बिहार: मैट्रिक की सामाजिक विज्ञान की एग्जाम कैंसिल, सुबह पेपर हुआ था लीक,जुमई बैंक में रेड, दो कस्टडी में

बिहार बोर्ड ने शुक्रवार को आयोजित मैट्रिक परीक्षा के सामाजिक विज्ञान विषय की फस्ट सीटिंग की एग्जाम को कैंसिल कर दिया है। अब यह एग्जाम दोबारा आठ मार्च को आयोजित की जायेगी। यह जानकारी बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने दी

बिहार: मैट्रिक की सामाजिक विज्ञान की एग्जाम कैंसिल, सुबह पेपर हुआ था लीक,जुमई बैंक में रेड, दो कस्टडी में

पटना। बिहार बोर्ड ने शुक्रवार को आयोजित मैट्रिक परीक्षा के सामाजिक विज्ञान विषय की फस्ट सीटिंग की एग्जाम को कैंसिल कर दिया है। अब यह एग्जाम दोबारा आठ मार्च को आयोजित की जायेगी। यह जानकारी बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने दी। मामले में संलिप्ता के आरोप में बैंक के एक कंट्रेक्ट स्टाफ व समेत एक अन्य को कस्टडीमें लेकर पूछताछ की जा रही है। 

प्रशन पत्र लीक जमुई जिले के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ब्रांच, झाझा से हुआ
उन्होंने बताया कि सामाजिक विज्ञान के फस्ट सीटिंग में आठ लाख 46 हजार 504 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। अब इनकी एग्जाम आठ मार्च को दोबारा ली जायेगी।उन्होंने बताया कि प्रश्न पत्र लीक मामले की पूरी जांच की गई है। जांच में पता चला कि सामाजिक विज्ञान की फस्ट सीटिंग के एग्जाम के क्रम में 111-0470581 क्रमांक का प्रश्न पत्र जमुई जिले में किसी अन्य व्यक्ति के वॉट्सऐप पर भेजा गया। यह प्रशन पत्र लीक जमुई जिले के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ब्रांच, झाझा से हुआ है। सुबह एग्जाम शुरू होने के पूर्व बैंक से प्रश्न पत्र को निकाले जाने और इसका फोटो खींचकर वॉट्सऐप पर भेजे जाने की संभावना ज्ञात हुई है।

एफआइआर दर्ज 
बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि मामले कई लोगों पर एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। इससे पहले जमुई डीएम व एसपी को को इस संबंध में निर्देश दिया गया था। पूरी जांच पड़ताल की गई है। पुलिस द्वारा इस मामले की विस्तृत छानबीन की जा रही है। प्रारंभिक जांच में एसबीआई झाझा बैंक के कंट्रेक्ट स्टाफ विकास कुमार की संलिप्तता सामने आयी है। इसके साथ बैंक के तीन अन्य स्टाफ शशिकांत चौधरी, अजीत कुमार और अमित कुमार सिंह द्वारा लापरवाही उजागर हुई है। पुलिस द्वारा इनकी भूमिका की गहन जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि बैंक के स्टाफ विकास कुमार के संबंधी मैट्रिक परीक्षा में सम्मलित हुए है। इसकी जांच चल रही है।समिति के निर्दश के आलोक में एफआइआर दर्ज कर पुलिस द्वारा अनुसंधान किया जा रहा है। जो भी सरकारी या निजी व्यक्ति इस कार्य में सम्मलित पाये जायेंगे, उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जायेगी। नियमानुसार गिरफ्तार किया जायेगा और कानूनी प्रावधानों के अनुसार कठोरतम कार्रवाई की जायेगी।