नई दिल्ली: चांद दिखा, देश भर में आज ईद का त्योहार

  • ईद के चांद के दीदार के बाद झूमे लोग
  • एक-दूसरे को देने लगे ईद की मुबारक बाद
नई दिल्ली: ईद के चांद का दीदार मंगलवार की शाम को हुई. चांद दिखने की पुष्टि करते हुए पांच जून बुधवार को ईद का पर्व मनाने की घोषणा की गयी. इमारत-ए-शरिया और पटना सिटी स्थित एदारा-ए-शरिया ने भी बुधवार को ईद मनाने की घोषणा की है. बिहार-झारखंड समेत देशभर में बुधवार को ईद मनायी जायेगी. सुबह ईद की नमाज पढ़ी जायेगी. जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार था, आखिरकार वो रात आ ही गई.यह है ईद का चांद नजर आने की चांद रात. मंगलवार को 29वां रोजा मुक्कल करने के बाद सबकी निगाहें आसमान पर थीं. चांद नजर आया तो बुधवार पांच जून को ईद मनाना तय हो गया. ईद की खरीदारी देर रात तक होती रही नई दिल्ली वे देश के विभिन्न राज्यों में चांद दिखने के साथ ही ईद की तैयारियों के लिए खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ बाजार में जुटने लगी. रांची, पटना, धनबाद समेत अन्य जगहों पर ईद की खरीददारी के लिए देर रात तक बाजार खुले रहे. रात जैसे जैसे गहराती गई, बाजारों में भीड़ बढ़ती गई. हर किसी को अपनी पसंद और जरूरत की चीजों की तलाश थी. खासकर सजावट व खान-पान की चीजों तथा इत्र व वस्त्रों आदि की खदीदारी के लिए भारी भीड़ उमड़ती दिखी. चांद देखने के बाद ही ईद हिन्दू और मुस्लिम त्योहारों में चांद का बड़ा महत्व है. बिना चांद को देखे कोई व्रत या त्योहार नहीं मनाया जाता या उसे अधूरा माना जाता है. ईद-उल-फितर हिजरी कैलेंडर के 10वें माह के पहले दिन मनाई जाती है. हिजरी कैलेंडर में नया माह चांद देखकर ही शुरू होता है. जब तक चांद नहीं दिखे, तब तक रमजान का महीना खत्म नहीं माना जाता है. रमजान का महीना खत्म होने के बाद ही नये माह के पहले दिन ईद मनाई जाती है. माना जाता है कि इसी दिन हजरत मुहम्मद मक्का से मदीना के लिए निकले थे. ईद के दिन इन बातों का ध्यान रखें ईद के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और फजिर की नमाज अदा करनी चाहिए. इसके बाद दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर रिवाज के हिसाब से नए कपड़े पहनने चाहिए, इत्र लगाना चाहिए. ईद की नमाज अदा करने से पहले फितरा अदा करना जरूरी होता है. बिना फितरा अदा किए नमाज मुकम्मल नहीं मानी जाती है. ईद की नमाज ईदगाह में अदा करनी चाहिए. ईदगाह न होने पर मस्जिद में या फिर खुले आसमान तले ही नमाज अदा करनी चाहिए. ईदगाह आने और जाने के लिए अलग-अलग रास्तों का इस्तेमाल करना चाहिए. छोटे बच्चों को ईदी के तौर उपहार देने चाहिए. गरीबों को दान देना चाहिए, भोजन भी खिलाना चाहिए. धनबाद में ईद की नमाज का समय