बिहार: मुजफ्फरपुर SKMCH मेडिकल कॉलेज कैंपस के पीछे मानव कंकाल मिला, मचा हड़कंप, जांच शुरु

  • हॉस्पीटल के पिछले हिस्से में मिला मानव कंकाल
  • बोरे में भरा हुआ मिला कंकाल, प्रशासन ने जांच शुरु की
मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (SKMCH) के पीछे मानव मानव कंकाल मिलने से हड़कंप मच गया है. हॉस्पीटल के पिछले हिस्से में घने जंगल में एक बोरे में नर कंकाल के अवशेष मिले हैं.SKMCH की एक जांच टीम ने मानव कंकाल मिलने वाली जगह का मुआयना किया. SKMCH के सुपरिंटेंडेंट डॉ. सुनील कुमार शाही ने कहा है कि पोस्टमॉर्टम डिपार्टमेंट प्रिंसिपल के अधीन है. बॉडी को मानवीय तरीके से डिस्पोजल किया जाना चाहिए. मैं प्रिंसिपल से बात करूंगा और उन्हें मामले में जांच कमिटी गठित करने के लिए कहूंगा. जो फोटो सामने आ रही हैं, उसमें मानव कंकाल के साथ ही अस्पताल के पिछले हिस्से में कुछ कपड़े भी दिख रहे हैं.बताया जा रहा है कि अस्पताल कर्मी इन झाड़ियों में लावारिस लाशों को फेंक देते हैं. बरामद कंकाल लावारिश लाश की है. उल्लेखनीय है कि अभी SKMCH बिहार में फैले एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की वजह से चर्चा में है. एईएस से SKMCHचमकी बुखार से सिर्फ मुजफ्फरपुर में ही 128 बच्चों की मौत हो चुकी है. इसमें SKMCH में 108 और केजरीवाल हॉस्पीटल में 20 बच्चे की मौत शामिल है. बरामद हुए मानव कंकाल अज्ञात लोगों के शवों के हैं:डीएम मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने एसकेएमसीएच कैंपस के पीछे मिले कंकाल के बारे में कहा है कि अस्पताल प्रशासन की ओर से सभी कानूनी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद इन शवों का निस्तारण किया गया था. डीएम ने कहा है कि जैसे ही कंकाल पाए जाने की सूचना मेरे दफ्तर पहुंची, मैंने तुरंत सब-डिविजनल ऑफिसर और एसपी सिटी को मामले की जांच करके रिपोर्ट सौंपने को कहा था.दोनों अफसरों की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि पाए गए कंकाल उन शवों के हैं, जिनके लिए कोई दावा करने नहीं आया.इन शवों को कानूनी प्रक्रिया के बाद ही निस्तारित किया गया था. डीएम ने कहा कि नियम के मुताबिक अज्ञात शवों को 72 घंटे तक रखने के बाद उन्हें नष्ट कर दिया जाता है. ऐसे शवों के अंतिम संस्कार के लिए जिला प्रशासन 2000 रुपये भी देता है. डीएम ने कहा कि अस्पताल के पीछे अज्ञात शवों को फेंकने की प्रक्रिया काफी समय से चल रही है. शवदाह गृह अस्पताल के बिलकुल पास में ही है इसलिए अकसर कन्फ्यूजन हो जाता है. अब प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से फैसला लिया है कि शवदाह गृह को दादर घाट पर शिफ्ट किया जायेगा.पांच साल के कम उम्र के बच्चों और मुस्लिमों के शवों को दफनाया जाता है जबकि हिंदुओं के शवों को जलाया जाता है. इस मामले में शव हिंदुओं के थे इसलिए उन्हें जलाया गया था.