रांची: रेमडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग में अरेस्ट दलाल राजीव सिंह का मोबाइल कॉल डिटेल से खुलेगा सफेदपोशों राज

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में अरेस्ट राजीव कुमार सिंह का मोबाइल कॉल डिटेल से कई सफेदपोशों का राज खुल सकता है।यह भी पता चलेगा कि सिर्फ हॉस्पीटलों के लिए सप्लाई होने वाला यह इंजेक्शन उस तक कैसे पहुंचा। सीआइडी राजीव सिंह के जब्त दोनों मोबाइल का सीडीआर खंगाल रही है। 

रांची: रेमडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग में अरेस्ट दलाल राजीव सिंह का मोबाइल कॉल डिटेल से खुलेगा सफेदपोशों राज
  • सीआइडी खंगाल रही है राजीव सिंह के जब्त दोनों मोबाइल सीडीआर 

रांची। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में अरेस्ट राजीव कुमार सिंह का मोबाइल कॉल डिटेल से कई सफेदपोशों का राज खुल सकता है।यह भी पता चलेगा कि सिर्फ हॉस्पीटलों के लिए सप्लाई होने वाला यह इंजेक्शन उस तक कैसे पहुंचा। सीआइडी राजीव सिंह के जब्त दोनों मोबाइल का सीडीआर खंगाल रही है। 

मोबाइल के सीडीआर और वाट्सएप की चैटिंग से सुराग तलाशने की कोशिश जारी है। रांची के कोतवाली पुलिस स्टेशन में राजीव कुमार सिंह के खिलाफ दर्ज एफआइआर को शुक्रवार को सीआइडी ने टेकओवर कर लिया है। राजीव से लगातार तीसरे दिन भी पूछताछ जारी है। कोविड जांच की रिपोर्ट नहीं मिलने के चलते उसे शुक्रवार को जेल नहीं भेजा जा सका। अब उसे शनिवार को जेल भेजा जायेगा।राजीव कुमार सिंह ने प्रारंभिक पूछताछ में अरगोड़ा चौक के मेडिसिन प्वाइंट नामक मेडिकल स्टोर के संचालक राकेश कुमार रंजन का नाम पुलिस को बताया था। पुलिस ने जब राकेश कुमार रंजन को कस्टडी में लेकर पूछताछ की तो उसने अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। सीआइडी की टीम राजीव कुमार सिंह से यह जानने की कोशिश में जुटी है कि यह प्रतिबंधित इंजेक्शन खुले बाजार में उस तक कैसे पहुंचा। हलांकि इस मामले में अब तक सीआइडी को कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है। बताया जाता है सीआइडी के एडीजी अनिल पाल्टा स्वयं उसका बयान लेंगे ताकि इस ब्लैक मार्केटिंग की तह को पूरी तरह से खंगाला जा सके।
राजनेताओं- IPS अफसरों का चहेता राजीव सिंह का राजफाश जानने में जुटी पुलिस
पुलिस कस्टडी में आया राजीव कुमार सिंह रसूख वाला है। सीनियर आइपीएस अफसरों से उसके रिश्ते और राजनेताओं से उसके संबंधों को देखकर पुलिस भी फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रही है।पुलिस अफसरों की टीम इस नेटवर्क का भंडाफोड़ करने की कोशिश में जुटी है।राजीव सिंह सीनियर आइपीएस अधिकारियों के चैंबर में बेरोकटोक पहुंचता है। सीनियर अफसरों से प्रगाढ़ रिश्ते का हवाला देकर जूनियर अफसरों पर अपना प्रभाव जमाता है। कौन अफसर का ट्रांसफर कहां होगा, यह पहले ही प्रचारित करता था।
राजीव सिंह का मुख्य अड्डा पुलिस हेडक्वार्टर, विभिन्न ब्रांच ऑफिस से लेकर सीसीएल हेडक्वार्टर तक था। राजीव सिंह के चहेते सीनियर पुलिस अफसरों में कई तो रिटायर्ड हो चुके हैं। लेकिन अब भी कुछ बचे हैं, जहां इसकी अच्छी पकड़ है। इन अफसरों बदौलत यह अपना रौब- प्रभाव जमाता रहा है। हलांकि कई अफसरों पूर्व में इसका विरोध भी किया और चैंबर में फटकार भी लगाई और चैंबर से बाहर भी निकाल दिया था।
समाज सेवा की आड़ दवाओं की कालाबाजारी

पुलिस ने पिछले दिनों राजीव कुमार को कांके रोड स्थित उसके फ्लैट से दबोच लिया। वह जिस कार (जेएच01पी-0044) से इस इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहा था, उसे भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। राजीव कुमार पर 5 रेमडेसिविर इंजेक्शन 1.10 लाख में बेचने का आरोप है।
राजीव कुमार समाज सेवा का चोला ओढ़कर दवाओं की कालाबाजारी कर रहा था। वह खुद को लोगों का मददगार होने का दावा करता था। उसने अपनी कार का नाम मिनी हॉस्पीटल नाम दे रखा था। कार में ऑक्सीजन, पीपीई, किट, ग्लव्स, फेस शिल्ड, मास्क सहित कई सामान भरकर रखे हुए थे। पुलिस ने संबंधित कार को भी ने जब्त कर लिया है। कार में रखे कोरोना रक्षक सामग्रियों की भी कालाबाजारी के एंगल से जोड़कर जांच की जा रही है। ड्रग इंस्पेक्टर की ओर से मामले में एफआइआर दर्ज कराई गयी है।