Operation Sindoor: भारतीय हमले में पाकिस्तान के नौ आतंकी ट्रेनिंग सेंटर-लॉन्चपैड धवस्त

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान में जैश, लश्कर व हिजबुल के नौ आतंकी ठिकाने ध्वस्त किया है। मंगलवारकी देर रातत 1:05 से 1:25 के बीच पाकिस्तान और पीओके में विश्वसनीय सूचना पर कार्रवाई की गई। सूत्रों के अनुसार, इस हमले में 90 से 100 आतंकवादी मारे गये, जिनमें जैश और लकर के कई शीर्ष कमांडर शामिल थे। 

Operation Sindoor: भारतीय हमले में पाकिस्तान के नौ आतंकी ट्रेनिंग सेंटर-लॉन्चपैड धवस्त
पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब।
  • सेना पर पूरे देश को गर्व

नई दिल्ली। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान में जैश, लश्कर व हिजबुल के नौ आतंकी ठिकाने ध्वस्त किया है। मंगलवारकी देर रातत 1:05 से 1:25 के बीच पाकिस्तान और पीओके में विश्वसनीय सूचना पर कार्रवाई की गई। सूत्रों के अनुसार, इस हमले में 90 से 100 आतंकवादी मारे गये, जिनमें जैश और लकर के कई शीर्ष कमांडर शामिल थे। 
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भारतीय सेना ने पाकिस्तान और POK में कुल नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। जिसमें चार पाकिस्तान और पांच POK में थे। सेना ने सवाई नाला कैंप, बिलाल कैंप, कोटली गुलपुर, मुरीदके, बहावलपुर, बरनाला कैंप, सरजल कैंप, महमूना जोया कैंप और मुरीदके में हमला किया है। हमले में ‘स्टैंड-ऑफ’हथियारों, ड्रोन और गोला-बारूद के साथ-साथ अन्य हथियारों का इस्तेमाल किया गया।


ऑपरेशन से कांपा पाकिस्तान
भारतीय वायुसेना नेमंगलवार देर रात 1:30 बजे (IST) पाकितान के सात शहरों- बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट, भीमबेर, कोटली, मुजफराबाद और अन्य जगहों में नौ आतंकी ठिकानों पर एक साथ हवाई हमले किए। इन ठिकानों मेंजैश-ए-मोहमद औरलकर-ए-तैयबा (LeT) के मुख्य केंद्र शामिल थे। बहावलपुर मेंजैश का मरकज सुभान अलाह आतंकी प्रशिक्षण और आतंकी गतिविधियों का मुख्य केंद्र था। यह भारतीय मिसाइलों और खास किम के गोला-बादों से पूरी तरह तबाह हो गया। इसके बाद भारत ने कहा, हमने मिसाइल से आतंकी ठिकानों पर प्रहार किया,अब पाकिस्तान ने जवाबी हमले की हिमाकत की तो हम कार्रवाई करेंगे। पाकिस्तान और पीओजेके में हुए ऑपेरशन का सेना-वायुसेना ने ब्योरा दिया है।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में एयरस्ट्राइक की है, जिसे सेना ने ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया है। यह कार्रवाई खुफिया एजेंसी रॉ के इनपुट पर की गयी है। सेना ने नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक इनमें जैश-ए-मोहम्मद के चार, लश्कर-ए-तैयबा के तीन और हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकी ठिकाने शामिल हैं। पाकितान के लोगों ने इसी मरकज के कई वीडियो शेयर किए हैं जिनमें ये पूरी तरह मलबेके ढेर में बदला नजर आ रहा है जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी मुख्यालयों को निशाना बनाया गया।
हिजबुल का ट्रेनिंग कैंप, जैश का सबसे बड़ा हेडक्वार्टर, लादेन की फंडिंग वाला मरकज ध्वस्त
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के 15 दिन बाद आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की है।पहलगाम अटैक के 15 दिन बाद भारत ने 6 मई की रात 1.44 बजे पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की. इसे नाम दिया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर.’ भारतीय सेनाओं ने इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान में चार और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के पांच ठिकानों पर रॉकेट बरसाए. इन टारगेट में बहावलपुर, मुरिदके, बरनाला, तेहराकलां, मुजफ्फराबाद, कोटली और सियालकोट शामिल थे। इन जगहों पर लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे आतंकी संगठनों अड्डे संचालित थे। इसके अलावा आतंकी मौलाना मसूद अजहर का मदरसे को भी इस हमले में नेस्तनाबूद किया गया है। 
