Bihar: प्रशांत किशोर का खुलासा, NDA के पांच नेता महाभ्रष्ट, सम्राट चौधरी 7वीं फेल, अशोक चौधरी की 200 करोड़ संपत्ति !

प्रशांत किशोर ने पटना में NDA के 5 नेताओं – सम्राट चौधरी, अशोक चौधरी, मंगल पांडेय, दिलीप जायसवाल और संजय जायसवाल – पर महाभ्रष्टाचार, फर्जी डिग्री, मर्डर केस, बेनामी संपत्ति और पेट्रोल चोरी के गंभीर आरोप लगाये।

Bihar: प्रशांत किशोर का खुलासा, NDA के पांच नेता महाभ्रष्ट, सम्राट चौधरी 7वीं फेल, अशोक चौधरी की 200 करोड़ संपत्ति !
प्रशांत किशोर का सियासी बम।
  • PK का पांच नेताओं पर महाघोटाले का आरोप
  • अशोक चौधरी, मंगल पाांडेय, दिलीप जायसवाल पर लगाये ताबड़तोड़ आरोप
  • फर्जी डिग्री से लेकर पेट्रोल चोरी तक 

पटना। बिहार की राजनीति में शुक्रवार को भूचाल तब आ गया जब जन सुराज पार्टी के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर (पीके) ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एनडीए के पांच बड़े नेताओं पर ताबड़तोड़ हमला बोला। पीके ने आरोप लगाया कि बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, जेडीयू नेता अशोक चौधरी, भाजपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री मंगल पांडेय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद संजय जायसवाल भ्रष्टाचार, फर्जीवाड़े और घोटालों में लिप्त हैं।
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पीके ने न केवल नेताओं को कटघरे में खड़ा किया, बल्कि उनके परिवारजनों तक को सवालों के घेरे में खींच लिया। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता को यह जानने का हक है कि सत्ता पर बैठे नेता कितने ईमानदार हैं और उनका पैसा कहां से आ रहा है।
सम्राट चौधरी: 7वीं फेल, मर्डर केस में जेल और फर्जी डिग्री का आरोप
प्रशांत किशोर ने सबसे पहले बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सम्राट चौधरी का असली नाम सम्राट कुमार मौर्य है। पीके के अनुसार सम्राट चौधरी 7वीं पास हैं, और सुप्रीम कोर्ट में बिहार बोर्ड ने हलफनामा दिया है कि वे मैट्रिक की परीक्षा में फेल हो गये थे। इसके बावजूद उन्होंने कंबोडिया की फर्जी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और फिर कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से डीलिट की उपाधि लेने का दावा किया।
सम्राट चौधरी "नाम बदलने के मास्टर"
पीके ने कहा कि वर्ष 1998 में कांग्रेस नेता सदानंद सिंह की बम मारकर मर्डर कर दी गयी थी। सम्राट के परिवार से उनकी राजनीतिक दुश्मनी थी। इस केस में
सम्राट चौधरी को जेल हुई थी। छह महीने बाद खुद को नाबालिग बताकर सम्राट जेल से बाहर आये थे।  सम्राट कुमार मौर्य पर मर्डर का आरोप लगा तो उन्होंने नाम बदलकर राकेश कुमार किया। फिर अपना नाम सम्राट चौधरी कर दिया। पीके ने कहा कि सम्राट चौधरी "नाम बदलने के मास्टर" हैं। कभी राकेश कुमार, कभी सम्राट कुमार मौर्य और अब सम्राट चौधरी बनकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि सम्राट चौधरी नाम बदलने के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने राकेश कुमार नाम को बदलकर बाद में सम्राट चौधरी किया था। मगर उनका पहला नाम राकेश नहीं बल्कि सम्राट कुमार मौर्य था। 
राजद की सरकार में विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बने ही मंत्री बन गये
पीके ने कहा कि सम्राट चौधरी आरजेडी कार्यकाल में बिना विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बने ही मंत्री बन गये थे। तब उनपर कम उम्र होने का केस हुआ था, जिसके बाद बर्खास्त कर दिया गया था। उस केस के आवेदन में सुप्रीम कोर्ट में लिखा गया कि सम्राट ने मैट्रिक का एग्जाम सम्राट कुमार मौर्य के नाम से दिया। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से कोर्ट में बताया गया कि सम्राट कुमार मौर्य को मैट्रिक परीक्षा में 234 नंबर मिले थे और वे फेल हो गये थे।
प्रशांत किशोर नेकहा कि इसके बाद 2010 में सम्राट चौधरी द्वारा दिये गये हलफनामे में उन्होंने खुद को सातवीं फेल बताया। 2010 के बाद उन्होंने कभी मैट्रिक की परीक्षा नहीं दी। 1998 में सुप्रीम कोर्ट में सम्राट ने जो दस्तावेज जमा किय गये, जिस आधार पर  कोर्ट ने उनके केस का निर्धारण किया, उस दस्तावेज के मुताबिक सम्राट कुमार मौर्य मैट्रिक फेल हो गये थे। इसका दूसरा प्रमाण यह है कि 2010 मेंजब सम्राट चौधरी ने अपना हलफनामा दिया, उसमें लिखा कि वह सातवीं पास हैं।  प्रशांत किशोर ने कहा कि वे जब राजद में था तब भी गुंडागर्दी करते थे, अब भाजपा में आकर भी लूटमार कर रहे हैं।
अशोक चौधरी: 200 करोड़ की बेनामी संपत्ति और परिवार की संलिप्तता
जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी पर सबसे बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि पिछले दो सालों में अशोक चौधरी ने 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जुटाई है।आरोपों के मुताबिक – चौधरी ने पटना में 38 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी, जो उनकी बेटी शांभवी चौधरी, दामाद सायन कुणाल और समधन अनिता कुणाल के नाम पर है। पीके ने कहा कि यह संपत्ति शांभवी की सगाई से लेकर शादी तक के बीच खरीदी गयी।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि चौधरी के पीए योगेंद्र दत्त के नाम पर 34 लाख की जमीन खरीदी गयी। दो साल बाद वही जमीन शांभवी को उसी रकम में ट्रांसफर कर दी गई। पीके ने सवाल उठाया कि जमीन खरीदने के लिए जो लाखों रुपये 2021 में दिये गये, उसका शेष भुगतान चार साल बाद 2025 में क्यों किया गया? प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि चौधरी खुद को "महादेव का भक्त" बताते हैं, लेकिन असल में वे "लक्ष्मी के भक्त" हैं।
प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि अशोक चौधरी ने पिछले दो वर्ष में 200 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति पत्नी, बेटी, समधन और समधन से जुड़े मानव वैभव विकास ट्रस्ट के माध्यम से खरीदी है। पीके ने दावा किया उनके पास जमीन खरीद के सारे पेपर हैं। प्रशांत किशोर ने हालांकि ये स्पष्ट किया कि उनके पास मानव वैभव विकास ट्रस्ट के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, लेकिन वो ये बता रहे हैं कि शांभवी की सगाई के बाद किशोर कुणाल के परिवार से जुड़े ट्रस्ट के माध्यम से जमीन कैसे खरीदी जा रही है।  इसका पैसा कहां से आ रहा है। प्रशांत किशोर ने बताया कि मानव वैभव विकास ट्रस्ट की ट्रस्टी और ट्रेजरर शांभवी की सास अनिता
कुणाल हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा है कि जिस ट्रस्ट में एक करोड़ की जमीन नहीं खरीदी जा रही थी, उस ट्रस्ट से शांभवी की सगाई के बाद करोड़ों की जमीन कैसे खरीदी गयी है। उन्होंने ट्रस्ट से जुड़े लोगों से पूछा हैकि उनको बताना चाहिए कि इतना पैसा कहां से आ रहा है। उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी और उनकी पत्नी ट्रस्ट की सदस्य नहीं हैं, इसलिए उनको भी यह बताना चाहिए कि उनका ट्रस्ट से क्या लेना-देना है। प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी से ये सवाल भी पूछा है कि अगर इनका इस
ट्रस्ट से संबंध नहीं हैतो अनिता कुणाल के खाते से उनकी पत्नी के खाते में बहुत सारा पैसा कैसे आ रहा है।
दिलीप जायसवाल: हत्या के मामले को दबाने का आरोप
पीके ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जायसवाल पर 18 साल पुराने किशनगंज के राजेश साह हत्याकांड का आरोप है।पीके के अनुसार, तत्कालीन एसपी और जांच अधिकारी से मिलीभगत कर जायसवाल ने खुद को बचाया। इस मामले में राजेश साह की मां और बहन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें जन सुराज पार्टी के वकील भी पक्षकार बने हैं। पीके ने आरोप लगाया कि जायसवाल ने एसपी की पत्नी को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन देकर मामले को दबा दिया था।
मंगल पांडेय: फ्लैट घोटाला और 2.12 करोड़ का हिसाब
पीके ने बीजेपी लीडर व हेल्थ मिनिस्टर मंगल पांडेय पर आरोप लगाया कि उन्होंने दिल्ली में फ्लैट खरीदने के लिए दिलीप जायसवाल से 25 लाख रुपये का कर्ज लिया, जबकि उनकी पत्नी उर्मिला पांडेय के खाते में पहले से 2.12 करोड़ रुपये मौजूद थे। पीके ने दावा किया कि – यह रकम कहां से आई, इसका कोई हिसाब नहीं है।फ्लैट खरीद के लिए पैसा पहले पिता के खाते में, फिर पत्नी के खाते में ट्रांसफर कर भुगतान किया गया। उन्होंने कहा कि अगर मंगल पांडेय 25 लाख की मजबूरी स्वीकार कर चुके हैं, तो उन्हें 2.12 करोड़ का स्रोत भी बताना चाहिए।
संजय जायसवाल: पेट्रोल चोरी और 5.87 करोड़ का घोटाला
पीके ने पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल पर भी हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि बेतिया नगर निगम की गाड़ियों में उनके पेट्रोल पंप से तेल लेने पर फर्जी बिल बनाकर करोड़ों का घोटाला किया गया। नगर निगम ने 15 अगस्त के बाद के पेट्रोल वाउचर के भुगतान पर रोक लगा दी। पीके ने कहा कि जायसवाल "छोटका चोर" हैं और पेट्रोल चोरी जैसे काम में शामिल हैं।
बिहार में भ्रष्टाचार पर पीके का बयान
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार की स्थिति अब "इतिहास की सबसे बड़ी" है। उन्होंने कहा: “राजद के समय जंगलराज था, लेकिन एनडीए के राज में नेता कंबल ओढ़कर घी पी रहे हैं। ऊपर से नीचे तक लूट मची हुई है।"
राजनीतिक माहौल और आने वाले चुनाव पर असर
बिहार में अगले विधानसभा चुनाव की आहट तेज है और प्रशांत किशोर लगातार एनडीए और महागठबंधन दोनों पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने एनडीए को "भ्रष्टाचार में डूबा गठबंधन" बताया। राजद और तेजस्वी यादव पर भी हमला बोलते हुए कहा कि “यह कलम नहीं, कट्टा वालों की पार्टी है।”राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पीके का यह हमला न केवल एनडीए बल्कि पूरे बिहार की राजनीति में बड़ा मुद्दा बना सकता है।