनिक अधिकारी जो भी फैसला लें वह देशहित में होना चाहिए और उससे देश की एकता और संप्रभुता मजबूत होनी चाहिए। ''आरंभ एक ऐसा प्रयास है जिसके जरिए सभी अखिल भारतीय सेवा, ग्रुप-ए केंद्रीय सेवाएं, विदेश सेवाओं के प्रशिक्षुओं को एक कॉमन फाउंडेशन पाठ्यक्रम (सीएफसी) के जरिए एक साथ लाया जाता है।इसका उद्देश्य परंपरागत रूप से विभागीय और सेवाओं स्तर पर बंटी आ रही सोच को खत्म करना है जिससे कि अपने करियर को सिविल अधिकारी नई सोच के साथ शुरू कर सके।आरंभ का उद्देश्य सिविल अधिकारियों के अंदर विभिन्न विभागों और क्षेत्रों के साथ बिना किसी अड़चन के मिलकर काम करने की क्षमता विकसित करना है। ''आरंभ'' की शुरुआत 2019 में 94वें फाउंडेशन कोर्स के तहत की गई थी। जिसमें गुजरात के केवडिया स्थित 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' में 20 विभिन्न सेवाओं के प्रोबेशनर्स अफसर एक सप्ताह के लंबे कार्यक्रम में भाग लेते हैं।