नई दिल्ली : बृजभूषण के करीबी संजय सिंह ने जीता कुश्ती महासंघ अध्यक्ष का चुनाव

कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) अध्यक्ष का चुनाव जीत लिया है। संजय सिंह को कुल 47 वोटों में से 40 वोट मिले। उन्होंने कॉमनवेल्थ चैंपियन अनीता श्योरान को हराया। संजय सिंह पिछली बॉडी में जॉइंट सेक्रेटरी थे। 

नई दिल्ली : बृजभूषण के करीबी संजय सिंह ने जीता कुश्ती महासंघ अध्यक्ष का चुनाव
संजय सिंह (फाइल फोटो)।

नई दिल्ली। कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) अध्यक्ष का चुनाव जीत लिया है। संजय सिंह को कुल 47 वोटों में से 40 वोट मिले। उन्होंने कॉमनवेल्थ चैंपियन अनीता श्योरान को हराया। संजय सिंह पिछली बॉडी में जॉइंट सेक्रेटरी थे। 

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संजय सिंह से पराजित होनेवाली अनीता श्योरान  ने कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। उन्हें बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन करनेवाले पहलवानों का समर्थन प्राप्त था। श्योराण को देश के चोटी के पहलवानों का समर्थन हासिल था, जिन्होंने बृजभूषण पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। संजय सिंह पहले उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। संजय सिंह डब्ल्यूएफआई की पिछली कार्यकारी परिषद का हिस्सा थे। वह 2019 से राष्ट्रीय महासंघ के संयुक्त सचिव भी थे।

MP के सीएम मोहन यादव उपाध्यक्ष चुनाव में हारे

मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव को भी हार का सामना करना पड़ा है। वह उपाध्यक्ष पद के लिए खड़े हुए थे। अध्यक्ष पद के अलावा चार वरिष्ठ उपाध्यक्षों, 4 उपाध्यक्षों, एक जनरल सेक्रेटरी, एक कोषाध्यक्ष और दो संयुक्त सचिवों का चुनाव कराया गया है। पांच कार्यकारी सदस्यों को भी चुना गया।

संजय के पैनल के सदस्यों ने अधिकतर पद पर जीत हासिल की

अनिता का पैनल हालांकि महासचिव पद अपने नाम करने में सफल रहा जब प्रेम चंद लोचब ने दर्शन लाल को हराया। रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड के पूर्व सचिव लोचब ने 27-19 से जीत दर्ज की। संजय के पैनल के सदस्यों ने अधिकतर पद पर आसान जीत दर्ज की। उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष संजय को 40 जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रमंडल खेलों की पूर्व गोल्ड मेडल विजेता अनिता श्योराण को सिर्फ सात मत मिले।आरएसएस से जुड़े संजय वाराणसी के रहने वाले हैं और बृजभूषण के बहुत करीबी सहयोगी हैं। निवर्तमान प्रमुख की खेल में जबरदस्त रुचि को देखते हुए यह उम्मीद है कि संजय नीतिगत निर्णयों में उनसे सलाह लेंगे। संजय ने चुनावों में जीत दर्ज करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह देश के हजारों पहलवानों की जीत है जिन्हें पिछले सात से आठ महीनों में नुकसान उठाना पड़ा है।’’ 

राष्ट्रीय राजमार्ग पर ‘फूड ज्वाइंट्स की चेन’ चलाने वाले और प्रदर्शनकारी पहलवानों के करीबी माने जाने वाले देवेंद्र सिंह कादियान ने आईडी नानावटी को 32-15 से हराकर वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया। संजय के पैनल ने उपाध्यक्ष के चारों पदों पर जीत हासिल की।  दिल्ली के जय प्रकाश (37), पश्चिम बंगाल के असित कुमार साहा (42), पंजाब के करतार सिंह (44) और मणिपुर के एन फोनी (38) ने जीत हासिल की। मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव को उपाध्यक्ष चुनाव में सिर्फ पांच मत मिले। वह चुनाव के लिए नहीं आए। बृजभूषण के गुट के सत्यपाल सिंह देसवाल नये कोषाध्यक्ष होंगे। उत्तराखंड के देसवाल ने जम्मू-कश्मीर के दुष्यंत शर्मा को 34-12 से हराया। कार्यकारी समिति के पांचों सदस्य भी निवर्तमान अध्यक्ष के गुट से हैं।

