Bihar : गया में सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर सुधांशु कुमार बने इसरो के साइंटिस्ट, पिता चलाते हैं आटा-चक्की 

बिहार के गया टाउन के रहने वाले महेंद्र प्रसाद के बेटे सुधांशु कुमार सरकारी स्कूल से पठाई कर इसरो का साइंटिस्ट बना है। सुधांशु इसरो साइंटिस्ट के रूप में श्रीहरिकोटा सेंटर में शामिल हुए हैं।सुधांशु के पिता महेंद्र प्रसाद किसान फैमिली से आते हैं। वह घर में ही आटा चक्की चलाते हैं। सुधांशु की माता बिंदु देवी गृहिणी हैं।

Bihar : गया में सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर सुधांशु कुमार बने इसरो के साइंटिस्ट, पिता चलाते हैं आटा-चक्की 
साइंटिस्ट का पिता आंटा चक्की संचालक।
  • चंद्रयान-3 लांचिंग टीम का हिस्सा हैं सुधांशु

गया। बिहार के गया टाउन के रहने वाले महेंद्र प्रसाद के बेटे सुधांशु कुमार सरकारी स्कूल से पठाई कर इसरो का साइंटिस्ट बना है। सुधांशु इसरो साइंटिस्ट के रूप में श्रीहरिकोटा सेंटर में शामिल हुए हैं।सुधांशु के पिता महेंद्र प्रसाद किसान फैमिली से आते हैं। वह घर में ही आटा चक्की चलाते हैं। सुधांशु की माता बिंदु देवी गृहिणी हैं।

यह भी पढ़ें:Bihar: लालू यादव ने पीएम पर कसा तंज, कहा -विदेश में घूम-घूमकर जगह तलाश रहे हैं नरेंद्र मोदी, वहीं जाकर रहेंगे
महेंद्र प्रसाद ने बताया कि उनका बेटा सुधांशु चंद्रयान-03 की लांचिंग में हिस्सा लिया है। मुझे गर्व है कि मेरा बेटा इसरो का वैज्ञानिक बन गया है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हो और मेरा बेटा इसी तरह अपने देश का नाम रोशन करते रहें।उन्होंने कहा कि चंद्रयान के लांचिंग के दिन अपने परिवार के साथ टीवी पर देखकर अपने बेटे को देखकर काफी गौरवांवित महसूस कर रहे थे।
चंद्रयान-03 की लांचिंग 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से हुई है। इसरो साइंटिस्ट सुधांशु कुमार के अनुसार, चंद्रयान-03 की लांचिंग उनके जीवन का सबसे यादगार पल रहा है। सुधांशु को पूरी उम्मीद है कि 23 से 24 अगस्त तक चंद्रयान-03 चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करेगा। सुधांशु बताया चंद्रयान 03 के लांचिंग के दौरान इसका हिस्सा रहना मेरे जीवन के लिए एक यादगार पल रहेगा। उन्होंने आगे बताया कि श्रीहरिकोटा लांच व्हीकल प्रोवाइड करता है और उसी लांच व्हीकल टीम का हम लोग हिस्सा हैं। उल्लेखनीय है कि 22 जुलाई 2019 को चंद्रयान- 02 की लांचिंग की गया थी। इसका आर्बिटर अभी भी काम कर रहा है, लेकिन लांचर चंद्रमा की सतह पर क्रैश लैंडिंग होने के कारण चंद्रयान द्वितीय फेल्योर हो गया था।

सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर सुधांशु बने साइंटिस्ट
गया टाउन निवासी इसरो साइंटिस्टसुधांशु कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा खरखुरा मोहल्ला में ही एक प्राइवेट स्कूल से ग्रहण की है। प्रारंभिक शिक्षा के बाद सरकारी स्कूल प्लस टू आरआर अशोक हाइ स्कूल से मैट्रिक की शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद सुधांशु ने बी-टेक की पढ़ाई हरियाणा से की है। बी-टेक के बाद सुधांशु का सलेक्शन इसरो के लिए हुआ।