राज्यसभा चुनाव 2022: BJP को चार सीटों का नुकसान, 100 के आंकड़े पर पहुंचने के लिए करना पड़ेगा इंतजार

बीजेपी अप्रैल महीने में संसद के उच्च सदन में 100 के आंकड़े पर पहुंच गयी थी। राज्यसभा की 57 सीटों के लिए शुक्रवार को संपन्न हुए द्विवार्षिक चुनावों के बाद वर्तमान 95 से घटकर 92 पर हो गयी है। कांग्रेस के सदस्‍यों की संख्‍या 29 से बढ़कर 31 हो गई है।

राज्यसभा चुनाव 2022: BJP को चार सीटों का नुकसान, 100 के आंकड़े पर पहुंचने के लिए करना पड़ेगा इंतजार

नई दिल्ली। बीजेपी अप्रैल महीने में संसद के उच्च सदन में 100 के आंकड़े पर पहुंच गयी थी। राज्यसभा की 57 सीटों के लिए शुक्रवार को संपन्न हुए द्विवार्षिक चुनावों के बाद वर्तमान 95 से घटकर 92 पर हो गयी है। कांग्रेस के सदस्‍यों की संख्‍या 29 से बढ़कर 31 हो गई है।

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राज्यसभा की वेबसाइट के मुताबिक रिटायर हो रहे 57 सदस्यों को मिलाकर वर्तमान में उच्च सदन के कुल 232 सदस्यों में भाजपा के 95 सदस्य हैं। रिटायर हो रहे सदस्यों में बीजेपी के 26 सदस्य शामिल हैं जबकि इस द्विवार्षिक चुनाव में उसके 22 सदस्यों ने जीत दर्ज की। इस प्रकार उसे चार सीटों का नुकसान हुआ है। निर्वाचित सदस्यों के शपथ लेने के बाद बीजेपी के सदस्यों की संख्या 95 से घटकर 91 रह जायेगी। यानी फिर से 100 के आंकड़े तक पहुंचने के लिए बीजेपी को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। अभी भी राज्यसभा में सात मनोनीत सदस्यों सहित कुल 13 रिक्तियां हैं। मनोनीत सदस्यों की नियुक्ति और खाली सीटों को भरे के जाने के बाद भाजपा के सदस्यों की संख्या 100 के करीब पहुंच सकती है। क्योंकि कुछ अपवादों को छोड़ दें तो आमतौर पर मनोनीत सदस्य अपने मनोनयन के छह माह के भीतर खुद को किसी दल से (सामान्यत: सत्ताधारी दल से) संबद्ध कर लेते हैं। 

विगत अप्रैल माह में हुए राज्यसभा चुनावों में असम, त्रिपुरा और नगालैंड में एक-एक सीटों पर जीत हासिल करने के बाद बीजेपीअपने इतिहास में पहली बार उच्च सदन में 100 के आंकड़े पर पहुंची थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित पार्टी के कई नेताओं ने इसे भाजपा की बड़ी उपलब्धि करार दिया था। राज्यसभा की 57 सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनावों की घोषणा के बाद उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पंजाब, तेलंगाना, झारखंड और उत्तराखंड में सभी 41 उम्मीदवारों को पिछले शुक्रवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था। इनमें बीजेपी के 14 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गयेथे। 

बीजेपी को उत्तर प्रदेश में तीन सीटों का फायदा हुआ। वहां से उसके पांच सदस्य रिटायर हुए थे जबकि उसके आठ सदस्य निर्वाचित हुए हैं। बिहार और मध्य प्रदेश में भाजपा को दो-दो सीटें और उत्तराखंड और झारखंड में एक-एक सीटें मिलीं। हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक की 16 सीट के लिए शुक्रवार को चुनाव हुए। इनमें से भाजपा महाराष्ट्र और कर्नाटक में तीन-तीन सीटें और हरियाणा और राजस्थान में एक-एक सीट जीतने में सफल रही। बीजेपी के बेहतर चुनाव प्रबंधन के कारण पार्टी के दो उम्मीदवार और उसके समर्थन वाले एक निर्दलीय उम्मीदवार ने कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा में जीत हासिल की जबकि उनके जीतने की संभावनाएं बेहद कम थीं। इस प्रकार इन चार राज्यों में बीजेपीको कुल आठ सीटें मिलीं। इस प्रकार कुल 57 सीटों में से 22 सीटों पर उसके उम्मीदवारों को जीत मिली। हरियाणा में निर्दलीय चुनाव जीतने वाले कार्तिकेय शर्मा को बीजेपी और उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी ने समर्थन दिया था। राजस्थान में बीजेपी ने निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा का समर्थन किया था लेकिन वह चुनाव हार गए। 
राज्यसभा में पांच सदस्य बढ़ाकर फिर से शतक लगाना चाहती थी बीजेपी

बीजेपी के संख्या बल में चार मनोनीत सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने सत्तारूढ़ दल के साथ रहने का विकल्प चुना है। पार्टी को सात और मनोनीत सदस्यों का समर्थन प्राप्त होगा। ये सात सीट फिलहाल खाली हैं। बीजेपी को निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा का भी समर्थन प्राप्त होगा, जिनका पार्टी ने हरियाणा में राज्यसभा चुनाव के दौरान समर्थन किया। भाजपा ने निर्दलीय सुभाष चंद्रा का भी समर्थन किया था, जो इस बार राजस्थान से हार गए। चंद्रा का मौजूदा कार्यकाल एक अगस्त को खत्म हो रहा है।

अन्य क्षेत्रीय दलों में, आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर-कांग्रेस की ताकत मौजूदा छह से नौ सीट की हो गई है, जबकि दिल्ली और पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के 10 सदस्य उच्च सदन में होंगे।द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), बीजू जनता दल (बीजद), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), जनता दल-यूनाइटेड (जदयू), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और शिवसेना जैसे क्षेत्रीय दलों की ताकत पहले की तरह है। इन दलों के उतने ही उम्मीदवार जीते हैं जितने उनके रिटायर हुए हैं।राज्यसभा में द्रमुक के 10, बीजद के नौ, टीआरएस के सात, जद(यू) के पांच, राकांपा के चार और शिवसेना के तीन सदस्य हैं। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों की संख्या क्रमश: 13 और पांच है।राज्यसभा में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के वर्तमान में पांच सदस्य हैं, लेकिन आगे चार सदस्य होंगे क्योंकि पार्टी के दो उम्मीदवार जीते हैं जबकि तीन सदस्य सेवानिवृत्त हुए हैं। समाजवादी पार्टी की ताकत राज्यसभा में मौजूदा पांच से घटकर तीन हो गई है। क्योंकि उसने अपनी सीट निर्दलीय कपिल सिब्बल और राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी को दी है।