बिहार: राजगीर के ग्लास ब्रिज से स्काई वॉक और वादियों का नजारा, मार्च तक लोगों के लिए खोल दी जायेगी नेचर सफारी

नालंदा जिले के राजगीर बन रहा नेचर सफारी मार्च तक आमलोगों के लिए खोल दिया जायेगी। सफारी में निर्माण कराये जा रहे ग्लास फ्लोर ब्रिज भी मार्च तक तैयार हो जायेगा। राजगीर नेचर सफारी में यह ग्लास ब्रिज बना हुआ है। ग्लास ब्रिज के अलावा यहां पर लोग जू सफारी का भी मजा ले पायेंगे।

बिहार: राजगीर के ग्लास ब्रिज से स्काई वॉक और वादियों का नजारा, मार्च तक लोगों के लिए खोल दी जायेगी नेचर सफारी
  • ग्लास ब्रिज पर लोग कर पायेंगे सैर

पटना। नालंदा जिले के राजगीर बन रहा नेचर सफारी मार्च तक आमलोगों के लिए खोल दिया जायेगी। सफारी में निर्माण कराये जा रहे ग्लास फ्लोर ब्रिज भी मार्च तक तैयार हो जायेगा। राजगीर नेचर सफारी में यह ग्लास ब्रिज बना हुआ है। ग्लास ब्रिज के अलावा यहां पर लोग जू सफारी का भी मजा ले पायेंगे।

बगल में बन रहे जू सफारी का कार्य भी अंतिम चरण में है। देश भर के जैविक उद्यानों से शेर, बाघ, भालू सरीखे वन्य जीव लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके बाद इसे भी पर्यटकों के लिए खोल दिया जायेगा।राजगीर नेचर सफारी में बना यह ग्लास ब्रिज बना सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। नेचर सफारी में जीप लाइन, जीप बाइक और मेन कैंप एरिया भी है। देश का पहला स्काई हैंगिंग वाक नेचर सफारी में बन रहा है।पहले से ही खूबसूरत, पांच पहाड़ियों से घिरा, गौतम बुद्ध की विरासत को समेटे हुए है। राजगीर में नेचर सफारी  बिहार के इंटरनेशनल पर्यटन स्थल में चार चांद लगाने का काम करेगा।  

200 फीट ऊंचे, 85 फीट लंबे और छह फीट चौड़ा है ग्लास ब्रिज

200 फीट ऊंचे, 85 फीट लंबे और छह फीट चौड़े इस ग्लास ब्रिज को चीन के हांगझोऊ प्रोविंस में स्थित ब्रिज की तर्ज पर बनाया गया है। नेचर सफारी को 500 एकड़ में स्थित ऐतिहासिक बुद्ध मार्ग इलाके में बनाया गया है। इस नेचर सफारी में ग्लास ब्रिज के अलावा, जू सफारी, और रोप साइकलिंग करने की भी सुविधा है। बिहार दर्शन और कैफेटेरिया भी लोगों को आकर्षित करेगी। ग्लास ब्रिज पर चढ़कर स्काई वॉक करने और वादियों का नजारा लिया जा सकता है। यह वर्ल्ड का तीसरा, देश का दूसरा और बिहार का पहला स्काई वॉक ग्लास फ्लोर ब्रिज है।

एक साथ दस लोग कर सकते हैं ब्रिज पर सैर

पूर्व में सिक्किम के पेलिंग में एक स्काई ब्रिज जरूर बना है लेकिनर वह पूरी तरह से स्काई ब्रिज नहीं है। बीच-बीच में ग्लास की जगह कुछ और भी है। देश का थर्ड ग्लास फ्लोर ब्रिज उत्तराखंड के ऋषिकेश में बनाया जाना है। लक्ष्मण झूला के समानांतर इसका निर्माण होना है। राजगीर में बने ग्लास फ्लोर ब्रिज की खासियत यह है कि यहां से आप राजगीर की नेचर सफारी का दृश्य पूरी तरह से देख सकते हैं। ऑफिसियल जानकारीके अनुसार इसके निर्माण पर 1.47 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस ग्लास फ्लोर ब्रिज का निर्माण चीन के ग्लास फ्लोर ब्रिज की तरह जरूर हुआ है पर निर्माण करने वाली एजेंसी महाराष्ट्र की है। एजेंसी ने ग्लास की सुरक्षा जांच के बाद यह कहा है कि एक बार में पंद्रह लोग इस ब्रिज पर चढ़ सकते हैं। लेकिन एहतियात के तौर पर यह व्यवस्था की जा रही है कि दस लोग ही एक बार में इस पर चढ़ें।