कहां कौन बना निशाना
सरजल, तेहराकलां-जैश ए मोहम्मद
मरकज सुभान अल्लाह-जैश ए मोहम्मद
मरकज अब्बास कोटली-जैश ए मोहम्मद
सैयदाना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद-जैश ए मोहम्मद
मरकज तैयबा, मुरीदके- लश्कर ए तैयबा
मरकज अहले हदीस, बरनाला- लश्कर ए तैयबा
शावई नाला कैंप, मुजफ्फराबादञलश्कर ए तैयबा
महमूना जोया, सियालकोट- हिजबुल मुजाहिदीन
मस्कर राहील शाहिद, कोटली- हिजबुल मुजाहिदीन
जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के हेडक्वार्टर तबाह
भारतीय सेना ने बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वार्टर रहे मरकज सुभान को निशाना बनाया है। बहावलपुर शहर जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का गढ़ है।भारत ने मुरीदके शहर के उमालकुरा मस्जिद को भी निशाना बनाया है। मुरीदके को लश्कर-ए-तैयबा का अहम केंद्र माना जाता है।रिपोर्ट्स के मुताबिक मुरीदके में ही लश्कर का मरकज-ए-तैयबा परिसर है, जहां आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है। इसके अलावा भारत ने मुजफ्फराबाद में बिलाल मस्जिद और कोटली में अब्बत मस्जिद को निशाना बनाया है।
मरकज सुभान अल्लाह, बहालपुर - जैश का हेडक्वार्टर
मरकज सुभान अल्लाह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर शहर के बाहरी इलाके में मौजूद है। यहां युवाओं को प्रशिक्षित और ब्रेनवॉश किया जाता है। यह लगभग 15 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। 14 फरवरी 2019 के पुलवामा आतंकी हमले की प्लानिंग यही हुई थी। पुलवामा हमले के आतंकियों को इसी कैंप में प्रशिक्षण दिया गया था। इस मरकज में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर, मौलाना अम्मार और 600 से अधिक सदस्यों का घर है।
मरकज तैयबा, मुरीदके पंजाब- लश्कर का कैंप, लादेन ने दी थी फंडिंग
पाकिस्तान में लश्कर का सबसे अहम ट्रेनिंग सेंटर, स्थापना- 2000, एरिया- 82 एकड़
ओसामा बिन लादेन ने 1 करोड़ रुपए की फंडिंग की थी। अजमल कसाब समेत 26/11 मुंबई हमले के सभी अपराधियों को यहां ट्रेनिंग मिली थी।यहां पाकिस्तान ही नहीं, दूसरे देशों से आए आतंकियों को भी ट्रेनिंग मिलती है। लश्कर का मास्टरमाइंड माने जाने वाले आमिर हमजा, अब्दुल रहमान आबिद और जफर इकबाल यहीं रहते हैं।
सरजाल, तहरा कलां फैसिलिटी, जैश की अहम लॉन्चिंग साइट
इसी जगह से भारत-पाक सीमा के नीचे सुरंगों की खुदाई करवाई जाती हैं, जिनका इस्तेमाल आतंकियों की घुसपैठ के लिए होता है। यह सेंटर भारतीय सीमा (सांबा सेक्टर, जम्मू) से सिर्फ 6 किमी दूर है। यहां से ड्रोन के जरिए हथियार, गोला-बारूद और ड्रग्स भारत में गिराये जाते हैं। यह सेंटर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की आड़ में चलाया जाता है, जहां 20 से 25 आतंकी हमेशा तैनात होते हैं।
महमूना जोया, सियालकोट - हिजबुल मुजाहिद्दीन का ट्रेनिंग कैंप
पंजाब (पाकिस्तान) में कोटली भुट्टा सरकारी अस्पताल के पास स्थित है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की मदद से स्थापना हुई। आतंकियों को भारत में घुसपैठ करने और हथियारों की तस्करी की ट्रेनिंग दी जाती है। यहां हिजबुल मुजाहिद्दीन और जैश-ए-मोहम्मद के लड़ाके ट्रेनिंग लेते हैं। मोहम्मद इरफान खान, अबू लाला, माज भाई और इरफान घुम्मन जैसे हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी यहां से ऑपरेट करते हैं। यहां आम तौर पर 25 से 30 आतंकी रहते हैं।
