सेंट्रल गवर्नमेंट ने  झारखंड को डीवीसी का 5608 करोड़ रुपये बकाया 15 दिन में पेमेंट करने का दिया नोटिस

सेंट्रल गवर्नमेंट ने झारखंड सरकार को डीवीसी से खरीदी गई बिजली का 5608.32 करोड़ रुपये का बकाया 15 दिन में पेमेंट करने के लिए नोटिस दिया है। 11 सितंबर को ही नोटिस जारी किया गया है। 

रांची। सेंट्रल गवर्नमेंट ने झारखंड सरकार को डीवीसी से खरीदी गई बिजली का 5608.32 करोड़ रुपये का बकाया 15 दिन में पेमेंट करने के लिए नोटिस दिया है। 11 सितंबर को ही नोटिस जारी किया गया है। 

ऊर्जा मंत्रालय ने स्टेट गवर्नमेंट को स्पष्ट किया है कि यदि जेबीवीएनएल ने दिये गये टाइम में डीवीसी का बकाया पेमेंट नहीं किया तो वर्ष 2017 में हुए त्रिपक्षीय समझौते की शर्तों के तहत राज्य सरकार के आरबीआई अकाउंट से यह बकाया 1417.50 करोड़ की चार किश्तों में वसूल लिया जायेगा। पहली किश्त अक्तूबर में वसूली जायेगी। दूसरी किश्त अगले वर्ष जनवरी, तीसरी अप्रैल और चौथी जुलाई में वसूल की जायेगी। वसूली गई राशि सेंट्रल गवर्नमेंट के अकाउंट में जमा होगी। सीएम हेमंत सोरेन को यह नोटिस शनिवार को मिला है। अब गवर्नमेंट के पास 26 सितंबर तक का टाइम है। सीएम हेमंत सोरेन के ही पास ऊर्जा विभाग भी है।
स्टेट गवर्नमेंट को लेन लेकर बकाया खत्म करने का सुझाव
ऊर्जा मंत्रालय के अवर सचिव पीके सिन्हा की ओर से ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव को प्रेषित नोटिस में सुझाव दिया गया है कि आत्मनिर्भर भारत के तहत पावर सेक्टर में आर्थिक तरलता के लिए 90 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार चाहे तो बिजली वितरण कंपनी के माध्यम से केंद्रीय सरकार के उपक्रम रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कॉरपोरेशन या पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन से लोन ले कर डीवीसी पर अपनी देनदारी खत्म कर सकती है। 
क्या है त्रिपक्षीय समझौता
वर्ष 2017 की 27 अप्रैल को त्रिपक्षीय समझौता हुआ था। राष्ट्रपति की ओर से ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव और वित्त सलाहकार, झारखंड राज्यपाल की ओर से राज्य सरकार के योजना एवं वित्त विभाग के सचिव और भारतीय रिजर्व बैंक के मुख्य महाप्रबंधक के बीच यह समझौता हुआ था। इसके तहत केंद्रीय उपक्रम की ओर से राज्य सरकार को दिए गए बिल का 45 दिन में पेमेंट करना है। इसमें 60 दिन से अधिक की देरी नहीं की जा सकती है। बिजली कंपनी पेमेंट करे इसे राज्य सरकार सुनिश्चित करेगी। वर्ष 2016 में हुए सप्लाई एग्रीमेंट के मुताबिक अगर बिजली कंपनी बिल जारी होने के 90 दिनों में पेमेंट नहीं करती तो सेंट्रल गवर्नमेंट यह राशि ब्याज सहित स्टेट गवर्नमेंट से वसूलेगी। आरबीआई और राज्य सरकार के बीच वर्ष 2016 की 30 को हुए समझौते के तहत बिना किसी शर्त के केंद्र सरकार बकाया राशि राज्य सरकार के आरबीआई खाते से वसूल सकेगी। 

13 अगस्त को डीवीसी ने दिया है बिल 
डीवीसी ने झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) को खरीदी गई बिजली के मद में 5608.32 करोड़ बकाया पेमेंट के लिए 13 अगस्त को बिल जारी किया है। डीवीसी की ओर से कहा गया है कि अगर जेबीवीएनएल ने पेमेंट नहीं किया तो डीवीसी वित्तीय तरलता की समस्या से जूझ रहा है। नोटिस में कहा गया है कि डीवीसी वर्ष 2015 की 31 मार्च और वर्ष 2017 की 23 अगस्त  को जेबीवीएनएल के साथ हुए बिजली खरीद समझौता के तहत बिजली देती है। पिछले कुछ वर्षों से देखा जा रहा है कि जेबीवीएनएल नियमित रूप से डीवीसी को पेमेंट नहीं कर रहा है। 

धनबाद समेत झारखंड के आधा दर्जन से ज्यादा जिलों में बिजली उपभोक्ताओं को होगी परेशानी

JBVNL और DVC के बीच बिजली का बकाया बिल को लेकर आने वाले दिनों में सेंट्रल व झारखंड के बीच टकराव बढ़ने के आसार हैं। इस मामले का निपटरा ने होने पर धनबाद समेत झारखंड के आधा दर्जन से ज्यादा जिलों में बिजली उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इन जिलों में डीवीसी से बिजली लेकर जेबीवीएनएल उपभोक्ताओं को सप्लाई करती है। डीवीसी राज्य के धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, कोडरमा, हजारीबाग और रामगढ़ जिलों में बिजली की सप्लाई करता है। झारखंड और डीवीसी के बीच का विवाद पुराना है। यह झारखंड बनने से पहले बिहार के जमाने से विवाद चला रहा है। झारखंड बनने को 20 साल हो चुके हैं इसके बावजूद इस समस्या का निपटारा नहीं हुआ।