बोचहां विधानसभा उपचुनाव: बीजेपी के हार का कारण बने रामसूरत राय ,कोर वोट बैंक भूमिहारों ने छोड़ दिया साथ 

बिहार में बीजेपी को ब्रह्मर्षि समाज की अनदेखी व आरजेडी से पार्टी में शामिल नेताओं को बड़े ओहदा देना महंगा पड़ रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण बोचहां विधानसभा उपचुनाव है। बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय का सुरेश शर्मा व अमर पांडेय के साथ-साथ दिवंगत रघुनाथ पांडेय के खिलाफ की गयी टिप्पणी व भूमिहार विरोधी राजनीतिक ने बोचहां में बीजेपीकी लुटिया डूबो दी है।

बोचहां विधानसभा उपचुनाव: बीजेपी के हार का कारण बने रामसूरत राय ,कोर वोट बैंक भूमिहारों ने छोड़ दिया साथ 
  • राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री का भूमिहार जाति के दो बड़े नेताओं के खिलाफ टिप्पणी पड़ी महंगी
  • नित्यानंद राय व अजय निषाद भी ब्रह्मर्षि समाज के निशाने पर

पटना। बिहार में बीजेपी को ब्रह्मर्षि समाज की अनदेखी व आरजेडी से पार्टी में शामिल नेताओं को बड़े ओहदा देना महंगा पड़ रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण बोचहां विधानसभा उपचुनाव है। बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय का सुरेश शर्मा व अमर पांडेय के साथ-साथ दिवंगत रघुनाथ पांडेय के खिलाफ की गयी टिप्पणी व भूमिहार विरोधी राजनीतिक ने बोचहां में बीजेपीकी लुटिया डूबो दी है।

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बोचहां में बीजेपी के हार के विलेन बने रामसूरत !
 आरोप लग रहा है कि बोचहां में बीजेपी के हार के विलेन रामसूरत राय ही हैं। आरजेडी की स्कूल से लालू राज में राजनीति कर मलाई काटने वाले रामसूरत अब बीजेपी में शामिल होकर वहीं कर रहे हैं। रामसूरत को बीजेपी में अपने स्वाजीतय दो बड़े नेताओं का वरदहस्त मिला हुआ है। हाल के दिनों में रामसूरत राय बीजेपी को कोर वोट बैंक भूमिहार के खिलाफ प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से राजनीति कर रहे हैं। इसका परिणा हुआ है कि पिछले तीन दशक से ज्यादा समय से बीजेपी का कोर वोट रहे भूमिहार समाज ने साथ छोड़ दिया है। आरजेडी में भूमिहार वोटों की ये शिफ्टिंग बदला लेने का परिणाम है। इससे बीजेपी में हलचल मचा हुआ है। 
बीजेपी को भारी पड़ी सुरेश शर्मा की अनदेखी 
बताया जाता है कि BJP के लीडरशीप की तरफ से सुरेश शर्मा को लगातार अपमानित किया जा रहा था। पहले उनकी इच्छा के खिलाफ मुजफ्फरपुर में ऐसे नेता को बीजेपी जिलाध्यक्ष बनाया गया जो लगातार उनके खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। इसी तरह समस्तीपुर में में रंजीत निर्गुणी को सेंट्रल मिनिस्टर नित्यानंद राय की तरफ से अपमानित किया जा रहा है। यही हाल मुजफ्फरपुर के एमपी अजय निषाद का है। इसी का परिणाम है कि बोचहां विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी के खिलाफ जबरदस्त भूमिहार वोटरों में आक्रोश है। भूमिहारों का कहना है कि आरजेडी से बीजेपी में आये रामसूरत राय उनकी जाति को को गाली दे रहे हैं। खुद औराई में हमारे वोट से जीते हैं। हमारे समाज को ही गाली देता है। कभी सुरेश शर्मा को गाली, कभी अमर पांडेय को गाली. और तो और स्वर्ग सिधार चुके रघुनाथ पांडेय तक को राय अपशब्द बोलते हैं। ऐसे में वोट देने से बीजेपी जीतती और हमलोग गाली सुनते रहते।
बोचहां चुनाव के दौरान भूमिहारों के आक्रोश को बीजेपी लीडरशीप
भांप गयी थी। डैमेज कंट्रोल करने के लिए अंतिम समय में बीजेपी स्टेट प्रसिडेंट डॉ संजय जायसवाल एक्स मिनिस्टर सुरेश शर्मा के घर जाकर मिले। उनसे मुलाकात की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की। बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद बोचहां के जमींदार रहे चुन्नू बाबू के घर पहुंच हाजिरी दी। लेकिन रामसूरत राय जो डैमेज कर गये थे, उसे दोनों नेता कंट्रोल नहीं कर पाये। 

