झारखंड: राष्ट्रीय खेल घोटाले की होगी सीबीआई जांच, हाई कोर्ट ने दिया आदेश

झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की कोर्ट में राष्ट्रीय खेल घोटाले मामले की सीबीआई जांच को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि झारखंड सरकार सीबीआई जांच में सहयोग करेंगे। 

झारखंड:  राष्ट्रीय खेल घोटाले की होगी सीबीआई जांच, हाई कोर्ट ने दिया आदेश

रांची। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की कोर्ट में राष्ट्रीय खेल घोटाले मामले की सीबीआई जांच को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि झारखंड सरकार सीबीआई जांच में सहयोग करेंगे। 

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कोर्ट ने सीबीआई को इस बात की भी जांच करने का निर्देश दिया है कि एसीबी के किन अफसरों के चलते इस मामले की जांच में देरी हुई है। कोर्ट ने कहा कि स्टेट गवर्नमेंट सीबीआई को संसाधन और फाइल उपलब्ध कराएगी। अगर स्टेट गवर्नमेंट की ओर से कमी की जाती है तो सीबीआई हाईकोर्ट को इसकी सूचना देगी। इसके बाद कोर्टइस पर आदेश पारित करेगी।

28.34 करोड़ का है राष्ट्रीय खेल घोटाला

उल्लेखनीय है कि सीबीआई खेल सामग्री घोटाला के साथ- साथ मेगा स्पोर्ट्स कम्प्लेक्स घोटाले की जांच करेगी। कम्प्लेक्स के निर्माण में करीब 200 करोड़ का घोटाला हुआ है। विधानसभा कमेटी ने एसीबी से जांच कराने को कहा था लेकिन स्पोर्ट्स कम्प्लेक्स मामले की जांच अबतक नहीं हुई है। 34वें राष्ट्रीय खेल के दौरान हुआ यह घोटाला 28.34 करोड़ रुपये का है। इसमें जरूरत से अधिक खेल सामग्री खरीदी गई थी। सामग्री अधिक मूल्य पर भी खरीदी गई थी। खेल सामग्री खरीद के लिए टेंडर समिति बनी थी। इसमें राष्ट्रीय खेल आयोजन समिति (एनजीओसी) के महासचिव एसएम हाशमी और कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक थे। वहीं, निदेशक पीसी मिश्रा थे। इस घोटाले में तीनों के विरुद्ध झारखंड पुलिस की एसीबी पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
एसीबी ने वर्ष 2010 में दर्ज की थी FIR
झारखंड पुलिस की एसीबी ने 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले में निगरानी थाना कांड संख्या 49/2010 दर्ज कर इन्विस्टगेशन शुरू किया था। इसमें आरके आनंद, बंधु तिर्की सहित कई आरोपित किये गये थे। आरोपितों पर राष्ट्रीय खेलों से संबंधित तैयारियों, समारोह के आयोजन व वस्तुओं के क्रय में अनियमितता की पुष्टि हुई थी। इस कांड में अप्राथमिक अभियुक्त सुविमल मुखोपाध्याय, एचएल दास, प्रेम कुमार चौधरी, शुकदेव सुबोध गांधी व अजीत जोइस लकड़ा के विरुद्ध भी चार्जशीट समर्पित करने व अभियोजन चलाने के लिए संबंधित सक्षम प्राधिकारों से अभियोजन स्वीकृति मांगी जा चुकी है। एसीबी ने इस कांड का अनुसंधान जारी रखते हुए प्राथमिकी अभियुक्त प्रकाश चंद्र मिश्र व सैयद मतलूब हाशमी के विरुद्ध 09 जनवरी 2015 को आरोप पत्र दाखिल किया था। वहीं, प्राथमिकी अभियुक्त मधुकांत पाठक के विरुद्ध 16 अप्रैल 2018 को आरोप पत्र दाखिल हुआ था।