उत्तराखंड: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया इस्तीफा, नये नेता का चुनाव बुधवार को

उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने शाम को राजभवन पहुंचकर उन्होंने गवर्नर बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंपा।

उत्तराखंड: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया इस्तीफा, नये नेता का चुनाव बुधवार को
  • रावत ने कहा- सामूहिक विचार के बाद ही होता है भाजपा में फैसला

देहारदून। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने शाम को राजभवन पहुंचकर उन्होंने गवर्नर बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंपा। गवर्नर बेबी रानी मौर्य ने नये सीएम बनने तक त्रिवेंद्र रावत को कार्यवाहक सीएम बनने के लिए कहा है। 

इस्तीफे के बाद त्रिवेंद्र रावत ने  कहा कि पार्टी ने एक छोटे से गांव, साधारण परिवार के व्यक्ति को सीएम का दायित्व सौंपा।महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण, बच्चों की शिक्षा, किसानों के लिए नई-नई योजनाएं लाए। उन्होंने कहा कि सामूहिक विचार के बाद ही होते हैं भारतीय जनता पार्टी में फैसले। कभी सोचा नहीं।उन्होंने कहा कि सामूहिक विचार के बाद ही बीजेपी में फैसले होते हैं। 

चार साल का कार्यकाल पूर्ण होने से नौ दिन पहले ही कुर्सी छोड़नी पड़ी
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 18 मार्च 2017 को राज्य के नौवें सीएम के रूप में सत्ता संभाली थी। त्रिवेंद्र को अपना चार साल का कार्यकाल पूर्ण होने से नौ दिन पहले ही मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी। इसके अलावा त्रिवेंद्र भी उत्तराखंड के उन एक्स सीएम की लिस्ट में शामिल हो गये हैं, जो अपना पांच साल का कार्यकाल पूर्ण नहीं कर पाये। उत्तराखंड में केवल नारायण दत्त तिवारी ही अब तक पांच साल का कार्यकाल पूर्ण करने वाले सीएम रहे हैं।  
बीजेपी के नया नेता का चुनाव कल
बीजेपी विधान मंडल दल की बुधवार को बैठक के लिए पर्यवेक्षक के रूप में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व छत्तीसगढ़ के एक्स सीएम रमन सिंह एवं प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम आज शाम देहरादून पहुंच रहे हैं। 

त्रिवेंद्र रावत के इस्तीफ के पीछे कारण
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस्तीफा के कारण पूछने पर त्रिवेंद्र ने दो टूक कहा कि इसका कारण जानने के लिए मीडिया को दिल्ली जाना पड़ेगा।अब सवाल उठ रहा है कि आखिर वह कौन सा कारण है कि जिसे त्रिवेंद्र सिंह रावत बताना नहीं चाहते और हाईकमान मुंह खोलने को तैयार नहीं है। सियासी गलियारों से निकल कर जो जानकारी सामने आ रही है उसके आधार पर यह माना जा रहा है कि सीएम की कार्यशैली उनके लिए सबसे बड़ी मुसीबत बनी। सार्वजनिक तौर पर ना सही, लेकिन मिनिस्टर और एमएलए समय-समय पर अपनी नाराजगी से हाई कमान से अवगत कराते रहे।एमएलए की नाराजगी बताया जाता है कि बीजेपी एमएलए नारजागी त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भारी पड़ी। मौजूदा विधानसभा के बजट सत्र में गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने का निर्णय जिस तरह किया गया। उससे बीजेपी एमएलए में नाराजगी दिखी। अंदरखाने बीजेपी लीडरों ने इस निर्णय का विरोध भी किया।
त्रिवेंद्र के बाद सीएम रेस में आगे चल रहे हैं ये नाम

सीएम त्रिवेंद्र के इस्तीफ के बाद एमपी अनिल बलूनी, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज व डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक रेस में सबसे आगे थे। लेकिन, मंगलवार दोपहर बाद अचानक से ही पुष्पकर धामी और राज्य उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का नाम भी चर्चा में आ गया। गवर्नमेंट की ओर से विशेषतौर से हेलीकॉप्टर भेजकर डॉ रावत को देहरादून बुलाया गया है।