धनबाद: बरोरा के डेको आउटसोर्सिंग में इलिगल माइनिंग के दौरान मलबा धंसा, एक मजदूर की दबकर मौत, तीन जख्मी

बीसीसीएल की बरोरा एरिया की फुलारीटांड़ कोलियरी के अधीन बंद पड़े डेको आउटसोर्सिंग फेस में बुधवार अहले सुबह चाल धंसने से एक 30 वर्षीय एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक  फुलारीटांड़ का रहने वाला है। हादसे में तीन-चार अन्य लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं।

धनबाद: बरोरा के डेको आउटसोर्सिंग में इलिगल माइनिंग के दौरान मलबा धंसा, एक मजदूर की दबकर मौत, तीन जख्मी

धनबाद। बीसीसीएल की बरोरा एरिया की फुलारीटांड़ कोलियरी के अधीन बंद पड़े डेको आउटसोर्सिंग फेस में बुधवार अहले सुबह चाल धंसने से एक 30 वर्षीय एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक  फुलारीटांड़ का रहने वाला है। हादसे में तीन-चार अन्य लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं।

यह भी पढ़ें:land for job scam in railway: लालू के करीबी भोला यादव को CBI ने किया अरेस्ट, हृदयानंद भी पकड़ा गया

बताया जाता है कि हादसे में मौत के बाद इलिगल माइनिंग में लगे अन्य साथियों ने उसे बाहर निकाला। बॉडी को परिजनों को सौंप दिया। वहीं घायलों का चोरी-छिपे इलाज कराया जा रहा है। मृतक फुलारीटांड़ हटिया शिव मंदिर के निकट का रहनेवाला था। उसके बॉडी को मिट्टी देने की तैयारी चल रही है। हादसे के बाद इलिगल माइनिंग में लगे लोग मौके पर ही कोयले की सैकड़ों बोरियां छोड़कर भाग निकले। मौके पर अभी भी साइकिल, मजदूरों का नास्ता, बांस की सीढ़ी समेत अन्य सामान बिखरा पड़ा है। 

बताया जाता है कि प्रतिदिन की तरग बुधवार को भी तड़के दर्जनों लोग डेको पैच में माइंस के अंदर घुसकर कोयला काटने रहे थे। इसी बीच अचानक कोयले की गैलरी के बीच ऊपर से कोयला-पत्थर का एक बहुत बड़ा मलबा आ गिरा। इसकी चपेट में आने से युवक की मौके पर ही दबकर मौत हो गई। वहीं बोरे में कोयला भर रहे तीन-चार अन्य लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गये।

बड़े पैमाने पर हो रही कोयला चोरी

मधुबन व बरोरा पुलिस स्टेशन एरिया के बोर्डर पर पर बंद पड़े डेको आउटसोर्सिंग पैच से बड़े पैमाने पर कोयला चोरी शुरू हो चुकी है। बरोरा, मंदरा, गणेशपुर, डुमरा, फुलारीटांड़, नावागढ़, माथाबांध आदि जगहों से बड़ी संख्या में महिला-पुरुष रात के दो बजे से ही पैच में पहुंचकर कोयला काटना शुरू कर देते हैं।बताया जाता है कि बड़े कोयला तस्कर इन दिनों गिरिडीह व टुंडी से भी मजदूरों को बुलाकर कोयले की कटाई करवा रहे हैं। मजदूरों को प्रत्येक बोरा कोयला के हिसाब से मेहनताना दिया जाता है। बाद में कोयले को एक जगह जमा कर मोटरसाइकिल व साइकिल से एक निश्चित ठिकाने पर पहुंचाया जाता है।