चांद की सतह पर मिली लैंडर विक्रम की लोकेशन: ISRO चीफ के सिवन, ऑर्बिटर ने क्लिक की फोटो

नई दिल्ली: इसरो के चेयरमैन के सिवन ने कहा है कि चांद की सतह पर लैंडर विक्रम की सटीक लोकेशन का पता लगा लिया गया है. ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर की एक थर्मल इमेज भी क्लिक की है. ऑर्बिटर से जो थर्मल तस्वीरें मिली हैं उनसे विक्रम लैंडर के बारे में पता चला है. हालांकि, अभी तक विक्रम से संपर्क नहीं साधा जा सका है. उन्होंने कहा कि हम विक्रम से संपर्क करने की पूरी कोशिश कर रहे है, जल्द ही हम उससे संपर्क साध लेंगे. चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर में जो ऑप्टिकल हाई रिजोल्यूशन कैमरा (OHRC) लगा है उसके जरिए ही विक्रम लैंडर की तस्वीर सामने आई हैं. उन्होंने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. इमेज से यह साफ नहीं हो सका है कि विक्रम चांद की सतह पर किस हालत में है. इसरो की FAC टीम यह पता लगाने में जुटी है कि आखिर किन वजहों से लैंडर का संपर्क इसरो कमांड से टूट गया था. लैंडर को संदेश भेजने की कोशिश की जा रही है ताकि, उसका कम्युनिकेशन सिस्टम ऑन किया जा सके. इसरो चीफ ने कहा कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर कितना काम करेगा. इसका तो डेटा एनालाइज करने के बाद ही पता चलेगा. अभी तो ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर जाकर विक्रम अपना रास्ता भटक गया. इसकी वजह ये हो सकती है कि विक्रम लैंडर के साइड में लगे छोटे-छोटे 4 स्टीयरिंग इंजनों में से किसी एक ने काम न किया हो. हो सकता है कि यही से सारी दिक्कतें शुरू हुई हो, वैज्ञानिक इसी बिंदु पर स्टडी कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि छह से सात सितंबर की मिड नाइट लैंडर विक्रम चांद की सत्ह पर लैंड करने ही वाला था कि महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर विक्रम से संपर्क टूट गया. वैज्ञानिकों ने इसके बाद लगातार उससे संपर्क करने की कोशिश की लेकिन, वह कामयाब नहीं हो पाये. ऑर्बिटर पर लगा है हाई रिजोल्यूशन कैमरा ऑर्बिटर अभी भी चांद के टक्कर लगा रहा है। इसपर जो कैमरा लगा है वह काफी हाई रिजोल्यूशन का है. ये कैमरा 0.3 मीटर यानी 1.08 फीट तक की ऊंचाई तक किसी भी चीज की साफ तस्वीर ले सकता है.