रांची: खूंटी कोचांग गैंग रेप मामले में फादर अल्फोंस सहित छह अभियुक्तों को आजीवन कारावास

रांची: कोर्ट ने खूंटी के कोचांग में नुक्कड़ नाटक करने गईं पांच महिलाओं के साथ गैंग रेप मामले में षड्यंत्रकारी फादर अल्फोंस आइंद, उत्प्रेरक जॉन जुनास तिडू, बलराम समद तथा मुख्य अभियुक्त जुनास मुंडा, बाजी समद उर्फ़ टकला व अजूब सांडी पूर्ति को आजीलन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्तों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माने की राशि पीड़िता को दी जायेगी. खूंटी एडीजे राजेश कुमार की कोर्ट ने सात मई को ही सभी छह अभियुक्तों को मामले में दोषी करार दिया था. कोर्ट ने 225 पेज में अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट का फैसला 11 महीने में आया है.कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि महाभारत में कहा गया है कि दंड ही ऐसी व्यवस्था है, जिससे समाज को नियंत्रित किया जा सकता है. इसी के कारण अंधेरे में भी अपराध करने वाला व्यक्ति भयभीत होता है कि यदि पकड़े गये तो दंडित किये जायेंगे. अभियुक्तों ने इस तरह का जघन्य अपराध करते हुए रूल ऑफ लॉ को चैलेंज किया है. यह क्षमा योग्य नहीं है.मामले में कुल आठ अभियुक्त हैं. इनमें सात पकड़े गये थे. एक अभियुक्त नाबालिग है. इसलिए छह अभियुक्तों के खिलाफ फैसला सुनाया गया. एक अभियुक्त नोबेल सांडी पूर्ति फरार चल रहा है. फादर अल्फोंस पर पूरी घटना की साजिश रचते हुए महिलाओं को अपहरण कर निर्वस्त्र कराने, पुरुषों के साथ मारपीट का आरोप है. जॉन जुनास तिडू व बलराम समद पर महिलाओं को अपहरण कर निर्वस्त्र कराने, उत्प्रेरित करने, पुरुषों के साथ मारपीट का आरोप है.जुनास मुंडा, बाजी समद उर्फ टकला व अजूब सांडी पूर्ति महिलाओं का अपहरण कर दुष्कर्म करने का मुख्य अभियुक्त है. क्या है मामला खुंटी जिले के कोचांग गांव स्थित मिशनरी स्कूल में वर्ष 2018 की 19 जून को मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता के लिए नाटक किया जा रहा था. नाटक दल में पांच महिलाएं, तीन लड़के, एक चालक व आशा किरण संस्था की दो सिस्टर समेत 11 सदस्य थे. फादर व अन्य जॉन जुनास तिड़ू, बलराम समद, जुनास मुंडा, अनूप सांडी पूर्ति, बाजिद समद उर्फ टकला ने षड्यंत्र कर सबों का अपहरण कर लिया. महिलाओं को छोटाउली जंगल ले जाकर गैंग रेप किया गया. गंभीर रूप से शारीरिक यातनाएं दी गईं.शरीर के नाजुक अंगों को सिगरेट से दागा गया. पुरुष पीड़ितों के साथ मारपीट की गई. प्यास लगने पर उन्हें पेशाब पीने को विवश किया गया. सभी को चेतावनी दी गई कि बगैर ग्रामसभा व पत्थलगड़ी समर्थकों की इजाजत के कार्यक्रम करने के कारण ऐसी सजा दी गई है.मामले में 22 जून को एफआइआर दर्ज करायी गयी थी. फादर 14 मार्च से जमानत पर थे. कोर्ट ने सात मई को दो,ी साबित होने पर फादर की जमानत रद करते हुए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. अन्य अभियुक्त पहले से जेल में थे. फादर के खिलाफ इस जघन्य अपराध के सिलसिले में दो प्राथमिकी दर्ज की गई थी. फादर आइंद पर दोषियों को न रोकने और पुलिस को इस घटना के बारे में सूचित करने में विफल रहने का आरोप था. उन्होंने पीड़ितों को दोषियों के साथ जाने के लिए कहा था.कहा था कि उन्हें कुछ समय बाद छोड़ दिया जायेगा.