धनबाद: डिलीवरी के बाद महिला की मौत,राज नर्सिंग होम में हंगामा

हाउसिंग कॉलोनी स्थित डॉ सबिता शुक्ला दास के राज नर्सिंग होम में डिलीवरी के बाद डीजीएमएस कॉलोनी निवासी महिला कृतिका तिवारी की मौत हो गयी। महिला की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ।परिजनों ने डॉक्टर इलाज में र लापरवाही का आरोप लगाया। मौके पर पहुंची पुलिस मौके ने परिजनों को समझा-बुझाकर शांत किया। 

धनबाद: डिलीवरी के बाद महिला की मौत,राज नर्सिंग होम में हंगामा

धनबाद। हाउसिंग कॉलोनी स्थित डॉ सबिता शुक्ला दास के राज नर्सिंग होम में डिलीवरी के बाद डीजीएमएस कॉलोनी निवासी महिला कृतिका तिवारी की मौत हो गयी। महिला की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ।परिजनों ने डॉक्टर इलाज में र लापरवाही का आरोप लगाया। मौके पर पहुंची पुलिस मौके ने परिजनों को समझा-बुझाकर शांत किया। 

कृतिका के पति भोला तिवारी ने कहा कि जेनरल डिलीवरी के बाद अचानक से मौत कैसे हो गयी। कृतिका को शनिवार की रात 12 बजे राज नर्सिंग होम में एडमिट कराया गयाथा। लगभग 1.20 बजे बताया गया कि जेनरल डिलीवरी से लड़का हुआ है। कुछ देर के बाद कहा गया कि खून काफी बह गया है। पति भोला तिवारी को खून लाने की बात कह कर अस्पताल से भेज दिया गया। एक यूनिट ब्लड देने के बाद भी कृतिका की मौत हो गयी। हंगामा के दौरानडॉक्टर व स्टाफ बॉडी छोड़कर हॉस्पीटल से निकल गये।  

कोरोना संक्रमित मिली कृतिका
कृतिका तिवारी की बॉडी का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड गठित कर किया गया। वह कोरोना संक्रमित निकली।
आइएमए के कार्यकारी जिलाध्यक्ष से मारपीट

आइएमए के कार्यकारी जिलाध्यक्ष डॉ मेजर चंदन ने रविवार को धनबाद पुलिस स्टेशन में मारपीट किये जाने की कंपलेन की है। उन्होंने पुलिस को बताया है कि रविवार की सुबह राज क्लीनिक हाउसिंग कॉलोनी से डॉ यूएस प्रसाद ने फोन कर बताया उनकी क्लीनिक में एक पेसेंट की मौत हो गयी है।पेसेंट के परिजन हंगामा कर रहे। मैं वहां पहुंचा मौजूद लोग ऊंची आवाज में बात कर रहे थे। लोगों को समझाने का प्रयास किया, तो दो तीन लोग आये और अपशब्द बोलते हुए मुझपर हमला कर दिया। इससे मेरी आंख व शरीर के कई हिस्से में चोट आया हैआइएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर एके सिंह व जिला सचिव डॉ सुशील कुमार ने दोषियों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। डॉ सुशील ने कहा कि 24 घंटा का प्रशासन को अल्टीमेटम दिया गया है। दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो आपदा की इस घड़ी में देखना है पड़ेगा कि डॉक्टरों को सेवा देनी है कि नहीं।