नेपाल: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी इस्तीफा नहीं देंगे कार्यवाहक पीएम ओली, फ्लोर टेस्ट का करेंगे सामना

नेपाल सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंगलवार को प्रतिनिधि सभा (नेपाली संसद) को बहाल करने के निर्णय के बाद भी कार्यवाहक पीएम केपी शर्मा ओली पद से इस्तीफा नहीं देंगे।

नेपाल: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी इस्तीफा नहीं देंगे कार्यवाहक पीएम ओली, फ्लोर टेस्ट का करेंगे सामना

काठमांडू।नेपाल सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंगलवार को प्रतिनिधि सभा (नेपाली संसद) को बहाल करने के निर्णय के बाद भी कार्यवाहक पीएम केपी शर्माओली पद से इस्तीफा नहीं देंगे।ओली फ्लोर टेस्ट का सामना करेंगे। कार्यवाहक पीएम केकरीबी के करीबी सूर्य थापा ने न्यूज एजेंसी रायटर से बुधवार को इसकी जानकारी दी। 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बादओली ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी  के कुछ सहयोगियों से मिलना शुरू कर दिया है। कोर्ट ने प्रतिनिधि सभा को भंग करने के सरकार के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए आठ मार्च तक संसद का सत्र बुलाने का आदेश दिया है।ओली के करीबी सूर्य थापा ने न्यूज एजेंसी रायटर से कहा कि पीएम इस्तीफा नहीं देंगे। इसे लेकर कोई सवाल ही नहीं है। वह संसद का सामना करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का विपक्षी दलों ने स्वागत किया

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का विपक्षी दलों ने स्वागत किया है। नेपाल के रूपनदेही, नवलपरासी, कपिलवस्तु सहित मधेश के 22 जिलों में विपक्षी नेताओं ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए इसे संविधान की जीत बताया है। नेपाली कांग्रेस, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी सहित अन्य दलों के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह मोटरसाइकिल जुलूस व कैंडल मार्च निकाल खुशी का इजहार किया। नेपाल के बेलहिया, भैरहवा, बुटवल, महेशपुर, परासी, लुंबिनी आदि शहरों में लोगों ने सड़कों पर आकर खुशी जताई।

सुप्रीम कोर्ट के फैसला संविधान व जनता की जीत: कंडेल

पूर्व गृह राज्यमंत्री व नवलपरासी के सांसद देवेंद्र राज कंडेल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संविधान व जनता की जीत बताया। उन्होंने कहा कि 20 दिसंबर 2020 को प्रतिनिधि सभा को भंग करने का निर्णय व विभिन्न संवैधानिक निकायों में की गई नियुक्तियां असंवैधानिक थीं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह साबित हो गया कि ओली सरकार का निर्णय पूरी तरह से गलत था। रूपनदेही के सांसद प्रमोद यादव ने भी फैसले को राहत देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि पीएम को प्रतिनिधि सभा भंग करने का अधिकार नहीं है।पीएम की सिफारिश पर प्रतिनिधि सभा भंग करने का निर्णय संविधान की मूल भावना के खिलाफ था।भैरहवा एमएलए संतोष पांडेय ने कहा कि यह नेपाली जनता की जीत है। नेपाल के लिए यह दिन ऐतिहासिक है। कोर्ट के निर्णय से संविधान विरोधी ताकतों की पराजय हुई है।
गौरतलब है कि ओली सरकार की सिफारिश पर 20 दिसंबर को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संसद भंग कर दिया था और चुनाव कराने की घोषणा की थी। इसके बाद से देश में देश में राजनीतिक संकट जारी है।