धनबाद: बाल सुधार गृह में बंदियों को नशे का सामान पहुंचा रहे हैं सिक्युरिटी स्टाफ, इंचार्ज डिसमिस

राज्य बाल कल्याण परिषद की टीम बुधवार को धनबाद बाल सुधार गृह की जांच की। टीम यहां सजायाफ्ता व विचारधीन बाल बंदियों के बीच हुई मारपीट की जांच के लिए पहुंची थी। 

धनबाद: बाल सुधार गृह में बंदियों को नशे का सामान पहुंचा रहे हैं सिक्युरिटी स्टाफ, इंचार्ज डिसमिस
  • राज्य बाल कल्याण परिषद ने धनबाद बाल सुधार गृह की जांच की
  • बाल बंदियों की हर डिमांड पूरी कर रहे 25 सिक्युरिटी स्टाफ चिह्नित
  • बाल सुधार गृह में 18 वर्ष से अधिक उम्र के भी कई बंदी, हटाया जायेगा
  • गवर्नर को सौंपी जायेगी पूरी रिपोर्ट

धनबाद। राज्य बाल कल्याण परिषद की टीम बुधवार को धनबाद बाल सुधार गृह की जांच की। टीम यहां सजायाफ्ता व विचारधीन बाल बंदियों के बीच हुई मारपीट की जांच के लिए पहुंची थी। 
जांच टीम में राज्य बाल कल्याण परिषद की उपाध्यक्ष पुष्पा भुवलका, राज्य बाल परिषद की सदस्य व हाइकोर्ट की अधिवक्ता आरती कुमारी, परिषद की सदस्य प्रगति जैरथ व प्रदीप कुमार शामिल थे। टीम के साथ जिला एवं सत्र न्यायधीश बसंत कुमार गोस्वामी, डीसी उमाशंकर सिंह, एसएसपी असीम विक्रांत मिंज, चाइल्ड लाइन धनबाद जिला कॉडिनेटर अलीशा, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी साधना कुमारी, काउंसेलर प्रियरंजन समेत अन्य अफसर उपस्थित थे। 
प्रदीप कुमार ने बताया कि सुधार गृह की जांच में कई अनियमितताएं मिली हैं। 25 सिक्युरिटी गार्ड बाल बंदियों की हर डिमांड पूरी कर रहे है। सभी को चिह्नित कर लिया गया है। ये लोग बाल बंदियों को नशा का सामान भी पहुंचा रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से सुधार गृह में रेगुलर चेकिंग नहीं हो रही है। बाल बंदियों की काउंसेलिंग भी नहीं की जा रही है। उन्होंने बताया  जांच की पूरी रिपोर्ट राज्यपाल को दी जायेगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। जांच टीम की अनुशंसा पर डीसी ने बाल सुधार गृह के इंचार्ज (संविदा कर्मी) पारसनाथ तांती को डिसमिस कर दिया है। संतोष कुमार को नया इंचार्ज बनाया गया है।
10-12 साल के बाल बंदियों को जान का खतरा
टीम ने सुधार गृह की जांच की, तो उन्हें 10-12 वर्ष के कई बाल बंदी मिले है। पूछताछ में उन्होंने बताया कि बड़े बाल बंदियों से वह अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते रहते हैं। जिस दिन झगड़ा हुआ था, उस दिन भी वे लोग बेड के नीचे घुस गये थे। जांच टीम को बाल सुधार गृह में 18 वर्ष से अधिक के 18 बंदी मिले है।पुष्पा भुवलका ने बताया कि ऐसे बंदियों को जल्द यहां से हटाया जायेगा। इस पर विचार-विमर्श किया गया है।
विचारधीन व सजायाफ्ता बंदी का गुट 
बाल सुधार गृह में विचारधीन व सजायाफ्ता बंदियों के दो अलग-अलग गुट बन गये है। दोनों गुट एक दूसरे पर दबदबा बना कर रखना चाहते है। इस कारण आये दिन दोनों गुटों में विवाद व झड़प होते रहता है।  टीम के अनुसार दोनों गुटों को लीडर की आयु 18 वर्ष से अधिक है। इसलिए दोनों को वहां से जल्द हटाने की प्रक्रिया की जायेगी।लगातार सुधार गृह में बच्चों की काउंसेलिंग भी की जायेगी।
यह है मामला 
बाल सुधार गृह में 29 दिसंबर की रात सजायाफ्ता व विचारधीन बाल बंदियों के बीच मारपीट हुई थी।लगभग 950 बाल बंदी दो गुटों में बंट कर मारपीट करने लगे थे। एक-दूसरे पर पत्थरों से हमला किया जा रहा था। इसमें एक दर्जन बाल बंदी इसमें घायल हो गये थे। अंदर से पत्थर फेंकने से बाहर रोड पर घूम रहे मुहल्ले के लोगों को भी चोट लगी थी। इसके बाद लोकल लोगों ने भी हंगामा किया था।