मरकज अहले हदीस, बरनाला (PoK) - लश्कर-ए-तैय्यबा का बड़ा अड्डा
पुंछ, राजौरी, रियासी सेक्टर में आतंकियों और हथियारों की घुसपैठ के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। आतंकियों को भारत में घुसपैठ से पहले यहीं पर लाकर ठहराया जाता है।इस मरकज में 100–150 आतंकियों के रुकने की व्यवस्था है। आमतौर पर यहां 40–50 आतंकी रहते हैं। कासिम गुज्जर, कासिम खांडा, अनस जर्रार, खुबैब (मोहम्मद अमीन बट) यहां कई बार आ चुके हैं।
मरकज अब्बास, कोटली, जैश का प्रमुख सेंटर
यह PoK के कोटली शहर में मिलिट्री कैंप से 2 किमी दूर मौजूद है। इस इमारत में 100 से 125 जैश कैडर के ठहरने की क्षमता है। हाफिज अब्दुल शकूर उर्फ कारी जर्रार इसका प्रमुख है। जर्रार जैश-ए-मोहम्मद की शूरा काउंसिल का सदस्य है।जर्रार को NIA ने 2016 में जम्मू के नगरोटा स्थित भारतीय सेना शिविर पर हमले के मामले में वांटेड बनाया है।
मस्कर राहील शाहिद, कोटली (PoK) - हिजबुल का ट्रेनिंग सेंटर
सुनसान और पहाड़ी इलाके में है जहां सिर्फ कच्चे रास्ते से पहुंचा जा सकता है। यहां आतंकियों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है। स्नाइपर्स की स्पेशल ट्रेनिंग होती है। पहाड़ों में जंग लड़ने और सर्ववाइल ट्रेनिंग भी दी जाती है। इस कैंप में 150–200 आतंकी कैडर को रखने की व्यवस्था है। आमतौर पर यहां 25–30 आतंकी मौजूद रहते हैं। कैंप की निगरानी अबू माज करता है। इससे पहले हिजबुल मुजाहिद्दीन का चीफ सैयद सलाहुद्दीन खुद नये कैडर को ट्रेनिंग देता था।यहां आतंकियों के पोस्टर, वीडियो और तस्वीरें रखी हुई हैं, ताकि नए कैडर को कट्टरपंथी बनाया जा सके।
शावई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद - लश्कर-ए-तैयबा
यह कैंप चेला बांदी पुल, मुजफ्फराबाद-नीलम रोड (PoK) के पास स्थित है। इसे हुजैफा बिन यमन कैंप भी कहा जाता है।कैंप में फायरिंग रेंज, ट्रेनिंग ग्राउंड, LeT मदरसा, और लगभग 40 कमरे हैं। यहां 200–250 आतंकियों के रुकने की क्षमता है। आमतौर पर यहां 40 से 50 आतंकी रहते हैं।यहां दौरा-ए-आम नाम की बेसिक ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें लड़ाकों को फिजिकल ट्रेनिंग, GPS, नक्शा पढ़ना, हथियार (राइफल, ग्रेनेड) चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है। इस कैंप का चीफ अबू दुजाना है। कमर भाई ट्रेनिंग शेड्यूल देखता है। यहां पर हाफिज सईद भी नए लड़ाकों का स्वागत करने पहुंचता रहा है।यह कैंप स्टेजिंग सेंटर के रूप में भी कार्य करता है — यहां से आतंकियों को उत्तर कश्मीर के बॉर्डर इलाकों में भेजा जाता है।
सैयदना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद - जैश-ए-मोहम्मद
LoC के बहुत ज्यादा नजदीक होने के कारण रणनीतिक तौर पर अहम है। यह कैंप ट्रांजिट फैसिलिटी के रूप में कार्य करता है। यानी यहां से आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए रवाना किया जाता है। जैश-ए-मोहम्मद के 50 से 100 आतंकी रहते हैं। भारत में आने से पहले अंतिम पड़ाव के तौर पर इसका इस्तेमाल होता है। इस कैंप को मुफ्ती असगर खान कश्मीरी चलाता है।
पाक मंत्री का दावा- पांच भारतीय जेट गिराये
