धनबाद: CIMFR में प्राइवेट वाहनों के टेंडर पर डायरेक्टर ने लगाई रोक एजेंसी को पेमेंट में गड़बड़ी का आरोप

CIMFR (केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान)  धनबाद में एक साल की टेंडर पर चार वर्षों से प्राइवेट वाहनों की सप्लाई करने में गड़बड़ी की कंपलेन मिली है।  सिंफर डायरेक्टर प्रोफेसर डॉक्टर अरविंद कुमार मिश्रा ने ने कड़ा रुख अखि्तयार करते हुए एक जनवरी 2023 से पुरानी टेंडर पर गाड़ी सप्लाई पर रोक लगा दी है।

धनबाद:  CIMFR में प्राइवेट वाहनों के टेंडर पर डायरेक्टर ने लगाई रोक एजेंसी को पेमेंट में गड़बड़ी का आरोप

धनबाद। CIMFR (केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान)  धनबाद में एक साल की टेंडर पर चार वर्षों से प्राइवेट वाहनों की सप्लाई करने में गड़बड़ी की कंपलेन मिली है।  सिंफर डायरेक्टर प्रोफेसर डॉक्टर अरविंद कुमार मिश्रा ने ने कड़ा रुख अखि्तयार करते हुए एक जनवरी 2023 से पुरानी टेंडर पर गाड़ी सप्लाई पर रोक लगा दी है।

यह भी पढ़ें:IIT ISM में 2023 बैच के स्टूडेंट्स के फस्ट फेज का कैंपस प्लेसमेंट संपन्न, 842 स्टूडेंट्स को मिला जॉब ऑफर

सेक्शन आफिसर के साइन से जारी नये आदेश में वाहनों का रेट बताते हुए बाजार से वाहन लेने को कहा गया है। नये रेट में इंडिगो, डिजाइन, इटिओज का दुर्गापुर 2800, रांची 4000, कोलकाता 7000 और देवघर 3000 रुपये, स्कार्पियो, बोलेरो का दुर्गापुर 3500, रांची 4500, कोलकाता 7200 और देवघर 3900 इनोवा का दुर्गापुर 4000, रांची 5000, कोलकाता 8500 और देवघर 4500 रुपये के अलावा रात्रि एलांउस  300 रुपये फिक्स किया गया है।
आरोप है कि चार वर्षों से प्राइवेट वाहनों की सप्लाई करने में गड़बड़झाला किया जा रहा था। वाहन सप्लाई के नाम पर जून 2018 से 2021 तक 11 करोड़ 89 लाख 54 हजार 832 रुपये का पेमेंट प्राइवेट एजेंसी को किया गया। अफसरों के भ्रमण हेतु 15 जून 2018 को टेंडर 23 (849) 2018- जी ए के आधार पर मेसर्स चार्टेड एसिंगनेस टे्वल्स एजेंसी धनबाद को वाहन सप्लाई का आदेश दिया गया था। एक अगस्त 2019 तक प्राइवेट एजेंसी से बिना एग्रीमेंट के वाहन आपूर्ति ली गयी। इसके एवज में बिल का पेमेंट भी होता रहा।
टेंडर समाप्त होने के एक साल बीतने के बाद भी बताया गया कि एग्रीमेंट का कार्य प्रक्रियाधीन है। 23 मार्च 2022 को भी एग्रीमेंट की प्रति सिंफर द्वारा उपलब्ध नहीं करायी गयी।

टेंडर एक वर्ष के लिए निकाली गयी थी। उसी टेंडर के आधार पर चार साल से अधिक अवधि तक वाहन सप्लाई किया गया। एक साल की अवधि बीतने के बाद टेंडर कराने के वजाय अवधि विस्तार मिलता रहा। सिंफर ने बिल का पेमेंट ट्रैवलिंग एजेंसी को किया गया। टेडर में कार्य अवधि एक वर्ष होने का उल्लेख है लेकिन विगत जून 2018 से लगातार उस एजेंसी से वाहनों की आपूर्ति ली जा रही है। अवधि विस्तार एवं एग्रीमेंट की प्रति भी उपलब्ध कराने में  संस्थान सक्षम नहीं है। जून 2018 में प्रकाशित टेंडर में सिफर में धनबाद में तीन इनोवा, एक स्वीफ्ट डिगवाडीह में एक इनोवा, दो स्वीफ्ट, एक बेलोरो, रांची में एक बेलोरो बिलासपुर में दो बेलोरो एवं रानीगंज में  दो स्वीफ्ट, एक बेलोरो की सप्लाई किया जाना था।

बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य  रमेश कुमार राही ने नये डायरेक्टर द्वारा उठाये गये इस कदम की सरहाना की है। उन्होंने मांग की कि पूर्व एजेंसी को पेमेंट के मामले की जांच कराकर गड़बड़ी में शामिल अफसरों व एजेंसी संचालक के विरुद्ध कार्रवाई की जाय।