पांच साल बाद मिला CMPF को परमानेंट कमिश्नर, विजय कुमार मिश्रा के नाम पर एसीसी ने लगायी मुहर

कोयला खान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफ) को पांच साल बाद परमानेंट कमिश्नर मिल गया है। 1991 बैच के सीपीईएस कैडर के विजय कुमार मिश्रा के को सीएमपीएफ कमिश्‍नर बनाने पर एसीसी ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है।

पांच साल बाद मिला CMPF को परमानेंट कमिश्नर, विजय कुमार मिश्रा के नाम पर एसीसी ने लगायी मुहर

नई दिल्ली। कोयला खान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफ) को पांच साल बाद स्थायी रूप से नया कमिश्नर मिल गया है। 1991 बैच के सीपीईएस कैडर के विजय कुमार मिश्रा के को सीएमपीएफ कमिश्‍नर बनाने पर एसीसी ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है।

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इस संबंध में सेंट्रल गवर्नमेंट के डिप्टी सेक्रेटरी निधि श्रीवास्तव ने पत्र जारी कर इसकी सूचना कोयला मंत्रालय सहित संबंधित विभाग को भेज दी है। मिश्रा को 31 मई 2025 तक के लिए कमिश्नर एप्लाइंट किया गया है। इनके पदभार ग्रहण करते ही बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता का दायित्‍व समाप्‍त हो जायेगा। फिलहाल बीसीसीएल सीएमडी ही सीएमपीएफ कमिश्नर का एडीशनल चार्ज भी संभाल रहे हैं।

2017 से एडीशनल चार्ज में CMPF कमिश्नर का पोस्ट

कोल मिनिस्टरी ने फरवरी के प्रथम सप्ताह में बीसीसीएल के सीएमडी समीरण दत्ता को CMPF कमिश्नर का एडीशनल चार्ज दिया है। दत्ता को कोयला मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार अनिमेष भारती के स्थान पर सीएमपीएफओ के आयुक्त का प्रभार सौंपा गया था। इसी साल फरवरी माह में मिनिस्टरी ने अनिमेष भारती को सीएमपीएफओ के आयुक्त के पद से मुक्त कर दिया है। वे मई 2017 से आयुक्त के प्रभार में थे।

 बीके पांडा को हटाये जाने के बाद से प्रभार में था पोस्ट

एसीसी ने बीके पांडा को स्थायी कमिश्नर बनाकर एसीसी ने भेजा था, लेकिन कोयला मंत्रालय की गाइडलाइन से हटकर काम करने के कारण इन्हें पद से हटा दिया गया। पांडा की जगह कोल मिनिस्टरी के  आर्थिक सलाहकार अनिमेष भारती को आयुक्‍त का प्रभार सौंपा गया था। तब से यह पद प्रभार में था। हालांकि इस दौरान भी सीएमपीएफ में कई गड़बड़ी सामने आई, जिसकी जांच सीबीआइ व सीवीसी की ओर से की जा रही है। कई मामलों में तो सीवीसी के निर्देश पर कार्रवाई भी हुई है।

 पीएफ व पेंशन का संचालन

सीएमपीएफओ कोल मिनिस्टरी के अधीन है। इस पर कोल इंडिया की सभी कोयला कंपनियों के साथ ही कुछ दूसरी माइनिंग कंपनियों के मजदूरों की पेंशन भुगतान की जिम्मेदारी है। इसका हेडक्वार्टर धनबाद में है। देशभर में कई ब्रांच ऑफिस हैं। पीएफ व पेंशनरों की संख्या मिलाकर कुल दस लाख से अधिक इसके सदस्य हैं।