पाकिस्तान: ट्रेन में गैस सिलिंडर विस्फोट में 74 लोगों की मौत,40 से अधिक घायल

इस्लामाबाद:पाकिस्तान के पूर्वी पंजाब प्रांत में कराची से रावलपिंडी जा रही तेज़गाम एक्सप्रेस ट्रेन में भयानक आग लगने से कम से कम 74 लोगों की मौत हो गयी और 40 से अधिक लोग घायल हो गये. मरने वालों में से ज्यादातर इस्लामिक उपदेशक हैं जो एक बड़ी धार्मिक सभा में भाग लेने के लिए जा रहे थे. ट्रेन में कुछ तीर्थयात्री सुबह का नाश्ता बना रहे थे और दो गैस सिलिंडरों में विस्फोट हो गया जिससे आग लग गयी. तेज़गाम एक्सप्रेस कराची से रावलपिंडी जा रही थी. सुबह लाहौर से लगभग 400 किलोमीटर दूर रहीम यार खान जिले के समीप लियाकतपुर में यह हादसा हुआ. आग लगने से तीन डिब्बे जलकर खाक हो गये.इनमें महिलाओं और बच्चों समेत 200 यात्री सवार थे. 40 से अधिक लोगों गंभीर रूप से घायल हो गये हैं तथा मृतक संख्या बढ़ सकती है. आग में ट्रेन के दो इकोनॉमी क्लास के डिब्बे और एक बिजनेस क्लास का डिब्बा पूरी तरह जल गया. पाक रेल मिनिस्टर ने मरने वालों की पुष्टि की है. मिनिस्टर ने कहा है कि मारे गये लोगों में तब्लीगी जमात (इस्लामी प्रचारक) के लोग शामिल थे जो एक बड़े आयोजन के लिए लाहौर जा रहे थे. तब्लीगी जमात का मुख्यालय रायविंड में है और इस शहर में वार्षिक धार्मिक सभा तब्लीगी इज्तेमा का आयोजन करता है जो इस साल बृहस्पतिवार को होनी है.कहा जा रहा है कि लोग सुबह का नाश्ता बना रहे थे तो दो स्टोव्स में ‍विस्फोट हो गया. चलती ट्रेन में यात्रियों के साथ केरोसिन होने से आग और फैल गयी. ट्रेन के गार्ड व ड्राइवर ने सिलिंडरों का इस्तेमाल करने वाले पैसेंजरों को रोका भी था. पैसेंजर्स ने गार्ड के सामने स्टोव बंद कर दिया लेकिन जब वह चला गया तो उन्होंने वापस उसे जला लिया. ज्यादातर मौतें ट्रेन से कूदने के कारण हुई. कुछ लोगों की चलती ट्रेन से कूदने के कारण सिर में चोटें आने से मौत हुई.तब्लीगी जमात के पदाधिकारियों ने रेलमंत्री के दावे को खारिज करते हुए कहा कि धमाका शार्ट सर्किट के कारण हुआ. उन्होंने कहा कि कुछ घायल यात्रियों के अनुसार उन्होंने बुधवार रात को शार्ट सर्किट की गंध के बारे में रेल अधिकारियों को बताया था लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया जिसके कारण गुरुवार की सुबह हादसा हुआ. प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस घटना पर शोक जताया है और अधिकारियों को घायलों को सबसे अच्छा इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. प्रधानमंत्री इमरान ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं. रेलमंत्री ने स्वीकार किया है कि गैस के सिलिंडरों को ले जाने से न रोक पाना प्रशासन की गलती है. उन्होंने कहा कि यह हमारी गलती है और हम इसकी जांच करायेंगे. उन्होंने मृतकों के परिजन को मुआवजे के तौर पर 15 लाख और घायलों को पांच लाख रुपए देने की घोषणा की है.अधिकारियों ने बताया कि वे पीड़ितों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं. दमकल विभाग की 10 गाड़ियों ने कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग बुझायी. बचाव अधिकारियों और सेना के हेलीकॉप्टरों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया. ज्यादातर घायलों की हालत गंभीर बतायी जा रही है.अस्पताल में जिन शवों को लाया गया है उनमें से ज्यादातर की पहचान कर पाना मुश्किल है.मृतकों की पहचान डीएनए टेस्ट के जरिए की जायेगी. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने ट्रेन में आग लगने के बाद कई लोगों को उसमें से कूदते हुए देखा हादसे में घायल हुए इफ्तिखार अहमद ने लियाकतपुर अस्पताल में मीडिया को बताया, ''मैं अपनी अम्मी, बहन और भाई के साथ सफर कर रहा था जब सुबह करीब छह बजे अचानक धमाके के बाद हमारी बोगी में आग लग गयी. हर कोई रो रहा था और अपनी जान बचाने की जुगत में था। मैंने अपने परिवार के सदस्यों को आग की चपेट में आने से पहले ट्रेन से कूदने के लिए कहा. मेरा भाई और मैं ट्रेन से कूद गए लेकिन मेरी अम्मी और बहन नहीं कूद पाये.