लंबे समय से बीजेपी से जुड़े एक भूमिहार कार्यकर्ता ने कहा कि आरजेडी शासनकाल में रामसूरत राय और उनके पिता अर्जुन राय ने लालू यादव का दूत बनकर कितना छाली काटी ये तो सबलोग जानते हैं। अब वे बीजेपी भी चलायेंगे और हमलोगों को ही जलील करेंगे। अब ऐसा नहीं होने वाला है। इस कार्यकर्ता ने कहा कि समाज के लोग सब समझते हैं कि रामसूरत राय अपने दम पर नहीं बोल रहे हैं। उनको बीजेपी में बैकअप कहां से मिल रही है। बोचहां तो शुरूआत हुई है। बीजेपी को 2024 और 2025 में असली जवाब मिल जायेगा। बीजेपी तय कर ले कि वह अपने कोर वोटर व सोशल इंजीनिर के साथ चलेगी या आरजेडी कल्चर वाले नेताओं को लेकर। 

राजस्व और भूमि सुधार विभाग की करतूत से लोगों में मुजफ्फरपुर के लोगों में भारी नाराजगी
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राजस्व और भूमि सुधार विभाग की करतूत से लोगों में मुजफ्फरपुर के लोगों में भारी नाराजगी है। आरपो है कि डीएसएलआर और सीओ ही नहीं बल्कि एक राजस्व कर्मचारी भी डायरेक्ट मिनिस्टर रामसूरत राय से कॉन्टेक्ट में होने का दावा करचता है। जमीन संबंधी मामूली काम के लिए राजस्व कर्मचारी मोटी रकम मांगता है। संबधित कर्मचारी के बारे में कहा जाता है कि वह मिनिस्टर के घर पर हाजिरी लगाता है।11 विधानसभा सीट और दो लोकसभा सीट वाले मुजफ्फरपुर में बीजेपी का सबसे बड़ा वोट बैंक भूमिहार टूट गया है। बीजेपी के मिनिस्टर रामसूरत राय ने वह काम कर दिया है जो विरोधी पार्टियां बहुत कोशिश करके भी नहीं कर पायी थीं। मुजफ्फरपुर जिले में भूमिहारों का कमोबेश पूरा वोट 1990 के बाद से बीजेपी को ही मिलता आया है। लालू के जिस लालटेन से इस जाति को सबसे ज्यादा एलर्जी थी, वह अब खत्म हो गया है।अगर यही ट्रेंड रहा तो फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में क्या होगा।
कई जिलों पर पड़ सकता है भूमिहारों की नाराजगी का असर

बीजेपी से भूमिहारों की नाराजगी का असर सिर्फ मुजफ्फरपुर जिले नहीं सीतामढी, वैशाली, मोतिहारी व मगध तथा भोजपुर के साथ पूरे बिहार में पड़ रहा है। बोचहां में हार के बाद बीजेपी समझ रही होगी कि उसका सबसे बड़ा वोट बैंक नाराज है। उसे कितना नुकसान उठाना पड़ सकता है।
बदला लेने का परिणाम है ये शिफ्टिंग
राजनीतिज्ञ विशेषज्ञ और मुजफ्फरपुर के जानकार बिभेष त्रिवेदी ने बताया कि वोटों की ये शिफ्टिंग बदला लेने का परिणाम है। उन्होंने बताया BJP के लीडरशीप की तरफ से सुरेश शर्मा को लगातार अपमानित किया जा रहा था। पहले उनकी इच्छा के खिलाफ ऐसे नेता को जिलाध्यक्ष बनाया गया जो लगातार उनके खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। इसी तरह समस्तीपुर में में रंजीत निर्गुणी को लगातार नित्यानंद राय की तरफ से अपमानित किया जा रहा है।

रामसूरत राय के बयान से हुआ बड़ा नुकसान
आरजेडी के स्कूल से आये रामसूरत राय का बड़बोलापन बीजेपी के लिए काफी नुकसानदायक रहा। राय का सुरेश शर्मा के बारे में अपशब्द बोलना और रघुनाथ पांडेय और उनके बेटे अमर पांडेय को जलील करने की कोशिश इस समाज के जख्मों को कुरेदने का काम किया। समय-समय पर पूरे बोचहां उपचुनाव के दौरान उनका अगड़ों के खिलाफ दिया गया बयान वायरल किया गया। इससे पार्टी के परंपरागत वोटर्स छिटक गये। 

भूमिहारों में व्यवस्थित तरीके से किनारा किया जाने का डर
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भूमिहारों में अब यह डर सताने लगा है कि BJP उन्हें व्यवस्थित तरीके से दरकिनार कर रही है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ऐसा प्रचारित करने में कामयाब रहे। बोचहां में ये वोट शिफ्टिंग उसी का नतीजा है। हालिया कुछ गतिविधियों से सवर्ण वोटरों में आक्रोश, रोष या विक्षोभ प्रकट हो रहा था।