Chhath Puja 2020: सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ आज से शुरू

लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व कार्तिक छठ बुधवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हो जायेगा।

Chhath Puja 2020: सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ आज से शुरू

धनबाद। लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व कार्तिक छठ बुधवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हो जायेगा। सूर्योपासना के इस पवित्र चार दिवसीय महापर्व के पहले दिन छठव्रती श्रद्धालु नर-नारी अंत:करण की शुद्धि के लिए कल नहाय-खाय के संकल्प के साथ नदियों-तालाबों के निर्मल एवं स्वच्छ जल में स्नान करने के बाद शुद्ध घी में बना अरवा भोजन ग्रहण कर इस व्रत को शुरू करेंगे। 
कोयला राजधानी धनबाद में श्रद्धालुओं ने आज से ही पर्व के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। छठ को लेकर घर से घाट तक तैयारियां जोरों पर है। व्रती घर की साफ-सफाई के साथ व्रत के लिए पूजन सामग्री खरीदने में जुट गये हैं। कोई व्रती अपने घर में नहाय-खाय के लिए चावल चुनने में लगी हैं तो कोई छत पर गेहूं सुखाने में लगी रही। 
कोयलांचल में छठ व्रतियों के लिए नदी-तालाब घाटों को साफ-सुथरा का काम चल रहा है। इस काम में डीएमसी, बीसीसीएल प्रबंधन विभिन्न इलाकों की छठ पूजा समिति और स्वयं सेवक भी लगे हुए है। नदी व तालाब की ओर जाने वाले प्रमुख मार्गों पर तोरण द्वारा बनाए जा रहे हैं।  मार्ग को रंगीन बल्बों से सजाया जा रहा है।महापर्व के दूसरे दिन श्रद्धालु दिन भर बिना जलग्रहण किये उपवास रखने के बाद सूयार्स्त होने पर पूजा करते हैं। इसके बाद एक बार ही दूध और गुड़ से बनी खीर खाते हैं। जब तक चांद नजर आए तब तक पानी पीते हैं। इसके बाद से उनका करीब 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है।

लोक आस्था के इस महापर्व के तीसरे दिन व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को नदी और तालाब में खड़े होकर प्रथम अर्घ्य अर्पित करते हैं। व्रती डूबते हुए सूर्य को फल और कंदमूल से अर्घ्य अर्पित करते हैं। महापर्व के चौथे और अंतिम दिन फिर से नदियों और तालाबों में व्रती उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य देते हैं। भगवान भाष्कर को दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद ही श्रद्धालुओं का 36 घंटे का निर्जला व्रत समाप्त होता है और वे अन्न ग्रहण करते हैं। 
छठ बिहार, झापखंड और पूवीर् उत्तर प्रदेश का प्रमुख पर्व है जो अब देश के अन्य हिस्सों में भी मनाया जाने लगा है। दिल्ली, मुम्बई और कोलकाता में बड़ी संख्या में बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग रहते हैं। इन तीनों महानगरों में भी छठ धूमधाम से मनाया जाता है। अब तो साउथ इंडिया में बिहार के रहने वाले लोग छठ पूजा करने लगे हैं।