बिहार: पुलिस कांस्टेबल निकला9.47 करोड़ का मालिक, पटना समेत नौ ठिकानों पर EOU की रेड

EOU ने मंगलवार को बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रसिडेंट सह पुलिस कांस्टेबल  नरेन्द्र कुमार धीरज और उनके भाई-भतीजे के नौ ठिकानों पर रेड की। ईओयू के अनुसार नरेन्द्र कुमार धीरज के पास आय से 9,47,66,745 रुपये की अधिक संपत्ति पाई गई है। यह उनके वास्तविक इनकम से लगभग 544 प्रतिशत ज्यादा है। कांस्टेबल ने अपने साथ छह भाइयों व भतीजे के नाम पर भी करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है।

बिहार: पुलिस कांस्टेबल निकला9.47 करोड़ का मालिक, पटना समेत नौ ठिकानों पर EOU की रेड
  • बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रसिडेंट की आमदनी सैलरी से 544% अधिक
  • भाई-भतीजे को भी बना दिया करोड़पति

पटना। EOU ने मंगलवार को बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रसिडेंट सह पुलिस कांस्टेबल  नरेन्द्र कुमार धीरज और उनके भाई-भतीजे के नौ ठिकानों पर रेड की। ईओयू के अनुसार नरेन्द्र कुमार धीरज के पास आय से 9,47,66,745 रुपये की अधिक संपत्ति पाई गई है। यह उनके वास्तविक इनकम से लगभग 544 परसेंटसे ज्यादा है। कांस्टेबल ने अपने साथ छह भाइयों व भतीजे के नाम पर भी करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है।

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नरेंद्र के नाम मकान ,भाइयों के पास करोड़ों की संपत्ति
ईओयू के अनुसार नरेन्द्र कुमार धीरज के नाम पर बेऊर के महावीर कॉलोनी में दोमंजिला मकान है। सात भाइयों में विजेन्द्र कुमार विमल के नाम आरा के जगदेव नगर, बाजार समिति में चार आवासीय भूखंड, उदवंतनगर भेलाई में एक कृषि योग्य भूमि है। भाई सुरेन्द्र सिंह के नाम से आरा में 10 जगहों पर व्यावसायिक, आवासीय और कृषि योग्य भूमि, भाई वीरेन्द्र सिंह के नाम पर भोजपुर के नाढ़ी में 50 डिसमिल कृषि योग्य भूमि, भाई अशोक कुमार के नाम पर आरा के विभिन्न जगहों पर चार आवासीय व कृषि योग्य भूमि, भाई श्याम बिहार सिंह के नाम गोढ़ना, उदवंतनगर में एक आवासीय भूखंड, भाई शशि भूषण कुमार के नाम सहार के नाढ़ी में 64.50 डिसिमिल का कृषि योग्य भूमि है। वहीं भतीजा धर्मेन्द्र कुमार के नाम भोजपुर के ही जगदीशपुर स्थित सेवथा में 51 डिसमिल की कृषि योग्य भूमि है। 

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नौ ठिकानों पर रेड
ईओयू को कंपलेन मिली थी नरेन्द्र कुमार धीरज द्वारा पद का दुरुपयोग कर कुद व परिजनों के नाम करोड़ों की संपत्ति अर्जित की गई है। इसका सत्यापन करने के बाद सभी सात भाइयों और भतीजा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनिमय के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद पटना के महावीर कॉलोनी, सहार के मुजफ्फरपुर स्थित पैतृक आवास, भाई अशोक के अरवल स्थित मकान (अरोमा होटल के सामने), भाई सुरेन्द्र सिंह के आरा के भेलाई रोड, कृष्णानगर स्थित चार मंजिला और पांच मंजिला मकान, भाई विजेन्द्र कुमार विमल के आरा के कृष्णानगर स्थित पांच मंजिला मकान, भाई श्याम बिहार सिंह भोजपुर स्थित नारायणपुर के मॉल सह आवासीय मकान व छड़-सीमेंट की दुकान और भतीजा के आरा के अनाईठ स्थित आशुतोष ट्रेडर्स नामक दुकान में रेड की गई। 
कांस्टेबल, भाई व भताजे के पर भी एफआइआर, ठिकानों पर रेड
ईओयू के अनुसार रेड के दौरान जमीन की रजिस्ट्री, एलआइसी पालिसी, बैंक अकाउंट व वाहनों की खरीद से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। संबंधित कागजात जांच की जा रही है। ट्रांसपोर्ट के बिजनस में भी इन्वेस्टमेंट की बात सामने आई है। ऐसे में पुलिस कांस्टेबल के काली कमाई से अर्जित संपत्ति में और वृद्धि होने का अनुमान है। 
पुलिस कांस्टेभल नरेंद्र ने काली कमाई से अपने भाई-भतीजों के नाम भी भारी संपत्ति बनाई। ईओयू ने उनके पटना, अरवल और आरा के आवास व दुकानों पर भी रेड की। काली कमाई से संपत्ति अर्जित करने की पुष्टि होने पर सिपाही नरेंद्र कुमार धीरज के साथ परिजनों पर भी एफआइआर दर्ज की गयी है। इसमें नरेंद्र कुमार धीरज के छह भाई सुरेंद्र कुमार सिंह, शशिभूषण सिंह, श्यामबिहार सिंह, वीरेंद्र सिंह, विजेंद्र कुमार विमल, अशोक कुमार और भतीजा धर्मेंद्र कुमार शामिल है। 
जिन संपत्तियों की मिली जानकारी