पाकिस्तान रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया है कि उन्होंने पांच भारतीय फाइटर जेट को मार गिराया है, जिनमें तीन राफेल, एक सुखोई और एक मिग-29 शामिल हैं। ख्वाजा ने कुछ भारतीय सैनिकों को हिरासत में लेने की बात भी कही थी। हालांकि, बाद में आसिफ ने सफाई देते हुए कहा कि कोई भी भारतीय सैनिक हिरासत में नहीं लिया गया है। पाकिस्तान सेना ने अपने बयान में कहा कि भारतीय हमले में 26 लोगों की मौत हुई है। बयान के मुताबिक भारत ने 6 अलग-अलग इलाकों में कुल 24 मिसाइलें दागीं हैं।मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग मारे गये। इस बात को जैश प्रमुख मसूद अजहर ने स्वीकारा है, उन्होंने कहा, हमले में उसके परिवार के 10 सदस्य व चार करीबी मारे गए-इसमें उसकी बड़ी बहन और उसका पति, एक भतीजा और उसकी पत्नी, एक और भतीजी और उसके परिवार के पांच बच्चे शामिल थे।
प्रेस ब्रीफिंग में सेना ने बताई अंदर की बात
पहलगाम हमले के 15 दिनों के अंदर ही भारतीय सेना ने इसका बदला सूत समेत ले लिया है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया है। आतंकी हमले के बाद बीती रात भारतीय सेना ने पाक को कड़ा सबक सिखाया है। POK में जैश और हिजबुल के आतंकी शिविरों पर सेना ने हमला किया। 
Operation Sindoor के नाम से सेना द्वारा चलाए गए इस अभियान के बारे में प्रेस ब्रीफिंग विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री के साथ विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने पूरी जानकारी दी। ये हमला जरूरी था, भारत ने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया।
प्रेस ब्रीफिंग की शुरुआत करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कहा कि आप सभी जानते हैं कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को लश्कर से संबंधित पाकिस्तानी और पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादियों ने भारतीय पर्यटकों पर हमला किया। आतंकियों ने 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की हत्या कर दी। देश में 26/11 के बाद यह आतंक की सबसे बड़ी घटना है।विदेश सचिव मिस्री ने कहा कि इसी के चलते भारत ने अपने अधिकार का उपयोग किया है और आतंकियों का सफाया किया गया है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले से देश में आक्रोश है। भारत सरकार ने पाकिस्तान के संबंधों को लेकर कुछ कड़े कदम उठाए। पहलगाम आतंकी हमले के अपराधियों को और साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाना बेहद जरूरी था। पाकिस्तान पल्ला झाड़ने और आरोप लगाने में ही व्यस्त रहा है। पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों के बारे में हमें सूचना मिली कि आतंकी और हमले कर सकते हैं, ऐसे में इन्हें रोकना जरूरी था।
जम्मू-कश्मीर को पिछड़ा बनाये रखना चाहता है पाक
विदेश सचिव मिस्री ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमला बेहद कायरतापूर्ण था। हमले में परिवार के सामने लोगों की हत्या की गई है। इतना ही नहीं, आतंकियों ने लोगों से कहा कि इस हमले की जानकारी अपनी सरकार को दें। यह आतंकी हमला जम्मू-कश्मीर की अच्छी स्थिति और शांति को प्रभावित करने के लिए किया गया था। जम्मू-कश्मीर में पिछले साल सवा दो करोड़ से टूरिस्ट कश्मीर आए थे। पाकिस्तान की ओर किए गए इस आतंकी हमले का मकसद विकास और प्रगति को नुकसान पहुंचाकर जम्मू-कश्मीर को पिछड़ा बनाए रखना था।
लश्कर के ट्रेनिंग सेंटर पर हमलाः कर्नल सोफिया कुरैशी
सेना की ब्रिफिंग से इसके बाद कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 6 और 7 मई की रात को कैसे भारतीय सेना ने जैश और हिजबुल के ठिकानों को तबाह किया। सोफिया और व्योमिका ने कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में सबसे पहला हमला सवाई नाला मुजफ्फराबाद में लश्कर के ट्रेनिंग सेंटर पर किया गया था। सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमले के आतंकियों ने यहीं ट्रेनिंग ली थी। उन्होंने कहा कि सेना ने इसी ट्रेनिंग सेंटर को तबाह किया।
