नई दिल्ली:पुलिसकर्मियों का धरना, प्रदर्शन 11 घंटे बाद समाप्त, सीनीयर ऑफिसरों ने मागें माने जाने का आश्वासन दिया

दिल्ली पुलिस के सीनीयर अफसरों से सेंट्रल गर्वमेंट नाराज नई दिल्ली:तीस हजारी कोर्ट कैंपस में वकीलों से हुई हिंसक झड़प के बाद पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई समेत अन्य कई मांगों को लेकर सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने मंगलवार को सड़क पर उतर विरोध जताया. पुलिसकर्मियों ने दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर के सामने धरना-प्रदर्शन किया. इस अभूतपूर्व धरना-प्रदर्शन में पुलिसकर्मियों के परिजन भी शामिल हुए. प्रदर्शन व धरना के दौरान पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक से इस्तीफा मांगा गया. इस दौरान 'पुलिस कमिश्नर कैसा हो किरण बेदी जैसा हो का नारा भी लगा. कमीश्नर समेत अन्य सीनीयर अफसरों द्वरा मांगों को माने जाने के आश्वासन के बाद पुलिसकर्मियों ने लगभग 11 घंटे तक चला धरना-प्रदर्शन खत्म रात को समाप्त कर दिया. दिल्ली पुलिस के प्रदर्शन के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया भी नरम पड़ गया है. सूत्रों कहना है कि दिल्ली के पुलिसकर्मियों केधरना- प्रदर्शन से सेंट्रल गर्वमेंट नाराज है. प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों को काम पर लौटने के लिए राजी करने में दिल्ली पुलिस के सीनीयर अफसरों को काफी मशकक्त करनी पड़ी. दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने भी प्रदर्शनकारियों को संबोधित कर मनाने की कोशिश की लेकिन वे लोग नहीं माने. दिल्ली के स्पेशल पुलिस कमिश्नर (क्राइम) सतीश गोलचा, स्पेशल पुलिस कमिश्नर आरएस कृष्णैया, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर देवेश चंद्र श्रीवास्तव समेत सभी सीनीयर अफसर पुलिसकर्मियों को लगातार समझाते हुए भरोसा दिलाते रहे कि उनकी सभी जायज मांगें मानी जायेगी. सीनीयर अफसर माइक से आला पुलिसकर्मियों को संबोधित करते रहे. पुलिसकर्मियों के बीच में भी जाकर उन्हें समझाते रहे कि आप काम पर लौट जाइए.आपके साथ पूरा समाज है, मीडिया है, सबको आपसे सहानुभूति है. अंतत: 10 घंटे बाद पुलिसकर्मी धरना-प्रदर्शन समाप्त करने पर सहमत हुए. पुलिसकर्मियों की मांगें सभी लेवल के जजों की पुलिस सुरक्षा वापस ली जाए,हिंसा में शामिल सभी वकीलों पर क्रिमिनल केस चले., कोर्ट से पूर्ण रूप से पुलिस सुरक्षा हटायी जाय, ट्रैफिक पुलिस वकीलों से कोई नरमी न बरते,वकीलों और उनके स्टाफ की पुलिस ऑफिस में इंट्री बंद हो,पुलिसकर्मियों के लिए पुलिस प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो,पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों के लिए संगठन बने,दिल्ली सरकार को कोई पुलिसकर्मी सहयोग न करें. पुलिसकर्मियों की मांगों पर मिला आश्वासन मांग                                                                         आश्वासन सस्पेंड किए गए पुलिसकर्मियों की बहाली -कोर्ट के आदेश पर निलंबन, रिव्यू पिटिशन डाली जायेगी घायल पुलिसकर्मियों को वकीलों दी गयी मुआवजा व वैसी ही इलाज की सुविधा- न्यूनतम 25 हजार रुपये मुआवजा, उचित इलाज आरोपी वकीलों पर कार्रवाई-साकेत मामले में समुचित धाराओं में FIR दर्ज, उचित कार्रवाई होगी दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील - रिव्यू पिटिशन दाखिल होगी कॉन्स्टेबल के साथ मारपीट करने वालों वकीलों की पहचान उन वकीलों की पहचान-कार्रवाई का आश्वासन तीस हजारी कोर्ट में गड़बड़ी करने वाले वकीलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई- कार्रवाई का आश्वासन पुलिस वेलफेयर यूनियन बनायी जाय जो भविष्य में किसी भी समस्या में हमारे हितों का ध्यान रखा जाए- कोई आश्वासन नहीं आज आंदोलन करने वाले पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई न की जाए-प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई नहीं होगी पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन से सेंट्रल नाराज दिल्ली के पुलिसकर्मियों द्वारा सर्विस रूल्स का उल्लंघन कर विरोध-प्रदर्शन किये जाने से सेंट्रल गर्वमेंट नाराज है. गर्वमेंट को लिसकर्मियों के साथ सहानुभूति भी है.