Axiom-4 Mission: स्पेस स्टेशन से रवाना हुए शुभांशु शुक्ला, ISS से अनडॉक हुआ यान

मिशन Axiom-4 के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में गये भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला अपने अन्य साथियों के साथ स्पेस से धरती के लिए रवाना हो गये हैं। भारतीय गगनयात्री शुभांशु शुक्ला ने इस मिशन के तहत अंतरिक्ष में 18 दिन बिताये हैं।

Axiom-4 Mission: स्पेस स्टेशन से रवाना हुए शुभांशु शुक्ला, ISS से अनडॉक हुआ यान
कल पृथ्वी पर पहुंचेंगे अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला। 
  • 23 घंटों में कैलिफोर्निया के तट पर पहुंचेगा।
  • 18 दिनों बात अंतरिक्ष से होगी शुभांशु शुक्ला की वापसी।
  • ISS से अनडॉकिंग के बाद पृथ्वी के लिए रवाना हुए स्पेसक्राफ्ट

नई दिल्ली। मिशन Axiom-4 के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में गये भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला अपने अन्य साथियों के साथ स्पेस से धरती के लिए रवाना हो गये हैं। भारतीय गगनयात्री शुभांशु शुक्ला ने इस मिशन के तहत अंतरिक्ष में 18 दिन बिताये हैं।
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स्पेसक्राफ्ट की अनडॉकिंग
अभी तक की जानकारी के अनुसार, स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान की अनडॉकिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई है और ये यान धरती की ओर रवाना हो चुका है। लगभग 23 घंटे बाद ये यान कैलिफोर्निया तट पर उतरेगा। जानकारी के अनुसार, गगनयात्री शुभांशु एक्सिओम-4 मिशन के अपने तीन सहयोगी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ मंगलवार को प्रशांत महासागर में कैलिफोर्निया तट पर उतरेंगे। थोड़ी देर पहले ही ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की अनडॉकिंग हो गयी है। 
धरती पर वापसी में लगेंगे 23 घंटे
अनडॉकिंग के बाद ये स्पेसक्राफ्ट धरती की ओर उड़ान भरेगा। स्पेसक्राफ्ट को इस अंतरिक्षयान को वापस धरती पर आने में कुल 23 घंटों का समय लगेगा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अनडॉकिंग के करीब 23 घंटों बाद प्रशांत महासागर में कैलिफोर्निया के तट के पास स्पलैशडाउन की उम्मीद है। एक्सिओम-4 मिशन के तहत शुभांशु और तीन अन्य अंतरिक्षयात्री 26 जून को आईएसएस पर पहुंचे थे। आईएसएस पर इन अंतरिक्षयात्रियों ने कई प्रयोग किए।  इस स्पेसक्राफ्ट की धरती तक वापसी की पूरी प्रक्रिया स्वचालित होगी।


कल धरती पर पहुंचेंगे शुभांशु शुक्ला
Axiom-04 मिशन के तहत ISS में गए चारों अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला (भारत), पैगी व्हिटसन (अमेरिका), स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीवस्की (पोलैंड) और टिबोर कापू (हंगरी) धरती के लिए रवाना हो गये हैं। स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट शाम 4:30 ISS से धरती के लिए उड़ान भरा। यह स्पेसक्राफ्ट कल यानी 15 जुलाई की शाम 3 बजे अमेरिका में कैलिफोर्निया के करीब लैंड करेगा।
सारे जहां से अच्छा दिखता है भारत: शुभांशु
जब एक्स-4 चालक दल पृथ्वी पर वापस जाने की तैयारी कर रहा था, तब रविवार को ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने आईएसएस से एक भावपूर्ण विदाई भाषण दिया। उन्होंने अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के प्रसिद्ध शब्दों को दोहराते हुए कहा कि आज का भारत अभी भी सारे जहां से अच्छा दिखता है। उन्होंने कहा, यह मेरे लिए कमाल की यात्रा रही है। जल्दी ही धरती पर मुलाकात करते हैं। अब यह यात्रा समाप्त होने वाली है। लेकिन हमारी मानव अंतरिक्ष उड़ान की यात्रा बहुत लंबी है।वहीं, नासा ने बताया कि ड्रैगन अंतरिक्ष यान 580 पाउंड से अधिक कार्गो के साथ पृथ्वी पर लौटेगा, जिसमें नासा के हार्डवेयर और मिशन के दौरान किये गये 60 से अधिक प्रयोगों का डेटा शामिल है।
अंतरिक्ष को अलविदा कहने से पहले शुभांशु ने क्रू मेंबर्स के साथ फोटो सेशन किया। नासा के जॉनी किम ने फोटो शेयर कीं जिसमें अमेरिका जापान भारत हंगरी और पोलैंड के 8 अंतरिक्ष यात्री दिख रहे हैं। अंतरिक्ष को अलविदा कहने से पहले शुभांशु ने सभी क्रू मेंबर्स के साथ फोटो सेशन में हिस्सा लिया है। ISS से सामने आई इन तस्वीरों में Axiom-04 मिशन और एक्सपीडीशन 73 के क्रू मेंबर्स को एक-साथ मुसकुरा कर पोज देते हुए देखा जा सकता है।
आठ अंतरिक्ष यात्रियों की फोटो
इन फोटो में आठ अंतरिक्ष यात्री नजर आ रहे हैं। यह सभी लोग अमेरिका, भारत, जापान, हंगरी और पोलैंड से ताल्लुक रखते हैं। सभी अंतरिक्ष यात्री कंधे से कंधा मिलाकर कैमरे के सामने फोटो खिंचवा रहे हैं।
जॉनी किम ने शेयर की फोटोज
नासा के अंतरिक्ष यात्री जॉनी किम ने यह तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की हैं। इस पोस्ट में एक वीडियो भी शामिल है। पोस्ट शेयर करते हुए जॉनी ने लिखा, टीम ने दीवार पर लगे ट्राइपॉड और टाइम-लैप्स कैमरे की मदद से यह फोटोज क्लिक की हैं।जॉनी के अनुसार, आमतौर पर हम फ्लाइट सूट नहीं पहनते हैं। मगर संयोग से हम सभी फ्लाइट सूट में थे, तो हमने सोचा क्यों न नए साथियों के साथ कुछ तस्वीरें ले ली जाएं? इस फोटो में अमेरिका, जापान, भारत, हंगरी और पोलैंड के 8 अंतरिक्ष यात्री हैं। आप सभी के साथ काम करना सौभाग्य की बात है। हमारे देशों को एक-साथ मिलकर काम करते देखना शानदार अनुभव है।