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि ये हमला करना जरूरी था। रात 1:03 बजे और 1:30 बजे के बीच ऑपरेशन सिंदूर किया गया। पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए भारतीय पर्यटकों के परिजनों को न्याय देने के लिए यह ऑपरेशन हुआ। कर्नल सोफिया ने कहा कि पाकिस्तान में तीन दशकों से आतंकवादियों का निर्माण हो रहा है। पाकिस्तान और पीओके में नौ टारगेट पहचाने गए थे और इन्हें हमने तबाह कर दिया। लॉन्चपैड और ट्रेनिंग सेंटर्स टारगेट किए गये।
हाफिज सईद के तीन ठिकानों पर हमला 
भारत ने पाकिस्तान में मौजूद लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद और हिजबुल के नौ ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की गई। इन हमलों में तीनों आतंकी संगठनों के आकाओं के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया गया। ये तीन आतंकी संगठन खून के आंसू रो रहे हैं।इस हमले से मसूद अजहर इतना टूट चुका है कि उसने तो यहां तक कह दिया है कि अच्छा होता कि वो भी इस हमले में मारा जाता। 
हाफिज सईद
लश्कर ए तैयबा के सरगना हाफिज सईद के तीन ठिकानों पर हमला किया गया, जिनमें मिरदके, सवाई नल्ला और मरकज अहले हदीस (बरनला) शामिल है। मुरदके में मौजूद कैंप को लश्कर ए तैयबा का सेंटर या हेडक्वार्टर भी कहा जाता है। यहीं पर आतंकियों को ट्रेनिंग मिलती थी।यह ठिकाना इंटरनेशनल बॉर्डर से महज 30 किलोमीटर दूर था। बरनाला और सवाई नल्ला के ठिकानों पर आतंकियों को हथियारों और IED की ट्रेनिंग दी जाती थी।
मसूद अजहर
इस हमले में सबसे बड़ी चोट आतंकी मसूद अजहर को पहुंची है। जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर मुख्यालय, सरजाल, बिलाल कैंप और कोटली स्थित लॉन्च पैड को निशाना बनाकर तबाह कर दिया गया। बहावलपुर, जैश का सबसे बड़ा ऑपरेशन हब था। बहावलपुर का सेंटर इंटरनेशनल बॉर्डर से 100 किलोमीटर दूर था।  ऑपरेशन सिंदूर में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के 10 लोगों की मौत हुई है।मसूद अजहर की बड़ी बहन और उसके पति, भांजे और उसकी पत्नी और अन्य भतीजों और परिवार के पांच बच्चों की मौत हुई है। हमले में मसूद अजहर के करीबी सहयोगी और उसकी मां और दो अन्य करीबी सहयोगियों की भी मौत हुई है। हमले में अपने परिजनों को खोने पर मसूद अजहर फूट-फूटकर रोने लगा।
सैयद सलाहुद्दीन
इस हमले में आतंकी कारी मोहम्मद इकबाल भी मारा गया है। कारी इकबाल ही कोटली में आतंकी कैंप चलाता था। कारी इकबाल के अलावा 10 आतंकी की भी मौत हुई है।हिजबुल मुजाहिदीन के मुखिया सैयद सलाहुद्दीन के ठिकानों पर भी एयर स्ट्राइक हुई है। कोटली, मेहमूना जोया (सियालकोट) और राहील शाहिद कैंप को तबाह कर दिया गया है। हिजबुल मुजाहिदीन के ज्यादातर ठिकानें PoK में 10 से 15 किलोमीटर दूर थे।
ऑपरेशन सिंदूर ने दिया करारा जवाब
पाकिस्तान से आये आतंकवादियों ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में 27 लोगों की हत्या कर दी थी। इसमें 26 भारतीय व एक नेपाली नागरिक था। आतंकियों के इस कायराना हमले का करारा जवाब देने के लिए भारत ने सैन्य कार्रवाई से पहले कूटनीतिक हमले किए. हमले के 15 दिन बाद ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से अपनी सैन्य ताकत दिखा दी। ऑपरेशन सिंदूर पहलागाम हमले में मारी गई उन महिलाओं को समर्पित है, जिनके पति की हत्या उनकी आंखों के सामने ही आतंकवादियों ने की थी। इस स्ट्राइक में भारतीय सेना ने 24 मिसाइलों से आतंकी अड्डों पर हमला किया।