CM हेमंत सोरेन को माइंस लीज देने वाले DMO सत्यजीत ने छोड़ी नौकरी, गायब हो गये... निशिकांत के ट्वीट से हड़कंप

झारखंड के CM हेमंत सोरेन को माइंस लीज आवंटन करने वाला रांची के डीएमओ सत्यजीत कुमार ने अज पनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। वह लापता भी हो गया है। बीजेपी के गोड्डा एमपी निशिकांत दूबे ने ट्विटर पर यह दावा कर स्टेट में सियासी भूचाल ला दिया है।

CM हेमंत सोरेन को माइंस लीज देने वाले DMO सत्यजीत ने छोड़ी नौकरी, गायब हो गये... निशिकांत के ट्वीट से हड़कंप
  • रांची का डीएमओ सत्यजीत कुमार ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया, लापता हो गये?
  • सत्यजीत अपना इस्तीफा ले चुके हैं वापस, पंचायत चुनाव की आचार संहिता के कारण नहीं हो सकी पोस्टिंग
  • माइंस लीज मामले में हेमंत के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से भी हो सकती पूछताछ
  • दुमका में इलिगल माइनिंग की ईडी से जांच की मांग

रांची। झारखंड के CM हेमंत सोरेन को माइंस लीज आवंटन करने वाला रांची के डीएमओ सत्यजीत कुमार ने अज पनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। वह लापता भी हो गया है। बीजेपी के गोड्डा एमपी निशिकांत दूबे ने ट्विटर पर यह दावा कर स्टेट में सियासी भूचाल ला दिया है।

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निशिकांत ने ट्विटर पर लिखा- जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत जी के नाम माइनिंग लीज देने वाले खनन पदाधिकारी सत्यजीत कुमार ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया है व गायब हो गए हैं? यदि यह सही है तो प्रवर्तन निदेशालय, झारखंड पुलिस और आयकर विभाग को इनकी खोजबीन करनी चाहिए। भ्रष्टाचार के संगीन आरोप में घिरी आइएएस अफसर पूजा सिंघल के ठिकानों पर रेड के बाद से सीएम हेमंत सोरेन पर बेहद आक्रामक रहे निशिकांत दूबे ने एक और ट्वीट कर खलबली मचा दी है।

सत्यजीत का इस्तीफा स्वीकार नहीं, पंचायत चुनाव की आचार संहिता के कारण नहीं हो सकी पोस्टिंग
बताया जाता है कि  रांची के तत्कालीन डीएमओ ने स्तयजीत कुमार ने इस्तीफा दिया था। उन्होंने अपना इस्तीफा अप्रैल 2021 में झारखंड सरकार को सौंपा था। अगस्त तक वो इस्ताफा मंजूर होने का इंताजर करते रहे।र रांची के डीएमओ के पद पर बने रहे। अपना इस्तीफा स्वीकार ना होता देख सत्याजीत ने अगस्त से ऑफिस आना बंद कर दिया। लेकिन सरकार की तरफ से उनका इस्तीफा फिर भी स्वीकार नहीं किया गया। अंतत: छह मई 2022 को उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया। इस्तीफा वापस लेने के बाद उन्होंने अपना योगदान माइनिंग डिपार्टमेंट में दिया। अभी उनकी कहीं पोस्टिंग होती उससे पहले पंचायत चुनाव की नोटिफिकेशन जारी हो गयी।  स्मेंटेट आचार संहिता लागू होने जाने की वजह से स्तयजीत आज भी वेटिंग फॉर पोस्टिंग हैं।

जून 2021 में मिला हेमंत सोरेन को माइंस लीज
माइनिंग डिपार्टमेंट ने सीएम हेमंत सोरेन को जून 2021 में माइंस लीज आवंटित किया था। रांची के तत्कालीन डीएमओ ने ही माइंस लीज दिया था। 16 जून 2021 को रांची के डीएमओ की तरफ से लीज का लाइसेंस निर्गत किया गया। वहीं 10 जुलाई 2021 को पूर्णतः स्वीकृति दी गयी।

