बिहार: एलजेपी के इकलौते एमएलए राज कुमार सिह JDU में शामिल, सीएम नीतीश कुमार ने चिराग पासवान को दिया बड़ा झटका

सीएम नीतीश कुमार ने एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान को बड़ा झटका दिया। बिहार विधानसभा से लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) का खेला खत्म हो चुका है। नीतीश ने चिराग पासवान के इकलौते एमएलए राजकुमार सिंह जेडीयू में शामिल कर लिया है। राज कुमार सिंह बेगुसराय जिले के मटिहानी विधाससभा से चुनाव जीते थे।

बिहार: एलजेपी के इकलौते एमएलए राज कुमार सिह JDU में शामिल, सीएम नीतीश कुमार ने चिराग पासवान को दिया बड़ा झटका
  • बिहार विधानसभा में एलजेपी का खेल खत्म
  • मटिहानी से एलजेपी एमएलए राजकुमार सिंह को नीतीश ने दिलायी जेडीयू की सदस्यता

पटना। सीएम नीतीश कुमार ने एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान को बड़ा झटका दिया। बिहार विधानसभा से लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) का खेला खत्म हो चुका है। नीतीश ने चिराग पासवान के इकलौते एमएलए राजकुमार सिंह जेडीयू में शामिल कर लिया है। राज कुमार सिंह बेगुसराय जिले के मटिहानी विधाससभा से चुनाव जीते थे।

विधानसभा चुनाव 2020 में बेगूसराय के मटिहानी से लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते राज कुमार सिंह बीते कई दिन से जदयू नेताओं के संपर्क में थे। उन्होंने मंगलवार को बिहार विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख कर कहा कि वे विधानसभा में अपनी पार्टी का विलय जदयू में करना चाहते हैं। चूंकि राज कुमार सिंह अपनी पार्टी के इकलौते एमएलए हैं, इसलिए इसमें कोई दिक्कत नहीं आयी। विधानसभा अध्यक्ष ने एक ही दिन में एलजेपी के जदयू विधायक दल में विलय को मंजूरी दे दी। इसके बाद राजकुमार सिंह सीएम नीतीश कुमार, एमपी ललन सिंह, मिनिस्टर विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी की मौजूदगी में जेडीयू की की सदस्यता ग्रहण की। राज कुमार सिंह अब विधानसभा में जेडीयू एमएलए बन गये हैं। 
उल्लेखनीय है कि इससे पहले जेडीयू ने बीएसपी के इकलौते एमएलए जमा खान को भी अपनी पार्टी में शामिल करा लिया था। जमा खान के पाला बदलने से विधानसभा में बसपा का जेडीयू में विलय हो गया था। नीतिश कैबिनेट में जमा खान मिनिस्टर भी बन गये हैं। 
एलजेपी के कारण बताओ नोटिस से थे नाराज
राजकुमार सिंह एलजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल खलिक के कारण बताओ नोटिस दिये जाने से नाराज चल रहे थे। बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान राजकुमार सिंह ने जेडीयू कैंडिडेट का समर्थन किया था। इसके बाद एलजेपी के राष्ट्रीय महासचिव ने प्रेस के जरिए उन्हें कारण बताओ नोटिस थमा दिया। राजकुमार सिंह का कहना था कि पार्टी की तरफ से चुनाव को लेकर कोई निर्देश नहीं दिया गया था।स्पीकर के चुनाव के समय एनडीए के पक्ष में वोटिंग करने को कहा गया था। इसलिए उन्होंने उपाध्यक्ष पद के लिए भी एनडीए को ही वोट किया।

मिल सकता है राज्यमंत्री का दर्जा
चुनाव जीतने के बाद से ही राजकुमार सिंह पर जेडीयू डोरे डाल रही थी। जेडीयू की मुंगेर के एमपी राजीव रंजन सिंह व मिनिस्टर अशोक चौधरी और उनके संपर्क में थे। वह इससे पहले एक बार सीएम से मिल चुके थे। राजकुमार सिंह को फिलहाल जेडीयू पार्टी के संगठन में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा भी दिए जाने की बात कही जा रही है।