DRDO ने आर्मी के लिए तैयार किया एंटी ड्रोन सिस्टम, पीएम मोदी की सिक्युरिटी में भी होगी 'ड्रोन किलर' 

डिफेंस रिसर्च एंड डिवेपलमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने आर्मी के लिए एंटी ड्रोन्स सिस्टम्स के डेवलप किया है। DRDO ने एंटी ड्रोन्स सिस्टम्स के डेवलप और प्रोडक्शन की जिम्मेदारी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स को सौंपी है।

DRDO ने आर्मी के लिए तैयार किया एंटी ड्रोन सिस्टम, पीएम मोदी की सिक्युरिटी में भी होगी 'ड्रोन किलर' 

नई दिल्ली। डिफेंस रिसर्च एंड डिवेपलमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने आर्मी के लिए एंटी ड्रोन्स सिस्टम्स के डेवलप किया है। DRDO ने एंटी ड्रोन्स सिस्टम्स के डेवलप और प्रोडक्शन की जिम्मेदारी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स को सौंपी है। बताया जा रहा है कि एंटी ड्रोन सिस्टम अब पीएम नरेंद्र मोदी की सिक्युरिटी का भी हिस्सा होगा। पोर्टेबल 'ड्रोन किलर' पीएम के आवास के अलावा उनके काफिले में भी रहेंगे। ड्रोन खतरे को देखते हुए इसे जरुरी बना दिया गया है। 

पाकिस्तानी आतंकवादी लाइन ऑफ कंट्रोल और इंटरनेशनल बॉर्डर के पार जम्मू-कश्मीर में आर्म्स भेजने के लिए चाइनीज निर्मित कॉमर्शल ड्रोन्स का यूज कर रहे हैं। डीआरडीओ ने पैसिव और एक्टिव एंट्री ड्रोन टेक्नॉलजी डेवलप की है। इससे दुश्मन के ड्रोन्स को निष्क्रिय या ध्वस्त किया जा सकता है। सोसेर्ज के अनुसार डीआरडीओ चीफ सतीश रेड्डी जल्द ही देसी एंटी ड्रोन्स सिस्टम के प्रोडक्शन को लेकर आर्मी को सूचित करेंगे। इस साल गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर तैनात किये गये  एंटी ड्रोन सिस्टम्स का रेंज 2-3 किलोमीटर तक का है। इसका रडार ड्रोन को ढूंढने के साथ फ्रीक्वेंसी सिग्नल के जरिए यूएवी को जैम कर देता है। दूसरा विकसित विकल्प ड्रोन को स्पॉट करने के बाद लेजर बीम से टारगेट करने का है। 

वर्ष 2019 के बाद से पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ग्रुप ने पंजाब में इंटरनेशनल पर कई बार ड्रोन उड़ाकर ड्रग और आर्म्स पहुंचाने की कोशिश की है। जम्मू-कश्मीर में भी एलओसी और आईबी पर यही तरीका अपनाया जा रहा है। मार्केट में उपलब्ध चाइनीज ड्रोन्स 10 किलोग्राम तक हथियार या ड्रग्स ले जा सकते हैं। डीआरडीओ के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर ने भी सिक्यॉरिटी एजेंसियों के साथ एंटी ड्रोन सिस्टम डिवेलप किया है। सिस्टम को एलओसी पर परखा गया है। यह दुश्मन के हवाई खतरे को नाकाम करने में सफल रहा है।