धनबाद: प्रधान मुख्य वन संरक्षक को आउटसोर्सिंग में वनों की कटाई के संबंध में सौंपा ज्ञापन

अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक झारखंड रांची को धनबाद जिला में मुख्य सड़कों विभिन्न संस्थानों एवं भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के द्वारा संचालित आउटसोर्सिंग में वनों की कटाई के संबंध में ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन देने वालों में मुकेश पांडेय श्रवन सिन्हा, विकास व पवन शर्मा इत्यादि थे।

धनबाद: प्रधान मुख्य वन संरक्षक को आउटसोर्सिंग में वनों की कटाई के संबंध में सौंपा ज्ञापन

धनबाद।अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक झारखंड रांची को धनबाद जिला में मुख्य सड़कों विभिन्न संस्थानों एवं भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के द्वारा संचालित आउटसोर्सिंग में वनों की कटाई के संबंध में ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन देने वालों में मुकेश पांडेय श्रवन सिन्हा, विकास व पवन शर्मा इत्यादि थे।

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ज्ञापन में कहा गया है कि जहां पूरा देश और झारखंड सरकार वन महोत्सव मना रहा है। विभिन्न तरह के कार्यक्रम हो रहे हैं। आम जनता को पेड़ पौधे लगाने के लिए सरकार प्रोत्साहन दे रही है उत्साहित भी कर रही है। वही धनबाद जिले में पांच-छह वर्षों में बड़े बड़े सड़कों का निर्माण हुआ। जैसे छह लेन आठ लेन निर्माणधीन है दर्जनों छोटी बड़ी सड़कों का निर्माण हुआ और दर्जनों सड़क निर्माणधीन है। इन सड़कों के  निर्माण के क्रम में हजारों की संख्या में पेड़ की कटाई हुई। इसमें अधिकांश पेड़ फलदार व कीमती वृक्ष थे। वह पेड़ कहां गये किधर गये जिसका ता पता नहीं है। इन सड़कों के बीच में इक्के दुक्के ही पौधे लगाए गए। वह भी पौधे झाड़ झंकार ही हैं, ना ही फलदार वृक्ष है, ना ही कीमती वृक्ष लगाये गये। 
एक वृक्ष के बदले 5 से 10 वृक्ष लगाने हैं। जांच हो तो इक्के दुक्के झाड़ झंकार जैसे ही पौधे लगवाये गये हैं। जितने भी वृक्ष लगे हुए थे।जैसे आम कटहल पीपल महुआ शीशम सागवान मोहगानी सखुआ बड़ इत्यादि फलदार और कीमती वृक्ष थे। इक्के दुक्के पौधे लग रहे हैं वह जंगल झाड़ जैसे वृक्ष ही लग रहे हैं। विगत कुछ वर्षों से  धनबाद जिले में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड द्वारा जितने भी संचालित आउटसोर्सिंग द्वारा कोयला खनन हो रहा है। और कोयला खनन के क्रम में हजारों वृक्षों की कटाई हो रही है।वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया जा रहा है या नहीं लिया जा रहा है। या बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए ही वृक्षों की अवैध कटाई हो रही है। यह भी जांच का विषय है। धनबाद जिला के वन क्षेत्र में हमेशा अव्वल रहा है किंतु विगत कुछ वर्षों में वन क्षेत्र घटते जा रहे हैं जिसके कारण विगत वर्षों में धनबाद का मौसम धनबाद का तापमान कहा 30-35 डिग्री रहता था। अब धनबाद का तापमान विगत वर्षों में 40 से 48 डिग्री के बीच रह रहा है। यह सब वनों की अवैध कटाई के कारण हो रहा है। धनबाद जिला वन क्षेत्र की जमीनों का परिसीमन होना चाहिए। विगत कुछ वर्षों में धनबाद की जमीनों की कीमतें आसमान छू रही है। इधर धनबाद जिला में कुछ वर्षों से जमीनों को गलत ढंग से खरीदा बेचा जा रहा है खरीद बिक्री हो रही है। वन विभाग के कीमती जमीनों को भी गलत कागज बनवा कर खरीद बिक्री की जा रही है। यह भी जांच का विषय है और मांग किया कि पुराना /नया नक्शा के द्वारा धनबाद जिले में जितने भी वन विभाग की जमीन है उनका परिसीमन कर संचित संरक्षित किया जाए। आईएसएम आईआईटी द्वारा निर्माण के क्रम में भी सैकड़ों फलदार और कीमती वृक्ष काटे गये है। वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए की नही ये भी जांच का विषय है।धनबाद में बड़े-बड़े संस्थानों द्वारा निर्माण के क्रम में  जो पेड़ काटे गये। वह सभी संस्थान एवं कंपनियां अनापत्ति प्रमाण पत्र वन विभाग से लिए कि नहीं लिए यह भी जांच का विषय है। भारत कोकिंग कोल लिमिटेड रेलवे एवं धनबाद में जितने भी केंद्रीय संस्थान हैं एवं राज्य सरकार के जो संस्थान हैं इनको भी युद्ध स्तर पर वृक्षारोपण करना चाहिए क्योंकि यह सभी सिर्फ धनबाद का दोहन ही कर रहे हैं। इनके द्वारा विकास के कार्य एवं इस वन महोत्सव में युद्ध स्तर पर पौधे लगाने चाहिए। साथी जांच उपरांत जितने भी बृक्षो के कटाई हुए हैं उनके स्थान पर एक वृक्ष के बदले 10 वृक्ष लगने चाहिए। जो बनो के अवैध कटाई कर रहे हैं और करवा रहे हैं उन पर कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान हो। अपर मुख्य वन संरक्षक महोदय ने आश्वस्त किया कि जो भी दोषी होंगे उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी दोषी बख्शे नहीं जायेंगे।