डीजीएमएस का 120वां स्थापना दिवस, खनिज उत्पादन से ही देश के विकास को मिलेगी गति : सिंफर डायरेक्टर

सिंफर डायरेक्टर डा पीके सिंह ने कहा है कि देश में अभी सिर्फ ऊर्जा क्षेत्र में कोयला की आवश्यकता है लेकिन आने वाले 30 वर्षो में कोयले की आवश्यकता अन्य क्षेत्रों में भी पड़ेगी। अभी एक लाख 88 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन में लगभग 62 प्रतिशत कोयला जल रहा है।

डीजीएमएस का 120वां स्थापना दिवस, खनिज उत्पादन से ही देश के विकास को मिलेगी गति : सिंफर डायरेक्टर

धनबाद। सिंफर डायरेक्टर डा पीके सिंह ने कहा है कि देश में अभी सिर्फ ऊर्जा क्षेत्र में कोयला की आवश्यकता है लेकिन आने वाले 30 वर्षो में कोयले की आवश्यकता अन्य क्षेत्रों में भी पड़ेगी। अभी एक लाख 88 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन में लगभग 62 प्रतिशत कोयला जल रहा है। तीस साल बाद कोयले का उपयोग मिथनॉल, इकनॉमी में गैसिफिकेशन इनकॉमी में किया जायेगा। वह गुरुवार को डीजीएमएस के 120वें स्थापना दिवस समारोह को बतौर चीफ गेस्ट संबोधित कर रहे थे। 

देश का खनन उद्योग सुरक्षित हाथों में

उन्होंने कहा कि  खदानों में सुरक्षा संबंधी जिम्मेवारियों के निर्वहन के लिए 1901 में अंग्रेजों ने डीजीएमएस की स्थापना की थी। जीएमएस का गौरवशाली इतिहास रहा है। डीजीएमएस निरंतर आगे बढ़ रहा है। हमें संस्थान के प्रति ईमानदार रहने की जरूरत है। साथ ही यह सोचने की जरूरत है कि संस्थान को हमने क्या दिया और संस्थान ने हमें क्या दिया। हमें हमेशा बेहतर सोच के साथ काम करने की जरूरत है। देश में खनिज उत्पादन सुरक्षा के साथ कैसे हो इस पर समय के साथ मंथन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जबतक जब तक मिनरल की जरूरत है डीजीएमएस की उपयोगिता बरकरार रहेगी। देश का खनन उद्योग सुरक्षित हाथों में है। खनिज के उत्पादन से ही देश के विकास को गति मिलेगी।

माइनिग एवं मिनरल के क्षेत्र में शून्य दुर्घटना बड़ी चुनौती

उन्होंने कहा कि फ्रीडम ऑफ वर्क देना होगा ताकि युवाएं नये आइडिया के साथ काम कर सकें।उन्होंने कहा कि माइनिंग एरिया में डीजीएमएस का बड़ा योगदान है। माइनिग एवं मिनरल के क्षेत्र में शून्य दुर्घटना बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को केवल डाटा तैयार कर पूरा नहीं किया जा सकता श्रमिकों को शिक्षित करने की जरूरत है। हम तेजी से हर क्षेत्र में विकास कर रहे हैं। हमारे अंदर अनुशासन और कर्तव्य बोध होना जरूरी है। साथ ही संवाद भी होना चाहिए। 

जीरो एक्सीडेंट हासिल करने का टारगेट: डीजीएमएसए डीजी
 डीजीएमएस के डीजी प्रभात कुमार ने कहा हमारा टाारगेट है कि हम शून्य दुर्घटना को कैसे हासिल करें। लंबित मामलों को हम पूरा कर रहे हैं। मिविस्टरी रिक्त पदों पर बहाली कर रही है। डीजीएमएस को जल्द ही 23 डिप्टी डायरेक्टर और 45 माइनिग एरिया में अफसर मिलने वाले हैं। उन्होंने कहा कि  कई कानूनों में संशोधन किये हैं, उन नियमों को भी लागू कराना है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी विकसित करने के लिए मॉडल कमेटी और डीजीएमएस का क्या योगदान होगा, इस पर कमेटी काम कर रही है। अफसरों को बेहतर ट्रेनिग व्यवस्था मिले इसको लेकर अध्ययन शुरू हो गया है। हर पांच साल पर अधिकारियों को बेहतर टेक्नोलॉजी के अध्ययन के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा। हमें स्टडी करने की जरूरत है। सेफ्टी मैनेजमेंट और टेक्नोलॉजी पर भी अध्ययन करना है। हमें विदेशी माइंस से नहीं देसी व्यवस्था पर ही अध्ययन करने की जरूरत है।
कार्यक्रम में  महानिदेशक मध्य जोन अरविद कुमार, उप महानिदेशक एम के मालवीय, स्नेह लता शेट्टी, प्रोफेसर आरएन भट्टाचार्य आईएसएम, एमडी मिश्रा, सीएन घोष, गौतम बनर्जी, बी दयासागर, राजकुमार, विपुल कुमार समेत अन्य अफसर मौजूद थे।