लालू के बेटे तेजप्रताप ने बनाया अपना संगठन, छात्र जनशक्ति परिषद यूपी चुनाव में योगी के खिलाफ खोलेगा मोर्चा

बिहार के एक्स सीएम लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज तेजप्रताप यादव ने छात्र राजद के समानांतर छात्र जनशक्ति परिषद नामक अपना अलग संगठन बना लिया है। तेजप्रताप ने प्रशांत प्रताप को संगठन का अध्यक्ष बनाया है। यह संगठन बिहार के बाहर भी छात्रों के पक्ष में काम करेगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी सक्रिय होगा। वहां की योगी सरकार की खामियों को उजागर करेगा।

लालू के बेटे तेजप्रताप ने बनाया अपना संगठन, छात्र जनशक्ति परिषद यूपी चुनाव में योगी के खिलाफ खोलेगा मोर्चा
तेजप्रताप यादव (फाइल फोटो)।

पटना। बिहार के एक्स सीएम लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज तेजप्रताप यादव ने छात्र राजद के समानांतर छात्र जनशक्ति परिषद नामक अपना अलग संगठन बना लिया है। तेजप्रताप ने प्रशांत प्रताप को संगठन का अध्यक्ष बनाया है। यह संगठन बिहार के बाहर भी छात्रों के पक्ष में काम करेगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी सक्रिय होगा। वहां की योगी सरकार की खामियों को उजागर करेगा।

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शिक्षक दिवस पर रविवार को तेजप्रताप ने नये संगठन का ऐलान किया। दावा किया कि इसके लिए उन्होंने लालू प्रसाद से भी आशीर्वाद ले लिया है। तेजप्रताप ने पहले भी आरजेडी से अलग लालू-राबड़ी मोर्चा बनाया था। आरएसएस की तर्ज पर उन्होंने धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ (डीएसएस) नाम से भी संगठन बनाया था। हालांकि, नये संगठन के बारे में उन्होंने दावा किया कि यह आरजेडी का अंग होगा, जो शिक्षा, स्वास्थ्य एवं बेरोजगारी के मुद्दे को उठायेगा। अन्य दलों के अनुषंगी संगठनों की तरह ही यह आरजेडी के लिए काम करेगा। 

चुनाव लड़ सकते हैं संगठन के सदस्य 
तेजप्रताप ने कहा कि छात्र जनशक्ति परिषद का विस्तार गांव-गांव तक होगा। पंचायत चुनाव में भी भागीदारी होगी। संगठन के सदस्य चुनाव लड़ सकते हैं। उन्हें सहयोग किया जायेगा। संगठन से आर्यन राय को उपाध्यक्ष और पीयूष को महासचिव बनाया गया है। इसी तरह पटना विश्वविद्यालय के छात्र नेता निशांत यादव, हरिओम प्रताप, चंद्र कुमार ठाकुर, सौरभ सुमन, रंजन यादव एवं ऊषा सोहानी को भी पदाधिकारी बनाया गया है।
उल्लेखनीय है हाल ही में छात्र राजद के एक कार्यक्रम के दौरान तेजप्रताप ने अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को हिटलर कह दिया था। इस पर जगदानंद सिंह ने तेजप्रताप के करीबी छात्र आकाश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर गगन को कमान सौंप दी थी। तेजप्रताप के पैंतरे को छात्र आरजेडी में किये गये जगदानंद सिंह के हस्तक्षेप को माना जा रहा है।