दो मंजिला मकान: पटना के बेउर मोहल्ले के महावीर कालोनी में कांस्टेबल नरेंद्र कुमार धीरज के नाम पर

चारआवासीय भूखंड व एक कृषि योग्य भूमि मिली आरा के जगदेव नगर में भाई विजेंद्र कुमार विमल के पास

10 जगहों पर आरा में व्यावसायिक, आवासीय एवं कृषि योग्य भूमि मिली भाई सुरेंद्र सिंह के नाम पर 

50 डिसिमल कृषि योग्य भूमि पाई गई भोजपुर के नाढ़ी मौजा में भाई वीरेंद्र सिंह के नाम पर 

चार आवासीय एवं कृषि योग्य भूमि पाई गई आरा के विभिन्न जगहों पर भाई अशोक कुमार के नाम पर 

एक आवासीय भखूंड मिला भोजपुर के उदवंत नगर में भाई श्याम बिहार सिंह के नाम पर 

64.50 डिसमिल कृषि योग्य भूमि मिली भोजपुर के सहार में भाई शशिभूषण कुमार के पास

51 डिसमिल कृष योग्य भूमि मिली भोजपुर के जगदीशपुर में भतीजे धर्मेंद्र कुमार के पास

जिन ठिकानों पर हुई रेड
पटना में बेउर स्थित महावीर कॉलोनी स्थित आवास।
भोजपुर जिले के सहार थाना अंतर्गत मुजफ्फरपुर गांव स्थित पैतृक आवास।
अरवल के अरोमा होटल के सामने स्थित धीरज के भाई अशोक कुमार का मकान।

आरा शहर के भिलाई रोड, कृष्णानगर स्थित भाई सुरेंद्र सिंह का मकान और भाई विजेंद्र कुमार विमल का मकान।
नरेंद्र कुमार धीरज के भाई श्यामविहार सिंह के नारायणपुर आरा स्थित मॉल व आवासीय मकान।
कांस्टेबल के भतीजे धर्मेंद्र कुमार की अनाइठ, आरा में आशुतोष ट्रेडर्स नामक दुकान।
आरा के नारायणपुर में भाई सुरेंद्र कुमार सिंह के छड़ सीमेंट की दुकान एवं आवास।
33 साल दो माह से पुलिस सेवा में हैं नरेंद्र
पुलिस कांस्टेबल अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज की कांस्टेबल नंबर 2177 है। नरेंद्र नीरज 33 साल दो माह से पुलिस सेवा में हैं। अभी उसकी पोस्टिंग पटना जिला बल में हैं।नरेंद्र की 13 मई, 1988 को नालंदा जिला बल में नियुक्ति हुई थी। उसका पैतृक आवास भोजपुर के सहार थाना अंतर्गत मुजफ्फरपुर गांव है। ईओयू के अनुसार, सेवा में आने से पूर्व नरेंद्र के पास करीब तीन से चार बीघा पुश्तैनी जमीन थी। उस समय सभी भाई इस पर ही आश्रित थे। आज भी संयुक्त परिवार में नरेंद्र के अतिरिक्त कोई अन्य लोक सेवक या सरकारी सेवक नहीं है। इसके बावजूद उनके भाइयों के पास करोड़ों रुपये की संपत्ति मिली है।

सिपाही-हवलदार का प्रतिनिधित्व करता है मेंस एसोसिएशन
बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन राज्य पुलिस के सिपाही-हवलदार का प्रतिनिधित्व करता है। राज्य स्तर पर पदधारकों के अलावा सभी जिला और इकाईयों में भी इसका संगठन कार्यरत है। प्रत्येक तीन वर्ष पर इसका चुनाव होता है जिसमें अध्यक्ष, महामंत्री के अलावा विभिन्न पदों के लिए चुनाव होता है। यह काफी पुराना संगठन है। 
जिला बदलकर अरवल में रहता हैं पुलिस कांस्टेबल का एक भाई अशोक
बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज का भाई अशोक कुमार जिला बदलकर अरवल में रहता था। वह पूरे दिन भोजपुर जिले के सहार इलाके में बालू लदे ट्रकों से वसूली करता था। शाम होते ही अपने आवास अरवल में चला आता था। हालांकि दो माह पहले भी बालू लदे ट्रक से अवैध वसूली के आरोप में सहार पुलिस द्वारा रेड की गई थी। रेड के दौरान लगभग छह लाख रुपये नगद बरामद हुआ था। सरकार ने बालू के खेल से संबंधित लोगों पर शिकंजा कस रही है। अशोक अपने भाई के धौंस पर वसूली का कार्य करता था। सहार पुलिस भी सहयोग करती थी।ईओयू की  पटना की टीम द्वारा स्थानीय शहर के एनएच-139 अरोमा होटल के समीप अवस्थित मकान पर लगभग साढ़े पांच घंटे तक जांच पड़ताल किया।