पटना: इंटर के चार स्टूडेंट्स ने कर लिया टीचर का किडनैप, पुलिस ने तोड़ा दरवाजा तोड़कर निकाला

बिहार की राजधानी पटना के पाटलिपुत्र पुलिस स्टेशन एरिाय अंतर्गत शास्त्री नगर रवि चौक इलाके से किडनैप केमिस्ट्री टीचर अंकित कुमार (24) को बरामद कर लिया है। पुलिस अभी तक किडनैपर्स का सुराग नहीं लगा पाई।अंकित स्कूटी भी अब तक नहीं मिली है। 

पटना: इंटर के चार स्टूडेंट्स ने कर लिया टीचर का किडनैप, पुलिस ने तोड़ा दरवाजा तोड़कर निकाला

पटना। बिहार की राजधानी पटना के पाटलिपुत्र पुलिस स्टेशन एरिाय अंतर्गत शास्त्री नगर रवि चौक इलाके से किडनैप केमिस्ट्री टीचर अंकित कुमार (24) को बरामद कर लिया है। पुलिस अभी तक किडनैपर्स का सुराग नहीं लगा पाई।अंकित स्कूटी भी अब तक नहीं मिली है। 

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अंकित को रवि चौक रोड नंबर 2ए के मकान संख्या 11 से शनिवार की रात करीब एक बजे बरामद किया गया था। यह मकान डिफेंस से रिटायर्ड अकाउंट आफिसर अमन कुमार सिंह का है। मकान की फस्ट फ्लोर पर वे अकेले रहते हैं। वहीं, ग्राउंड फ्लोर को उन्होंने एक फरवरी को इंटर में पढ़ने वाले चार स्टूडेंट्स पर दिया था। उसी फ्लैट के बाथरूम में अंकित बंद मिला था। डीएसपी (लॉ एंड ऑर्डर) संजय कुमार ने कहा कि अंकित भी संदेह के घेरे में है। फिरौती मांगने वाले लड़के के पकड़े जाने बाद कई राज खुल सकते हैं। हालांकि, पुलिस अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। सभी पहलुओं पर छानबीन की जा रही है।

गार्ड ने सुनी बचाओ- बचाओ की आवाज

मकान संख्या 11 के पीछे एक बिल्डिंग है। आधी रात के बाद शनिवार को गार्ड ने बचाओ, बचाओ की आवाज सुनी। इसके बाद उसने पड़ोसियों को जानकारी दी। पड़ोसियों ने जब अफसर के पिछले हिस्से में स्थित ग्राउंड फ्लोर के बाथरूम के रोशनदान में झांक कर देखा तो अंदर अंकित बंधक बना मिला। इसके बाद पाटलिपुत्र पुलिस स्टेशन के पुलिस को सूचना दी।बाउंड्री पार कर पुलिस मकान में दाखिल हुई। फ्लैट के मेन गेट पर बड़ा ताला लगा था। उसने तोड़ने का प्रयास किया गया मगर सफल नहीं होने पर पुलिस ने मकान के बगल में स्थित हार्डवेयर दुकान को खुलवा कर कटर मंगाया। उससे ताले को काटा गया। फ्लैट में घुसकर पुलिस ने बाथरूम के गेट पर बाहर की तरफ से लगी कुंडी खोली और अंकित को मुक्त कराया। उसके हाथ रस्सी से बंधे थे। मुंह पर लगा टेप ठुड्डी पर आ गया था।
दो दिन से पानी नहीं पी
अंकित ने बताया कि वह दो दिन से बाथरूम में बंद था। रस्सी छुड़ाने के प्रयास में उसकी अंगुलियां और कलाई छिल गई, जिससे खून निकलने लगा। काफी कोशिश के बाद मुंह पर बंधा टेप सरका कर ठुड्डी के पास आ गया। इसके बाद वह रोशनदान से चिल्लाने लगा। उसका कहना है कि बंधक बनाये जाने के बाद किडनैपर ने उसे खाने-पीने के लिए नहीं दिया था। 
ट्यूशन पढ़ाने के बहाने किडनैपर ने बुलाया

अंकित ने बताया कि वह रवि चौक के पास एक कोचिंग में केमिस्ट्री पढ़ाता है। कुछ दिन से दो स्टूडेंट ट्यूशन पढ़ाने के लिए उसे लगातार काल कर रही थी। कोचिंग से आधा किलोमीटर दूर बताये गये एड्रेस पर वह शुक्रवार की रात स्कूटी से पहुंचा। फ्लैट में घुसते ही दो लड़के उसके साथ मारपीट करने लगे। और हाथ-मुंह बांध कर बाथरूम में बंद कर दिया। उसकी जेब से स्कूटी की चाबी और मोबाइल निकाल लिया। अंकित के मोबाइल से शनिवार की सुबह लगभग सात बजे उसके पिता अरुण कुमार को छह लाख की फिरौती के लिए काल की गई थी।

ओएलएक्स के माध्यम से किराये पर लिया कमरा

मकान संख्या 11 के मालिक अमन कुमार सिंह के अनुसार यहां उनके साथ पोता और पतोहू भी रहते हैं। पोता शिवम पढ़ाई करता है। अब बहू बेटे को लेकर ज्यादातर मायके में भी रहती है। ओएलएक्स के माध्यम से रमाणी नामक लड़के ने रेंट पर फ्लैट लेने के लिए संपर्क किया था। सौदा सात हजार में तय हुआ। वह एक फरवरी को एडवांस में चार हजार रुपये दिये थे। उसके साथ एक और लड़का था। दोनों मास्क लगाये हुए थे। पूछने पर रमाणी ने कहा कि वह गांव से आने के बाद आधार कार्ड की कापी देगा मगर फ्लैट की चाबी उसने ले ली थी। यह भी कहा था कि वह और उसके साथ रहा लड़का दोनों इंटर की पढ़ाई करते हैं। साथ में दो और लोग रहेंगे, जो कामकाजी हैं। रमाणी कब से फ्लैट में रह रहा है, उसने कब अंकित को बंधक बनाया, आदि सवालों के जवाब उन्हें नहीं मालूम। पुलिस ने शिवम को भी पूछताछ के लिए बुलाया है।

अंकित ने 2012 में भी रची थी किडनैपिंग की कहानी

पुलिस को शक है कि अंकित ने खुद के किडनैप का स्वांग रचा। वह 2012 में पिता से रुपये ऐंठने के लिए ऐसी हरकत कर चुका है। तभी 50 हजार की फिरौती मांगी गई थी। पिता से सात हजार रुपये ठग लिए थे। हालांकि, इस संबंध में पाटलिपुत्र पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत की गई थी। जब अंकित  घर लौट आया तो न पिता ने पुलिस को संपर्क किया और न ही पुलिस मामले की छानबीन करने में दिलचस्पी दिखाई।

पुलिस को अंकित पर है शक
जब अंकित को शनिवार की रात बरामद किया गया तो उसके गले में सोने की चेन, लाकेट, हाथ में अंगूठी, घड़ी मिलाकर एक लाख रुपये की संपत्ति सुरक्षित मिली। जब छह लाख रुपये के लिए अगवा करने वाले बदमाश सौदे की रकम तय करते हुए दो लाख पर पहुंच गये तो फिर अंकित के शरीर पर लदी एक लाख के जेवर क्यों छोड़ दिए? उसके पिता के पास जमीन-जायदाद भी अधिक नहीं थी। अंकित भी गुजर-बसर करने इतना ही कमाता था। ऐसे में अंकित के किडनैपिंग  की कहानी पुलिस को पच नहीं रही।