गर्वमेंट के मानना है कि पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस का नेतृत्व स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रही. इससे पब्लिक में गलत परसेप्शन बनी. बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस के कुछ सीनीयर अफसरों पर जल्द ही कार्रवाई की गाज गिर सकती है. एलजी ने स्थिति की समीक्षा की दिल्ली के एलजी (उपराज्यपाल)अनिल बैजल ने वकीलों के साथ दिल्ली के पुलिसकर्मियों की झड़प के बाद मंगलवार को दिल्ली पुलिस के कर्मियों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर स्थिति की समीक्षा की. एलजी ने कहा कि पूरे मामले में निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित करना जरूरी है. एलजी ऑफिस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि विशेष आयुक्त (खुफिया) प्रवीर रंजन ने एलजी को मौजूदा स्थिति और हाई कोर्ट के संबंधित आदेशों के बारे में जानकारी दी. एलजी ने कहा कि वकील और पुलिस आपराधिक न्याय प्रणाली के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं और उन्हें पूर्ण सद्भाव के साथ काम करना चाहिए. हाई कोर्ट में आज सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में पुलिस-वकील भिड़ंत मामले में बुधवार को सुनवाई होगी. सेंट्र होम मिनिस्टरी ने ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर तीन नवंबर के उसके आदेश में संशोधन की मांग की है.दिल्ली पुलिस भी हाई कोर्ट में बुधवार को रिव्यू पिटिशन दाखिल कर सकती है. हाई कोर्ट ने रविवार को मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए न्यायिक जांच का आदेश दिया था. कोर्ट ने तीस हजारी कांड में जिन वकीलों के खिलाफ FIR दर्ज हुई हैं, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई न करने का आदेश दिया था. होम मिनिस्टरी ने अपनी याचिका में मांग की कि कोर्ट अपना आदेश बदले और तीन नवंबर के बाद की घटनाओं पर यह लागू न हो. चीफ जस्टिस डी. एन. पटेल और जस्टिस सी. हरिशंकर की बेंच ने होम मिनिस्टरी की याचिका पर नोटिस जारी किया और वकीलों के शीर्ष निकाय बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) और राष्ट्रीय राजधानी की कई अन्य बार एसोसिएशनों से जवाब मांगा. एडीशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर आचार्य ने सेंट्रल गर्वमेंट का प्रतिनिधित्व किया. सेंट्रल गर्वमेंट ने अपनी याचिका में कोर्ट से यह स्पष्ट करने का आग्रह किया है कि उसका तीन नवम्बर का आदेश कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिए किसी गैरकानूनी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने से रोक तो नहीं लगाता है. पुलिसकर्मियों के परिजनों ने प्रदर्शन किया, कैंडल मार्च निकाला दिल्ली के पुलिसकर्मी पुलिस हेडक्वार्टर के सामने प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिसकर्मियों के परिजन इंडिया गेट पर प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट के विरोध में उनके परिजनों ने इंडिया गेट पर कैंडल मार्च निकाला. बार काउंसिल की अपील, हड़ताल खत्म करें वकील बार काउन्सिल ऑफ इंडिया’ ने बार संगठनों को पत्र लिखकर उपद्रव करने वाले वकीलों की पहचान करने का अनुरोध किया है. बार काउन्सिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने वकीलों से अपना विरोध खत्म करने का आग्रह किया है क्योंकि इससे संस्थान की छवि खराब हो रही है. बुधवार को भी वकीलों की हड़ताल बार काउंसिल ऑफ इंडिया की हड़ताल खत्म करने की अपील के बाद भी वकील नहीं मान रहे. दिल्ली डिस्ट्रिक्ट कोर्ट्स कोऑर्डिनेशन कमिटी ने कहा है कि हड़ताल बुधवार को भी जारी रहेगी. उसने फैसला किया है कि दिल्ली की सभी जिला अदालतों में वकील कामकाज से बुधवार को भी दूर रहेंगे. दिल्ली पुलिस को अन्य राज्यों के पुलिस संगठनों को समर्थन मिला वकीलों के खिलाफ लड़ाई में दिल्ली पुलिस के समर्थन में बिहार पुलिस एसोसिएशन, झरखंड पुलिस एसोसिएशन, हिमाचल प्रदेश आईपीएस एसोसिएशन और तमिलनाडु आईपीएस एसोसिएशन भी आ गया है. बिहार पुलिस एसोसिएशन ने कहा कि वह दिल्ली पुलिस के प्रत्येक पीड़ित के साथ खड़ा हुआ है. बिहार पुलिस एसोसिएशन ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. झारखंड पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह ने कहा है कि पुलिस पर हमला कानून पर हमला है. कानून का उल्लंघन करने वाले,पुलिस की कार्य मेंबाधा डालने वाले व पुलिस हमला करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. फ्लैश बैक दिल्ली तीस हजारी कोर्ट कैंपस में पार्किंग को लेकर दो नवंबर को मामूली विवाद पुलिस और वकीलों के बीच बड़े टकराव का कारण बन गया. पुलिस के एक वाहन और एक वकील की गाड़ी में टक्कर हो गई थी, मामला पुलिस बनाम वकील का हो गया. अफवाह फैली कि पुलिस की गोली से एक वकील की मौत हो गई है, इसके बाद कोर्ट कैंपस में वकीलों तांडव मचाना शुरु कर दिया. वकीलों ने पुलिस की कई गाड़ियों को फूंक डाला. इस हिंसक झड़प में लगभग 20 पुलिसकर्मी और 12 वकील जख्मी हुए. मामले में कई विडियो सामने आये जिनमें वकील पुलिसवालों की बेरहमी से पिटाई करते दिखे. कई विडियो में वकील आम लोगों पर भी हमला करते और उनके मोबाइल फोन तोड़ते दिख रहे हैं.