संघ से जुड़े रहे हैं कुश्ती महासंघ के नये प्रसिडेंट संजय सिंह
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के नये प्रसिडेंट 51 वर्षीय संजय सिंह उत्तर प्रदेश के चंदौली के रहने वाले हैं। चंदौलीसेंट्रल डिफेंस मिनिस्टर  राजनाथ सिंह का लोकसभा क्षेत्र है। अब संजय सिंह परिजनों के साथ वाराणसी में रहते हैं। संजय सिंह कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और  बीजेप एमपी बृजभूषण शरण सिंह के करीबी है। संजय  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से भी जुडे़ रहे हैं। संजय सिंह पहले गांव वाली पहलवानी करते थे। इनके पिताजी और बाबा बड़े किसान थे। गांव में बड़ा अखाड़ा बनवा कर पहलवानों को लड़वाते थे। संजय सिंह 2008 में वाराणसी कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने। 2009 में उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ बना तो बृज भूषण शरण सिंह प्रदेश अध्यक्ष बने और संजय सिंह वरिष्ठ उपाध्यक्ष बने। संजय सिंह पिछले चार सालों से वो भारतीय कुश्ती संघ के संयुक्त सचिव थे। वह कई बार संघ की कार्यसमिति में भी शामिल रहे। कुश्ती महासंघ के पदाधिकारी होने के नाते उन्होंने कई विदेशी यात्राएं भी की। 

जिनको कुश्ती करनी है, वो कुश्ती करें. जिनको राजनीति करनी है, वो राजनीति करें

भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) अध्यक्ष का चुनाव जीतने के बाद संजय सिंह ने कहा कि जिनको कुश्ती करनी है, वो कुश्ती करें. जिनको राजनीति करनी है, वो राजनीति करें।” उन्होंने कहा कि आगे बच्चों के लिए कैंप लगाये जायेंगे। उनका साल खराब नहीं होने दिया जायेगा। ओलिंपिक में जाने वाले पहलवानों की तैयारी करायी जायेगी। 

स्टेट और केंद्र शासित प्रदेशों के पदाधिकारी चुनते हैं अध्यक्ष
WFI के पदाधिकारियों का चुनाव जनरल काउंसिल की बैठक में होता है। चुनाव में फेडरेशन से एफिलिएडेट एसोसिएशन के पदाधिकारी वोट डालते हैं। हर स्टेट फेडरेशन से प्रेसिडेंट और सेक्रेटरी यानी दो वोट होते हैं। दिल्ली से दो और बाकी केंद्रशासित प्रदेश के एक-एक वोट होते हैं।अगर एक पद के लिए एक से ज्यादा दावेदार हैं, तो ही वोटिंग होती है। ऐसा न हो, तो पदाधिकारी निर्विरोध चुन लिए जाते हैं। 2019 में बृजभूषण शरण सिंह निर्विरोध ही अध्यक्ष बने थे।

ब्रृज भूषण शरण सिंह 12 सालों से लगातार रहे कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष

बीजेपी एमपी बृज भूषण शरण सिंह 12 सालों से लगातार कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बने हुए थे। उनके खिलाफ 2023 की शुरुआत में ही महिला पहलवानों ने आंदोलन छेड़ दिया था। उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये थे। ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक तथा विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट सहित कई शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया था।इस मामले में एमपी के खिलाफ दिल्ली पुलिस जांच भी कर रही है। इस कारण से बृजभूषण को पद से हटना पड़ा। यह तय हुआ था कि वह खुद या उनके परिवार या रिश्तेदारी का कोई सदस्य भी चुनाव में नहीं उतरेगा। इसके बाद उन्होंने अपने करीबी संजय सिंह को चुनाव में उतार दिया, जिनको बड़ी जीत मिली है।