सीएम ने पिछले वीक किया था निरीक्षण
सीएम नीतीश कुमार पिछले वीक राजगीर पहुंचे और नेचर सफारी और जू सफारी के कार्यों का जायजा लिया। सीएम नेचर सफारी को देख काफी रोमांचित हुए। ग्लास फ्लोर ब्रिज पर चढ़कर उसका मुआयना किया। उन्होंने डीएफओ डीएफओ डॉ नेशामणि के. को सुरक्षा के लिए चारों ओर से घरेराबंदी के साथ ही टेक्निशियन की तैनाती का आदेश दिया।
निरीक्षण के बाद मीडिया से बातचीत में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हमने राजगीर में नेचर सफारी के साथ-साथ जू सफारी बनाने की बात कही थी। इसका बेहतर ढंग से निर्माण किया जा रहा है। यहां आकर देखने और घूमने से युवा पीढ़ी को प्रकृति के संबंध में काफी जानकारियां मिलेंगी। वे पर्यवारण के प्रति सजग होंगे। यहां आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस की परमामेंट तैनाती की जायेगी। ताकि गलत प्रवृत्ति का व्यक्ति किसी को नुकसान नहीं पहुंचाए। तकनीकी विशेषज्ञों की भी यहां नियमित तैनाती रहेगी। नेचर सफारी में रात में सैर पर पाबंदी रहेगी। बावजूद, यहां 24 घंटे पुलिस तैनात रहेगी।
पर्यटकों का ठहराव बढ़ाने के कई प्रोजेक्ट
सीएम ने कहा कि राजगीर को देश के बड़े टूरिस्ट हब के रूप में डेवलप करने की कड़ी में ही इन सफारियों का निर्माण किया जा रहा है। पर्यटकों का ठहराव बढ़ाने के लिए यहां कई बड़ी प्रोजेक्टस पर काम चल रहा है। यहां आने वाले पर्यटकों की बेहतर सुरक्षा के इंतजाम करने के साथ ही वर्ल्ड लेवल की सुविधाएं दी जायेंगी। राजगीर में स्थापित नालंदा यूनिवर्सिटी हो या पुलिस ट्रेनिंग सेंटर, स्पोर्ट्स एकेडमी हो या अन्य प्रतिष्ठान व सामन्य लोग, सभी को शोधित गंगाजल उपलब्ध कराया जायेगा।

जंगल में लघु बिहार के दर्शन
सीएम ने कहा कि नेचर सफारी में स्वाई वॉक के साथ ही कई तरह के रोमांच से भरे एडवेंचरों की स्थापना की गयी है। बिहार दर्शन के तहत सूबे के सभी 38 जिलों की धरोहरों की बेहतर प्रदर्शनी होगी। यह जंगल के बीच लघु बिहार देखने का बेहतर अहसास होगा। गलत प्रवृत्ति के लोगों पर पैनी नजर रखी जायेगी। पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देना है। इसके लिए यहां पर तेजी से काम चल रहा है। जू सफारी, नेचर सफारी के अलावा यहां पर इंरनेशनल लेवल की स्पोर्ट्स एकेडमी व स्पॉट्स यूनिवर्सिटी का भी निर्माण होना है।

ग्राउंड वाटर निकालने पर होगी बैन
सीएम ने कहा कि इस एरिया से आनेवाले दिनों में ग्राउंड वाटर नहीं निकाला जा सकेगा। यह पूरा इलाका ऐतिहासिक है। भगवान बुद्ध व भगवान महावीर के पहले यह मगध की राजधानी हुआ करता था। यहीं से राजधानी शिफ्ट होकर पाटलिपुत्र गयी थी। वहां बन रहे बाघ, चीता, हिरण व शेर के बेड़ों को देखा। राजगीर के इलाके में पीने के लिए गंगा नदी का पानी स्वच्छ कर लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि लोगों को भू-जल के भरोसे नहीं रहना पड़े। जल संरक्षण के लिए भी लोगों को प्रेरित किया गया। वहीं मौसम अनुकूल खेती व सौर ऊर्जा पर भी बल दिया जा रहा है।सीएम ने कहा कि राजगीर मगध साम्राज्य की राजधानी रही है। हम उसके गौरव को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि युवा पीढ़ी यहां आए, नैसर्गिक वातावरण में आनंदित हो, प्रकृति से जुड़ाव बढ़ाए और अतीत के बारे में जान-समझ सकें। राजगीर में बन रही जू सफारी व नेचर सफारी पर्यटन के क्षेत्र में नया आयाम जोड़ेगी।