उद्धव ठाकरे को लगा झटका, एकनाथ शिंदे की हुई शिवसेना, तीर-कमान निशान भी मिला, चुनाव आयोग का फैसला

महाराष्ट्र के एक्स सीएम उद्धव ठाकरे को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा। चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना मान लिया है। आयोग ने शुक्रवार शाम को शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और तीर-कमान का निशान इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी। चुनाव आयोग के इस फैसले से सीएम एकनाथ शिंदे को बड़ी राहत मिली है।

उद्धव ठाकरे को लगा झटका, एकनाथ शिंदे की हुई शिवसेना, तीर-कमान निशान भी मिला, चुनाव आयोग का फैसला

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के एक्स सीएम उद्धव ठाकरे को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा। चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना मान लिया है। आयोग ने शुक्रवार शाम को शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और तीर-कमान का निशान इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी। चुनाव आयोग के इस फैसले से सीएम एकनाथ शिंदे को बड़ी राहत मिली है।

यह भी पढ़ें:हावड़ा-भोपाल समेत 10 ट्रेनें कैंसिल, बदले रूट से चलेंगी शक्तिपुंज समेत आठ ट्रेनें

महराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और एक्स सीएम उद्धव ठाकरे के बीच  शिवसेना के नाम और निशान को लेकर उनका उद्धव ठाकरे से विवाद चल रहा था।भारत के चुनाव आयोग ने कहा है कि शिवसेना का वर्तमान संविधान अलोकतांत्रिक है। बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक गुट के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त करने के लिए इसे विकृत कर दिया गया है। इस तरह की पार्टी की संरचना विश्वास को प्रेरित करने में विफल रहती है। चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को सलाह दी कि वे लोकतांत्रिक लोकाचार और पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र के सिद्धांतों को प्रतिबिंबित करें। नियमित रूप से अपनी वेबसाइटों पर पार्टी के आंतरिक कामकाज से जुड़े पहलुओं का खुलासा करें।चुनाव आयोग ने यह भी पाया कि शिवसेना के मूल संविधान में अलोकतांत्रिक तरीकों को गुपचुप तरीके से वापस लाया गया, जिससे पार्टी निजी जागीर के समान हो गई। इन तरीकों को चुनाव आयोग 1999 में नामंजूर कर चुका था। पार्टी की ऐसी संरचना भरोसा जगाने में नाकाम रहती है। इसी के साथ महाराष्ट्र में शिवसेना से अब उद्धव गुट की दावेदारी खत्म हो गयी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था चुनाव आयोग अपना काम करे
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संवैधानिक बेंच ने शिवसेना पर शिंदे गुट के दावे को लेकर चुनाव आयोग की कार्यवाही पर लगी रोक हटा दी थी। कोर्ट ने पिछले साल 27 सितंबर को अपने आदेश में कहा था कि आयोग शिवसेना के चुनाव चिह्न पर फैसला कर सकता है। यह उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका था, क्योंकि उन्होंने विधायकों की योग्यता पर फैसला होने तक इलेक्शन कमीशन की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी।इससे पहले, उद्धव की याचिका पर सुनवाई करते हुए 23 अगस्त को जस्टिस एनवी रमना की बेंच ने केस संवैधानिक बेंच को ट्रांसफर करते हुए चुनाव आयोग की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। जस्टिस रमना ने कहा था कि संवैधानिक बेंच यह तय करेगी कि आयोग की कार्यवाही जारी रहेगी या नहीं।

केस की मेरिट पर तय करेंगे मामला सात जजों की बेंच को भेजें या नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में शिवसेना बनाम शिंदे गुट विवाद पर फैसला 21 फरवरी तक टाल दिया है। बेंच ने कहा, 'नबाम रेबिया के सिद्धांत इस मामले में लागू होते हैं या नहीं, केस को 7 जजों की बेंच को भेजा जाना चाहिए या नहीं, ये मौजूदा केस के गुण-दोष के आधार पर तय किया जा सकता है। इसे मंगलवार को सुनेंगे।' चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ इस केस को 7 जजों की बेंच को रेफर करने का फैसला एक दिन पहले सुरक्षित रख लिया था। बेंच में जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हेमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा समेत CJI डीवाय चंद्रचूड़ भी शामिल थे।