इ विनीत कौन है? बड़ा रसूखदार है दरबार में? ग़ज़बे तिलिस्म है रे भाई

— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) May 17, 2022

निशिकांत ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा- इ विनीत कौन है? बड़ा रसूखदार है दरबार में? गजबे तिलिस्म है रे भाई... संभवत: निशिकांत का ये ट्वीट भी हेमंत सोरेन को निशाना बनाकर ही लिखा गया है। जिसमें किसी विनीत नाम की शख्सियत का जिक्र करते हुए बीजेपी एमपी ने दावा किया है कि वह सीएम के दरबार में बड़ा रसूखदार है। निशिकांत ने इस पूरे मामले को इंद्रजाल से जोड़ते हुए गहरे भेद वाला तिलिस्मी बताया है।

ईडी ने मंगलवार को एक बार फिर पांच बक्सा जब्त दस्तावेज मंगवाया है। ये दस्तावेज पिछले दिनों ईडी की रेड और लगातार चल रही मनी लांड्रिंग के तहत कार्रवाई के दौरान आरोपितों के ठिकाने से जब्त किये गये हैं। ईडी के अफसर इसकी जांच कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये दस्तावेज अवैध लेन-देन व काली कमाई का काला चिट्ठा हैं। संथाल के दो जिलों के डीएमओ से मंगलवार को पूछताछ के क्रम में पांच बक्सा जब्त दस्तावेज का मंगाया जाना, वहां के इलिगल माइनिंग व अवैध वसूली से संबंधित बताया जा रहा है।

निशिकांत ने किया था पंकज मिश्रा को लेकर ट्वीट

ईडी सोर्सेज का कहना हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से भी जल्द पूछताछ होगी। इसके लिए ईडी उन्हें जल्द समन कर सकता है। पंकज मिश्रा हाल के दिनों के संथाल में खान सहित कई मामलों में चर्चा में रहे हैं। गोड्डा के एमपी डा. निशिकांत दूबे ने भी एक खान आवंटन के मामले में पंकज मिश्रा को लेकर ट्वीट किया था।

दुमका में इलिगल माइनिंग की ईडी से जांच की मांग
झारखंड हाई कोर्ट के एडवोकेट राम सुभग सिंह ने दुमका में माफिया और अफशरों के मिलीभगत से हो रहे इलिगल माइनिंग के खिलाफ ईडी से कार्रवाई की मांग की है। उनकी ओर से ईडी, चीफ सेकरेटरी सहित अन्य को ई-मेल से दस्तावेज भेज कर जांच का आग्रह किया है।उन्होंने ईडी को लिखे पत्र में कहा है कि कि दुमका में इलिगल माइनिंग हो रहा है। वहां पर माइनिंग माफियाओं और पुलिस के अफसरों के गठजोड़ से पूरा अवैध कारोबार चल रहा है। उनकी ओर से पुलिस अफशरों और खनन माफियाओं का नाम भी पत्र में लिखा गया है। वन विभाग के एक पत्र का हवाला दिया गया है। जिसमें उन खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें जिला बदर करने की अनुशंसा की गई है। लेकिन अभी तक जिला प्रशासन की ओर से इन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने की बात कही
 राम सुभग सिंह ने हाई कोर्ट में इससे संबंधित चल रहे मामले का हवाला देते हुए कहा है कि ईडी को इस मामले की भी जांच करनी चाहिए। पत्र में खान सचिव पूजा सिंह से पूछताछ और अन्य जिलों के खनन पदाधिकारियों को नोटिस दिए जाने की बात कहते हुए दुमका के अधिकारियों से भी पूछताछ करने की मांग की है। राम सुभग सिंह ने कहा कि अगर ईडी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करती है, तो वे हाई कोर्ट में एक हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर कार्रवाई की मांग करेंगे।