झारखंड में बीटेक स्टूडेंट मर्डर की गुत्थी सुलझाने वाले CBI अफसर को मिला होम मिनिस्टर मेडल    

झारखंड की राजधानी  रांची की बहुचर्चित बूटी बस्ती निवासी एक बीटेक की की स्टूडेंट से दरिंदगी के बाद मर्डर कर मोबिल से चेहरा जलाने के मामले की गुत्थी सुलझाने वाले सीबीआइ के तत्कालीन इंस्पेक्टर परवेज आलम को सेंट्रलल होम मिनिस्टर मेडल मिला है। यह मेडल बेहतर इन्विस्टीगेशन के लिए दिया गया है। झारखंड पुलिस के अफसर सीबूीआई में डिपुटेशन पर थे। 

झारखंड में बीटेक स्टूडेंट मर्डर की गुत्थी सुलझाने वाले CBI अफसर को मिला होम मिनिस्टर मेडल    
रांची। झारखंड की राजधानी  रांची की बहुचर्चित बूटी बस्ती निवासी एक बीटेक की की स्टूडेंट से दरिंदगी के बाद मर्डर कर मोबिल से चेहरा जलाने के मामले की गुत्थी सुलझाने वाले सीबीआइ के तत्कालीन इंस्पेक्टर परवेज आलम को सेंट्रलल होम मिनिस्टर मेडल मिला है। यह मेडल बेहतर इन्विस्टीगेशन के लिए दिया गया है। झारखंड पुलिस के अफसर सीबूीआई में डिपुटेशन पर थे। 
 
किरण रिजुजू ने अफसरों को दिया मेडल
 नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजुजू ने सीबीआइ के निदेशक एसके जायसवाल की उपस्थिति में उक्त मेडल देकर परवेज आलम को सम्मानित किया। बेहतर अनुसंधान के लिए देश के 52 सीबीआइ अफसर को होम मिनिस्टर मेडल दिया गया है, जिनमें परवेज आलम के अलावा झारखंड में पोस्टेंड बैंकिंग व चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध बेहतर अनुसंधान करने वाले सीबीआइ के आर्थिक अपराध शाखा के अफसर केके सिंह, आशीष आनंद व ज्योतिमई मांझी भी सम्मानित किये गये हैं।
 बेहतर तरीके से अनुसंधान के लिए पदक
बेहतर अनुसंधान के लिए केंद्रीय गृह मंत्री पदक से सम्मानित परवेज आलम झारखंड पुलिस में वापसी के बाद डीएसपी के पद पर प्रोमोट होकर पोस्टेंड हैं। झारखंड में पदस्थापित सीबीआइ के सभी चार अफसरों को सम्मान उनके बेहतर अनुसंधान के लिए दिया गया है। उनके बेहतर अनुसंधान की बदौलत ही अपराधियों को सजा दिलाने की रफ्तार बेहतर रही है।
 फांसी की सजा दिलवाई
 सीबीआइ के तत्कालीन इंस्पेक्टर परवेज आलम (वर्तमान में डीएसपी सीआइडी) ने बीटेक स्टूडेंट की मर्डर की गंभीरता से जांच की। परवेज आलम ने इन्विस्टीगेशन के दौरान बीटेक छात्रा से दरिंदगी व मर्डर करने के आरोपित राहुल राज उर्फ राकी राज उर्फ अंकित उर्फ राज श्रीवास्तव उर्फ आर्यन को खोज निकाला। साथ ही उसके खिलाफ इतने साइंटिफिक एवीडेंस जुटाया कि कोर्ट से उसे फांसी की सजा हो चुकी है। दोषी राहुल राय मूलत: बिहार के नालंदा जिले के एकंगरसराय के धुरा गांव का रहने वाला है। उसके पिता उमेश प्रसाद ऑटो ड्राइवर हैं।
फ्लैश बैक
मूल रूप से सिल्ली पुलिस स्टेशन एरिया की रहने वाली छात्रा के उसके पिता बरकाकाना में सीएमपीडीआइ स्टाफ हैं। पिता के अनुसार बूटी बस्ती में वर्ष 2005 में उन्होंने एसबेस्टस का घर बनवाया था। लगभग दो साल से उनकी दो बेटियां वहां रहकर पढ़ाई करती थीं। वे व परिवार के अन्य सदस्य बरकाकाना में रहते हैं। बड़ी बेटी रांची शहर के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में ग्रेजुएशन कर रही थी, जबकि छोटी बेटी (मृतका) ओरमांझी की एक ट्केनीकल कॉलेज से बीटेक द्विसेकेंड़ इयर की फोर्थ समेस्टरकी एग्जाम 15 दिसंबर 2016 को ही पास की थी। वह अपनी बेटी को रांची कॉलेज छोड़कर बरकाकाना लौट गये थे। रात में ही उसकी मर्डर हो गई थी। 16 दिसंबर की सुबह इस घटना का खुलासा हुआ था। जब झारखंड पुलिस को क्रिमिनल के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली तो इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआइ को दी गई। सीबीआइ ने 28 मार्च 2018 को प्राथमिकी दर्ज की थी। कांड के अनुसंधानकर्ता सीबीआइ के तत्कालीन इंस्पेक्टर परवेज आलम बनाये गये थे। उन्होंने आरोपित की गिरफ्तारी के बाद सितंबर 2019 में आरोपित राहुल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था।